-ओवरलोडेड व्हीकल्स के खिलाफ हुई कार्रवाई से कांस्ट्रक्शन वर्क पर पड़ा असर

-ट्रांसपोर्टेशन चार्ज की भरपाई के लिए कारोबारियों ने बिल्डिंग मैटीरियल्स के बढ़ाए रेट

VARANASI

Case-1

चितईपुर के राघवेंद्र चौबे का कहना है कि ओवरलोड गाडि़यां आती थीं तो बालू, गिट्टी के रेट में काफी छूट मिलता था। अब ऐसी गाडि़यों पर बैन है तो बालू-गिट्टी के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में मकान बनाने का काम बीच में ही रोककर सस्ता होने का इंतजार किया जा रहा है।

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अर्दली बाजार के विवेक पाठक दो मंजिला मकान बनवा रहे हैं। पिछले माह बालू भ्0 रुपये प्रति घनफीट खरीदे थे, अब 80 रुपये प्रति घनफीट बालू पहुंच गया है। ख्0एमएम गिट्टी भ्8 रुपये प्रति घनफीट से 8भ् रुपये प्रति घनफीट में बिक रही है। क्0 एमएम की गिट्टी ब्0 रुपये प्रति घनफीट से बढ़कर म्भ् रुपये हो गई है। लिहाजा निर्माण कार्य बंद चल रहा है।

डबल रेट से रुके निर्माण कार्य

ये दोनों केस तो महज एग्जाम्पल हैं। शहर में ऐसे तमाम लोग हैं जिन्होंने अपने सपनों के आशियाने का निर्माण कार्य इसलिए रोक दिया है क्योंकि उन्हें बालू-गिट्टी ही नहीं मिल रही है। यदि मिल भी रही है तो उसके रेट इतने हाई हैं कि नहीं लेने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं। सिटी के तमाम ऐसे बिल्डर्स हैं जिन्होंने अपने कंस्ट्रक्शन वर्क रोक दिए है। इसके पीछे कारण बस यही है कि नई सरकार बनने के बाद ओवरलोडिंग पर रोक लगा दिया गया है। इसलिए ट्रांसपोर्टेशनमें अधिक हो रहे खर्च की भरपाई के लिए कारोबारियों ने बिल्डिंग मैटीरियल्स के रेट ही बढ़ा दिए हैं। पिछले कुछ दिनों से ही बिल्डिंग मैटीरियल्स के रेट डबल हो गए हैं।

फ्0 दिन के अंदर बढ़े दाम

ओवरलोडिंग व्हीकल्स के खिलाफ कार्रवाई से बालू, गिट्टी, स्टील, रेता, बजरी व सीमेंट के दाम में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। ट्रांसपोर्‌र्ट्स ने भी माल ढुलाई का किराया बढ़ा दिया है। मार्च माह में बालू भ्0 रुपये प्रति घनफीट रहा, इस समय 80 रुपये प्रति घनफीट पहुंच गया है। गिट्टी ख्0एमएम भ्8 रुपये प्रति घनफीट से 8भ् रुपये प्रति घनफीट बिक रही है। गिट्टी क्0 एमएम ब्0 रुपये प्रति घनफीट से बढ़कर म्भ् रुपये पर मिल रही है। स्टील फ्8 हजार रुपये प्रति टन से बढ़कर ब्ब् हजार पांच सौ प्रति टन के भाव से बिक रहा है। सीमेंट में प्रति बोरी भ्0 रुपये की उछाल आई है। वर्तमान में सीमेंट फ्भ्0 रुपये प्रति बोरी बिक रहा है।

लाल बालू की डिमांड अधिक

अवैध खनन पर पूरी तरह बैन लगाने के साथ ही गैर कानूनी ओवरलोडिंग बंद कर दिया गया है। लिहाजा बिहार, सोनभद्र से लाल बालू की आवक लगभग ठप सी हो गई है। आ भी रही है तो डबल रेट में बिक रही है। मकान के निर्माण में गंगा बालू की डिमांड अधिक रहती है। गिट्टी, मोरंग बालू आदि की कीमतें बढ़ती ही जा रही हैं। सीमेंट के दाम में भी रह-रहकर उछाल आ रहा है। सीमेंट व स्टील की कीमतों में भई बेतहाशा वृद्धि होने से निर्माण की लागत बढ़ गई है।

मजदूरों को रोजगार का संकट

पीएम की मंशा 'सबको आवास' पर भी असर पड़ा है। हजारों कामगार बेरोजगार हो गए हैं। डिस्ट्रिक्ट में लगभग सौ से अधिक बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन वर्क चल रहा है। इसमें पचास से अधिक कंस्ट्रक्शन वर्क इन दिनों बिल्डिंग मैटीरियल्स के रेट बढ़ने की वजह से बंद चल रहे हैं। लिहाजा बिहार-एमपी, पूर्वाचल भर के मजदूरों के रोजगार पर भी संकट छाया हुआ है।

ओवरलोडिंग से यह नुकसान

सूबे की सरकार को ओवरलोडिंग से लाखों के रेवेन्यू का नुकसान तो हर रोज हो ही रहा था, साथ ही ओवरलोडिंग से सड़क हादसे में भी तेजी से वृद्धि होती जा रही थी। सड़कें खस्ताहाल होने से लेकर अपराध का ग्राफ भी ओवरलोडिंग के धंधों से बढ़ रहा था।

एक नजर

मार्च में था ये रेट

-भ्0 रुपये प्रति घनफीट बिक रहा बालू

-भ्8 रुपये प्रति घनफीट ख्0 एमएम की गिट्टी

-ब्0 रुपये प्रति घनफीट क्0 एमएम की गिट्टी

-फ्8 हजार रुपये प्रति टन मिल रहा स्टील

-फ्00 रुपये प्रति बोरी हुआ सीमेंट का दाम

अप्रैल में कीमत

-80 रुपये प्रति घनफीट बालू

-8भ् रुपये प्रति घनफीट ख्0 एमएम की गिट्टी

-म्भ् रुपये प्रति घनफीट क्0 एमएम की गिट्टी

-ब्ब् हजार पांच सौ रुपये प्रति टन में मिल रहा स्टील

-फ्भ्0 रुपये प्रति बोरी मिल रहा सीमेंट

ओवरलोडिंग बंद होने से ट्रांसपोर्टेशनचार्ज की भरपाई के लिए कारोबारियों ने रेट बढ़ा दिए हैं। जिससे कंस्ट्रक्शन वर्क पर असर पड़ा है। योगी सरकार गिट्टी, बालू, मोरंग सहित मकान निर्माण से जुड़ी सामग्रियों की कीमतों पर कंट्रोल के लिए ठोस व कारगर कदम उठा रही है। जल्द ही परिणाम सकारात्मक मिलेंगे।

अनुज डिडवानिया

अध्यक्ष, वाराणसी बिल्डर्स एंड डेवलपर्स एसोसिएशन

Posted By: Inextlive