-गाजीपुर से अष्टधातु की कीमती मूर्ति को बेचने के लिए युवक पहुंचा था बनारस

--STF ने सारनाथ के रंगोली तिराहे के पास से किया गिरफ्तार

VARANASI

भगवान वैसे तो मंदिरों में रहकर भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं लेकिन अगर भगवान की कीमत करोड़ों में आंकी जाये तो फिर इंसान उनको पूजना छोड़ उन्हें छिपाकर रखने में भरोसा करता है। कुछ इसी लालच में एक युवक ने अष्टधातु की कीमती प्रतिमा को भूसे में छिपाकर रखा था और मौका मिलते ही सोमवार को इसका सौदा करने पहुंचा था लेकिन उससे पहले ही एसटीएफ ने उसे मूर्ति संग अरेस्ट कर लिया। एसटीएफ सोर्सेज के मुताबिक बरामद मूर्ति सैकड़ों साल पुरानी है और उसकी कीमत दस करोड़ रुपये आंकी गई है। मूर्ति कहीं से चोरी हुई है या फिर इसे किसी दूसरे स्टेट से लाया गया था? इसकी जांच जारी है।

उतरा ऑटो से बोरा लेकर

यूपी एसटीएफ को कई दिनों से इंफॉर्मेशन मिल रही थी कि कीमती मूर्तियां लाकर उनका सौदा बनारस व आसपास के कई जिलों में चल रहा है। इस पर एक्टिव हुए एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने एएसपी ज्ञानेन्द्र नाथ प्रसाद व बनारस की एसटीएफ टीम को इसकी जांच के लिए लगाया। इस बीच सोमवार को टीम को गाजीपुर के एक व्यक्ति को अष्टधातु की सैकड़ों साल पुरानी कीमती मूर्ति के साथ बनारस के सारनाथ स्थित रंगोली तिराहे पर पहुंचने की सूचना मिली। इस पर टीम ने वहां घेरेबंदी कर ऑटो से बोरे संग उतर रहे व्यक्ति को पकड़ लिया। बोरे की तलाशी में सैकड़ों वर्ष पुरानी अष्टधातु की कीमती मूर्ति बरामद हुई। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पकड़ा गया आरोपी संजय यादव गाजीपुर का निवासी है।

उसे रखने को दी थी मूर्ति

गिरफ्तार संजय ने बताया किवह बलिया जिले के सहतवार में कई सालों से फेरी लगाने का काम करता था। इसी दौरान बेचूराम निवासी बगही, थाना सहतवार, जिला बलिया ने उसे दो साल पहले इस मूर्ति को सुरक्षित रखने के लिए दिया था और बताया था कि यह मूर्ति काफी कीमती व पुरातात्विक महत्व की है। बेचूराम ने यह भी कहा था कि ग्राहक मिलने इसे बेचेगा। उस वक्त बेचूराम ने मूर्ति रखने के एवज में उसे एक हजार रुपये भी दिये थे। जिसके बाद उसने मूर्ति को अपने घर में भूसे में छिपाकर रखा था। तभी से वह खुद इस मूर्ति को बेचने के फिराक में था। इस बीच सोमवार को उसने सारनाथ के पास एक तस्कर से इसका सौदा करने की बात की और मूर्ति लेकर बेचने को पहुंचा तभी एसटीएफ ने उसे पकड़ लिया। संजय ने यह भी बताया कि उसने अपने स्तर से उक्त मूर्ति की जॉच करायी थी। बरामद मूर्ति का वजन क्ब्.ब्70 किग्रा है। इसमें एक बटा आठ भाग सोना है।

Posted By: Inextlive