गलियों और रोड पर गोशाला नहीं है कोई बोलने वाला
-शहर में गलियों से लेकर रोड तक पर चल रहा तबेला
- नगर निगम पशुपालकों को नहीं कर पा रहा शहर से बाहरबनारस बदल रहा है। सुविधाएं स्मार्ट हो रही हैं। ये तो इस शहर की उजली तस्वीरें हैं। मगर आज हम आपको उस तस्वीर से वाकिफ करा रहे हैं जो इस शहर के लिए धब्बा है। गलियों के इस शहर में रोड पर ही अवैध ढंग से तबेला चल रहा है। कॉलोनी हो या गली हर जगह पशुपालकों ने कब्जा कर लिया है। रोड पर पालतू जानवर बांधे जा रहे हैं। इनकी वजह से कई सारी दिक्कतें आती हैं। लेकिन उन समस्याओं पर गौर करने वाला कोई नहीं है। हालांकि इन पशुओं को शहर से बाहर करने के लिए कैटल कॉलोनी योजना चल रही है। मगर पशुपालकों का इस स्कीम में कोई इंट्रेस्ट नहीं है। नगर निगम भी कार्रवाई के नाम पर कभी-कभी नींद से जागता है तो दो चार पर जुर्माना ठोंक देता है। आप भी जानिये कैसे इस शहर को तबेला बदूसरत बना रहा है।
-स्थान- नरहरपुरा, लोहटिया -12:30 बजे दोपहरलोहटिया बनारस के सबसे घने इलाकों में से एक है। गलियां ऐसी की दो गाडि़यां पास नहीं हो सकती। ट्रैफिक का तो पूछिये मत। संडे या छुट्टी वाले दिन को छोड़कर पूरे वीक यहां की हर गली जाम से जूझती है। इसी इलाके की एक गली नरहरपुरा गोशाला में बदल गयी है। रोड पर पशु बांधे जाते हैं। लोग इन पशुओं के बीच से ही आते हैं। करीब 30 से ज्यादा जानवरों को इस रोड पर दिन-रात कब्जा रहता है।
-रियलिटी चेक नंबर-2 -स्थान -पांडेयपुर -समय -1:45 बजे दोपहर पांडेयपुर भी ट्रैफिक के मामले में बहुत बिजी रहता है। यहां हनुमान मंदिर के पीछे से निकलने वाली सड़क मौजूदा समय में पूरी तरह से गोबर से पटी है। कारण कि यहां रोड के दोनों साइड गोशालाएं चल रही है। रोड पर जगह-जगह गोबर का ढेर लगा है। यहां भी तकरीबन दो तीन की संख्या में गोशालाएं संचालित हो रही है। जिसके चलते अक्सर गाय भैसों को सड़क पर ही बांध दिया जाता है। -रियलिटी चेक नंबर-3 -स्थान - कबीरचौरा -समय - 2:40 मिनटशहर के बिल्कुल बीच में पड़ने वाले कबीरचौरा इलाके में मौजूदा समय में एक दर्जन से ज्यादा छोटी बड़ी गोशालाएं चल रही है। इसके अलावा मकानों के अंदर संचालित होने वाली गोशाला की गायों व भैसों को दोपहर के समय मोहल्ले की सड़कों पर बैठने के लिए छोड़ दिया जाता है। कई बार पशु राहगीरों को घायल तक कर देते हैं। बावजूद इसके इन पर कार्रवाई नहीं होती है।
ये इलाके हैं तबेला के हब 1- ईश्वरगंगी 2- नरहरपुरा 3- दारानगर 4-कबीरचौरा 5- बुलानाला 6-पांडेयपुर 7-पहडि़या 8-हनुमान घाट 9-सिगरा 10- नरिया ये होती परेशानी - रोड पर गोशाला होने से गली रहती है हमेशा जाम - गोबर नालियों में जाने से शहर का पूरा सीवर हो जाता है जाम - रोड पर गंदगी का रहता है अंबार - कुछ ही दिन में रोड हो जाती है खराब - रास्ते पर ही लगा रहता है गोबर का ढेर - कई बार राहगीरों को घायल कर देते हैं जानवर - तबेलों के जरिये कर रहे अवैध कब्जा यहां कर सकते हैं कम्प्लेन - नगर निगम के संबंधित जोन या फिर नगर आयुक्त कार्यालय में - अपर नगर आयुक्त के मो। नं। 8299862275 पर भी कर सकते हैं - नगर निगम के शिकायत पोर्टल पर भी दर्ज करा सकते हैं शिकायत इनका कैसे करें चालानपशुपालक सिर्फ गलियों और कॉलोनियों में ही कब्जा नहीं करते बल्कि मेन रोड पर भी पशुओं को लेकर निकल जाते हैं। सिगरा हो या कबीरचौरा रोड रोजाना ट्रैफिक के बीच से गाय और भैंसें आती-जाती हैं। जिससे टै्रफिक जाम हो जाता है। पब्लिक पर ट्रैफिक नियम तोड़ने पर तो कार्रवाई होती है मगर इन पशुओं पर लगाम लगाना मुश्किल हो रहा है।
जुर्माना का नहीं है डर ऐसा नहीं है कि रोड पर तबेला चलाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। इन पर लगाम लगाने के लिए जुर्माने का नियम है। जिसके तहत रोड पर तबेला चलाने वालों पर 1000 रु की फाइन लगायी जाएगी। साथ ही यदि गायों को पकड़कर काजी हाउस में बंद किया जाता है तो पशु मालिक से 200 रु प्रतिदिन जुर्माना भी वसूल किया जाएगा। इस सबके बावजूद पशुपालकों में इस कार्रवाई का कोई डर नहीं है। कैटल कॉलोनी किस काम कीशहर से गोशालाएं हटाने के लिए प्रदेश सरकार ने कैटल कॉलोनी योजना स्टार्ट की। जिसके तहत शहर के बाहर गोशाला बनेगी। जिसमें निर्धारित फीस देकर कोई भी पशुपालक अपने पशुओं को उसमे रख सकता है। बनारस में भी इस योजना के तहत दो जगहों पर कैटल कॉलोनी बनायी गयी है। एक चोलापुर मार्केट के पास तो दूसरी इसी ब्लॉक के छित्तमपुर गांव में बनायी गयी। चोलापुर में 54 प्लॉट तो छित्तमपुर में 76 प्लॉट है। लेकिन बहुत कम पशुपालकों ने इस योजना में इंट्रेस्ट दिखाया। अब तक करीब 35 पशुपालकों ने ही प्लॉट अलॉट कराया है। बाकी शहर में ही पहले की तरह तबेला चला रहे हैं।
घर के सामने ही गोशाला चल रहा है। जिसके चलते अक्सर सड़क पर बहुत ज्यादा गोबर का ढेर रहता है। गायों को कई बार सड़क पर ही बांध दिया जाता है। जिससे आने-जाने में बहुत परेशानी होती है । मोहनलाल श्रीवास्तव, पांडेयपुर गली में ही गोशाल संचालित हो रहा है। गाय और भैंसों को बीच रोड पर ही बांध दिया जाता है। पूरी सड़क गंदगी से पटी रहती है। हमेशा दुर्गंध आती है। कम्प्लेन के बाद भी र्कावाई नहीं हो रही है। राहुल जायसवाल , लोहटिया