- एक ही छत के नीचे मिलेंगे सारे विभागों के ऑफिस

- लोगों को काम के लिए नहीं भटकना पड़ेगा इधर-उधर

VARANASI

वह दिन दूर नहीं जब बनारस के लोगों को सरकारी कामकाज के लिए दिल्ली और लखनऊ के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। रविंद्रपुरी स्थित पीएम नरेंद्र मोदी के जनसम्पर्क कार्यालय को मिनी पीएमओ कहा जाता है। इसी तरह बनारस में मिनी सचिवालय बनाने की कवायद शुरू हो गई है। मिनी सचिवालय के रूप में कमिश्नरी ऑफिस में खाली पड़ी तीन हजार वर्गमीटर जमीन पर 22 विभागों के लिए 15 मंजिला टॉवर बनाने का प्रस्ताव है, जो टॉवर पूरी तरह से एयरकंडीशन होगा। इसके अलावा पार्किंग, पार्क, मीटिंग हाल, ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया भी रहेगा।

जल्दी और आसानी से होगा काम

वाराणसी में मंडल स्तरीय मिनी सचिवालय बनाने की तैयारी है। इसके बन जाने पर सभी कार्यालय एक ही जगह होने से काम के लिए आने वाले लोगों को भटकना नहीं होगा। सबकुछ ठीक रहा तो दो साल में मिनी सचिवालय की सौगात मिल जाएगी। हर जिला मुख्यालयों पर जिला स्तर के कार्यालयों के लिए विकास भवन हैं। इसी तर्ज पर मंडल मुख्यालय वाराणसी में मंडल स्तरीय कार्यालय भवन बनेगा। इससे जरूरतमंद लोगों को अपने काम के लिए अलग-अलग इलाकों में चल रहे कार्यालयों में जाने की दुश्वारी नहीं झेलनी पड़ेगी, बल्कि एक ही छत के नीचे सारे विभागों के कार्यालय मिल जाएंगे। कमिश्नर को भी बैठकों के लिए विभिन्न विभाग के अधिकारियों के आने का इंतजार नहीं करना होगा और सभी की निगरानी करने में भी आसानी होगी।

टॉवर में होंगे ये विभाग

इस भवन में संयुक्त विकास आयुक्त से लेकर मत्स्य, हथकरघा, कृषि, वित्त, संस्थागत वित्त, बेसिक शिक्षा, उद्योग, आबकारी, अर्थ संख्या, उच्च शिक्षा, बाल विकास पुष्टाहार, संभागीय खाद्य नियंत्रक, पशुपालन, सहकारिता, व्यवसायिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा व पर्यटन विभाग के अपर आयुक्त, अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक, उपायुक्त स्तर के कार्यालय खुलेंगे।

टॉवर बनाने में सरकार की मदद नहीं

बनारस में बनने वाले मंडल स्तरीय कार्यालय भवन को बनाने में आने वाले करीब सौ करोड़ के खर्च का भार सरकारी खजाने पर नहीं पड़ेगा। जो प्लान तैयार किया गया है उसमें 15-15 मंजिले के दो टॉवर बनेंगे। एक टॉवर में सरकारी विभाग होंगे तो दूसरे टॉवर का व्यवसायिक इस्तेमाल होगा। टॉवर में आने के बाद दूसरे विभिन्न कार्यालयों की खाली हुई जमीन का भी व्यवसायिक इस्तेमाल किए जाने से टॉवर के निर्माण की लागत निकाली जाएगी।

वर्जन

सरकार की मंशा है कि जरूरतमंद लोगों को अपने काम के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़े। एक ही छत के नीचे सारे विभागों के कार्यालयों में उनका काम हो जाए। इसके अलावा टॉवर में पार्किंग, पार्क, मीटिंग हाल, ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया खोले जाएंगे।

-दीपक अग्रवाल, कमिश्नर

Posted By: Inextlive