बनारस में नरेन्द्र मोदी के नामांकन में श्चह्मश्रश्चश्रह्यद्गह्म के रूप में पार्टी तलाश रही चाय वाले को

वडोदरा की तरह राजघराने का एक सदस्य भी चाहिए

VARANASI : क्या कोई चाय बेचने वाला है जो एक चाय बेचने वाले का पीएम बनने सपना पूरा कर सकता है? पूरे शहर में उसकी तलाश जोर-शोर से हो रही है। दो-चार लोग बल्कि सैकड़ों-हजारों लोग तलाश में जुटे हुए हैं। आप सोच रहे होंगे यह हम किसकी बात कर रहे हैं। यहां बात हो रही है बीजेपी के पीएम कैंडीडेट और बनारस संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे नरेन्द्र मोदी की। चाय बेचने वाले से पीएम पद के दावेदार बने मोदी के ख्ख् अप्रैल को नामांकन करने की उम्मीद है। पार्टी चाहती है कि वडोदरा में जिस तरह नामांकन के दौरान नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावक के रूप में एक चाय वाला और राजघराने की मेम्बर थी वैसे ही बनारस में भी प्रस्तावक चाय वाला और राजघराने का कोई मेम्बर हो। चाय वाले की तलाश में पार्टी के स्थानीय नेता जोर-शोर से लगे हैं। वहीं राजघराने के मेम्बर्स के इस मामले में सम्पर्क करने की कोशिश की जा रही है।

हर जगह हो रही तलाश

नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावक की तलाश पूरे शहर में जोर-शोर से हो रही है। वडोदरा की तरह बनारस में भी नामांकन हो ऐसी कोशिश पार्टी की ओर से की जा रही है। जैसे वडोदरा में एक चाय वाला और एक राजघराने की मेम्बर प्रस्तावक बनी, ऐसा ही बनारस में करने की तैयारी है। राजघराने का कोई मेम्बर प्रस्तावक बने इसके लिए पार्टी के सीनियर लीडर बनारस में मौजूद राजघराने के सदस्यों से बातचीत कर रहे हैं। जहां से हरी झण्डी मिलेगी वहां से एक प्रस्तावक तय कर दिया जाएगा। इसके साथ ही एक चाय वाला चाहिए। उसकी तलाश में पार्टी को भटकना पड़ रहा है। सिटी में दस हजार से अधिक चाय वाले हैं। इनमें से प्रस्ताव के रूप में कौन सबसे सुटेबल होगा? यह तय करना जरूरी है।

कोई अपना होना चाहिए

चाय वाले को प्रस्तावक के रूप में चुनने के लिए पार्टी की पहली शर्त है कि वह बीजेपी का कट्टर सपोर्टर होना चाहिए। इसके बाद वह फेमस हो। ऐसा चाय वाले सबसे सुटेबल होगा जहां ढेरों बुद्धिजीवियों को उठना-बैठना हो। पार्टी के सामने सबसे बड़ी परेशानी है कि शहर में दो दर्जन से अधिक फेमस चाय वाले हैं। लंका से लेकर मैदागिन और अस्सी से लेकर कैंट स्टेशन तक कई ऐसे टी स्टाल्स हैं जहां शहर के प्रतिष्ठित लोगों का उठना-बैठना होता है। इनमें से कई पार्टी के सपोर्टर हैं। पार्टी से जुड़े लोगों की ओर से सीनियर लीडर्स के पास लगातार इनकी पैरवी आ रही है।

यहां तय होती है देश की राजनीति

बनारस के चाय की अडि़यां पूरी दुनिया में मशहूर हैं। इन पर किताबें लिखी गयी हैं और फिल्म भी बनी है। न जाने कितने देशों में बनारस की चाय की अडि़यों को डाक्यूमेंट्री में दिखाया गया है। लगभग हर चाय की दुकान पर अड़ी लगती है लेकिन फेमस अडि़यों की संख्या दो दर्जन के आसपास है। इन अडि़यों से दिग्गज पॉलिटिकल परसन, साहित्यकार, कलाकार निकले और देश ही नहीं दुनिया में अपनी पहचान बनायी है। चाय की अडि़यों पर लगभग रोज की अपने-अपने फील्ड के माहिर जमा होते हैं। देश की राजनीति से लेकर समस्याओं पर गंभीर चर्चा होती है। उनका हल भी निकाला जाता है।

भाजपाई चाय से बनाते रहे हैं माहौल

बनारस की चाय की दुकानों की अहमियत भाजपाई अच्छी तरह से समझते हैं। पार्टी की ओर से नरेन्द्र मोदी के पीएम कैंडीडेट बनाने की घोषणा के बाद से ही वह चाय के जरिये माहौल बनाने लगे थे। नरेन्द्र मोदी ने भी कई बार चाय-चौपाल लगाई थी। चाय की दुकानों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुखातिब हुए। हाल में बनारस आए नरेन्द्र मोदी के हमशक्ल भी चाय की दुकान पर पहुंचे। लोगों को चाय पिलाकर चाय की मोदी से जोड़ने का प्रयास किया है।

चाय वाला नरेन्द्र मोदी का प्रस्तावक बने तो काफी अच्छा होगा। अपने शहर में चाय की दुकानों पर बड़े-बड़े दिग्गज पहुंचते हैं। यही वह जगह है जहां सबसे अधिक आपसी प्रेम और भाईचारा नजर आता है।

अशोक पाण्डेय

प्रदेश प्रवक्ता (भाजपा)

नरेन्द्र मोदी के नामांकन में वडोदरा की तरह बनारस में भी एक चाय वाला होना चाहिए। बनारस की चाय की अडि़यां पूरी दुनिया भर में मशहूर हैं। यहां से निकला संदेश देश ही दुनिया में पहुंचता है।

अनूप जायसवाल

महानगर संयोजक (भाजपा अन्त्योदय प्रकोष्ठ)

नरेन्द्र मोदी का प्रस्तावक बनने का मौका मिला तो उसे स्वीकार करेंगे। यह हमारे लिए गौरव की बात होगी। वह बीजेपी की ओर से बनारस संसदीय सीट के साथ पीए कैंडीडेट हैं। उनके जीतने पर शहर के साथ देश का विकास होगा।

विश्वनाथ सिंह (पप्पू)

पप्पू टी स्टाल

यह हमारे लिए सम्मान की बात होगी। बीजेपी के पीएम कैंडीडेट नरेन्द्र मोदी का प्रस्तावक बनने का प्रस्ताव हम सहर्ष स्वीकार करेंगे। वह बनारस से चुनाव लड़ रहे हैं यह हम सबके लिए गौैरव की बात है।

राकेश राकेश टी स्टाल

बनारस संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे पार्टी के पीएम कैंडीडेट नरेन्द्र मोदी के नामांकन में प्रस्तावक एक चाय वाला बने तो इससे अच्छा क्या होगा। बनारस में चाय की दुकानें बुद्धिजीवियों का प्रमुख अड्डा हैं।

रोहन प्रताप सिंह

प्रदेश सहसंयोजक (भाजपा खेलकूद प्रकोष्ठ)

Posted By: Inextlive