बीएचयू के गोल्ड मेडलिस्ट ने बनाई वल्र्ड की सबसे बड़ी व छोटी पेटिंग बीएचयू के स्टूडेंट अपनी ड्राइंग सेल करके उठाते हैैं अपनी पढ़ाई का खर्चा


वाराणसी (ब्यूरो)काशी जितनी महान नगरी है, उतने ही महान यहां के कलाकार भी हैं। हर आर्टिस्ट अपने सेक्टर में सफलता पाने के लिए मेहनत कर रहा है। ऐसे ही कुछ आर्टिस्ट हैं बीएचयू के, जो न सिर्फ अपने बेहतर हुनर के लिए प्रसिद्ध हैं। साथ ही अपनी पढ़ाई का खर्चा भी खुद उठा रहे हंै। बीएचयू के कुछ आर्टिस्ट ऐसे भी हैं जोकि कई वल्र्ड रिकॉर्ड भी बना चुके हैं। वल्र्ड आर्ट डे के खास मौके पर हम आपको काशी के ऐसे ही महान कलाकारों से रूबरू कराते हैं.

सतीश ने बनाया वल्र्ड रिकॉर्ड

बीएचयू के गोल्ड मेडलिस्ट रहे सतीश कुमार पटेल वल्र्ड की सबसे छोटी और सबसे बड़ी पेटिंग बना चुके हंै। सतीश अपनी इन ही पेटिंग को सेल करके अपना ड्रांइग बनाने का खर्चा भी उठाते हैं। दरअसल ड्रांइग बनाने में ब्रश कलर और तमाम चीजों का खर्चा होता है, इसलिए सतीश अपनी बनाई आर्ट को सेल कर देते हैं। सतीश ने वल्र्ड आर्ट डे के खास मौके पर मां दुर्गा की सबसे छोटी 4 एमएम की पेंटिंग और वल्र्ड की सबसे बड़ी 6.8 फीट लंबी व 4.3 इंच चौड़ी मां दुर्गा की पेटिंग बना कर वल्र्ड रिकॉर्ड बनाया है.

कमाल की है अनिल की मूर्ति

अनिल कुमार पटेल बीएचयू से पासआउट हैं। उन्होंने पॉटरी सेरामिक डिपार्टमेंट से गोल्ड मेडल पाकर 2023 में मास्टर ऑफ फाइन आट्र्स की डिग्री हासिल की है। इन्होंने बहुत से खिलौने, अमूर्त मूर्ति का निर्माण किया है। यह एक मूर्तिकार हैं और यह चाहते हैं कि इस सेक्टर में जो बच्चे आगे बढऩा चाहते हैं उन्हें पढ़ाई में पैसा बाधा न बने। इसलिए यह अपनी तैयार की गई मूर्ति को बेचकर उन बच्चों को मूर्ति तैयार करने की सामग्री देते हैं और सिखाते भी हैं। साथ ही यह वर्तमान में सीएचएस स्कूल में कला अध्यापक भी हैं.

गोपाल का टीचर बनने का हैै सपना

बीएचयू से मास्टर ऑफ फाइन, फाइनल ईयर के स्टूडेंट गोपाल ने बीएचयू से बीएफए में गोल्ड मेडल भी पाया है। यह अपनी आर्ट में ध्वनि प्रदूषण की परेशानी को बयां करते हैं। इनकी आर्ट के दीवाने सिर्फ बनारस शहर में नहीं हैं। बनारस घूमने आए दूसरे शहर के लोगों ने भी इनके द्वारा तैयार की गई मूर्ति को खरीदा है। यह आगे गवर्नमेंट टीचर बनना चाहते हैैं। इसलिए तैयारी के दौरान होने वाले किताबों और अन्य खर्चों को वह अपनी मूर्ति सेल करके मैनेज करते हैं.

बेकार चीजों से बनाती हैं आर्ट

प्रियंका पटेल को बचपन से ही अपने घर की बेकार चीजों से कुछ न कुछ बनाने का शौक था। आज उन्हीं बेकार चीजों (पेंसिल, पेन के ढक्कन, फाइबर गिलास, कैंची) से वह कलाकृति तैयार करती हंै। प्रियंका पटेल बीएफए सेकेंड ईयर, चित्रकला विभाग की स्टूडेंट हैं। इन्हें इनके बेहतर प्रदर्शन के लिए बीएचयू से गोल्ड मेडल भी मिल चुका है। प्रियंका पढ़ाई के साथ-साथ कम उम्र से ही गरीब बच्चों को पढ़ाती भी हैं.

Posted By: Inextlive