-यूनिवर्सिटी ने तैयार किया प्रपोजल, कई सब्जेक्ट्स का संगम

-वीसी की पहल, चार सदस्यीय कार्य समूह गठित

VARANASI:

लगभग सौ साल पहले मां गंगा की अविरलता के लिए लड़ने वाले बीएचयू के संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के नाम पर सेंटर स्थापित करने की तैयारी स्टार्ट कर दी गई है। यह सेंटर उनकी कालजयी रचना काशी हिंदू यूनिवर्सिटी में बनेगा। इसके लिए यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। गिरीश चंद्र त्रिपाठी हैं। उन्होंने राय मशविरा कर सेंटर के गठन का प्रपोजल भी तैयार कराया है। यूजीसी में इसका खाका भी प्रस्तुत कर दिया गया है। विस्तृत रूपरेखा तय करने के लिए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने कार्यसमूह भी बना दिया है। 'नदी विकास एवं जल संसाधन प्रबंधन मालवीय शोध केंद्र' अपने नाम के अनुरूप नदियों के विकास के बाबत रिसर्च की राह प्रशस्त करेगा। यह पहल मां गंगा व अन्य नदियों की अस्मिता और निर्मलता की दिशा में सक्रिय योगदान करेगी। संस्थान में गंगा व अन्य नदियों की जीवनधारा से जुड़े रिसर्च किए जाएंगे। धीरे-धीरे अन्य सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी।

जुड़ेंगे कई डिपार्टमेंट

यह सेंटर अंतर्विषयी होगा। आरंभ में चार संस्थानों, पांच डीन व ख्0 डिपार्टमेंट की सहभागिता रहेगी। इनमें पर्यावरण विज्ञान, पर्यावरण इंजीनियरिंग, सूचना तकनीकी, भौमिकी, भूगोल, रसायन, माइक्रोबायोलॉज, समाजशास्त्र, जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, अर्थशास्त्र, नैनो टेक्नोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, पारिस्थितिकी तंत्र आदि सब्जेक्ट शामिल होंगे। दूसरे शब्दों में सेंटर में केवल एक सब्जेक्ट नहीं बल्कि कई सब्जेक्ट का संगम होगा। कोर्स भी स्टार्ट किए जाएंगे ताकि बदलते दौर में जल संसाधन के बेहतर उपयोग, संरक्षण, संचयन, प्रदूषण मुक्ति की नवीन राहें निकल सकें। यूनिवर्सिटी की अधिसूचना के मुताबिक गठित कार्य समूह में पर्यावरणविद् व नदी विशेषज्ञ प्रो। बीडी त्रिपाठी, सोशियोलाजी के प्रो। एके जोशी, माइकोलॉजी एंड प्लांट पैथोलॉजी के प्रो। रमेश चंद व बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के डॉ। प्रदीप श्रीवास्तव शामिल हैं।

Posted By: Inextlive