-एक को बचाने में गंगा में समा गए एक के बाद एक पांच दोस्तटिक-टॉक वीडियो बनाने के लिए

-एक को बचाने में गंगा में समा गए एक के बाद एक पांच दोस्त

टिक-टॉक वीडियो बनाने के लिए गए थे सिपहिया घाट

-रामनगर के वारीगढ़ही व वाजिदपुर के सभी घरों में पसरा मातम

टिक-टॉक वीडियो बनाने के चक्कर में पांच लड़कों की जान चली गयी। रामनगर के सिपहिया घाट पर सभी गंगा में समा गए। वारीगढ़ही और वाजिदपुर के रहने वाले थे। घटना की जानकारी मिलते ही हड़कम्प मच गया। पुलिस के साथ बड़ी संख्या में लोग घाट पहुंच गए। गोताखोरों की मदद से सभी शवों को बाहर निकाला गया। डूबने वालों में सबसे छोटा 12 साल का और सबसे बड़ा 20 साल का था।

निकाली सभी की लाश

पुराने रामनगर के वारीगढ़ही और वाजिदपुर के छह लड़कों में गहरी दोस्तों थी। इर्द से ही सभी गंगा में स्नान के लिए सिपहिया घाट जा रहे थे। शुक्रवार को भी सुबह करीब साढ़े नौ बजे सभी सिपहिया घाट पहुंचे। इनमें वारीगढ़ही का तौफीक (20 वर्ष), रिजवान (15 वर्ष), फरदीन (16 वर्ष), मोहम्मद सैफ (12 वर्ष), साहिल (14 वर्ष) और वाजिदपुर का रेहान (15 वर्ष) थे। साहिल के अनुसार घाट किनारे बैठकर वह मोबाइल पर अपने दोस्तों का गंगा में स्नान करने का वीडियो शूट कर रहा था। सभी गंगा में स्नान कर रहे थे। अचानक एक दोस्त डूबने लगा। उसी को बचाने के चक्कर में सभी ने एक दूसरे को बचाने के चक्कर में हाथ पकड़ लिया। देखते ही देखते पांचों गंगा की गहराई में समा गए। उन्हें डूबता देख वह चिल्लाने लगा, लेकिन सुनसान रेत में इनकी आवाज किसी को सुनायी नहीं दी। साहिल भागते-भागते घर पहुंचा और घटना की जानकारी दी। इसके बाद तो जैसे पूरे वारी गढ़ही क्षेत्र में कोहराम मच गया। जो जैसे था, वैसे ही बदहवास हालत में सिपहिया घाट की ओर दौड़ पड़ा। सूचना मिलने पर रामनगर पुलिस, सीओ कोतवाली प्रदीप सिंह चंदेल भी मौके पर पहुंच गए। तुरंत रामनगर से गोताखोरों की टीम को बुलाया गया। इसी बीच एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई। गोताखोरों की मदद से टीम ने करीब डेढ़ घंटे में सभी लड़कों का शव खोज निकाला। दो लड़कों की सांस चलने के भ्रम में लोग बाइक से लेकर लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय पहुंचे, लेकिन डाक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया।

पोस्टमार्टम नहीं चाहते थे परिजन

पांच लड़कों की मौत की सूचना मिलते ही अस्पताल में सभी के परिजन और रिश्तेदार पहुंच गए। स्ट्रेक्चर पर मृत पड़े पांच बच्चों को देखकर हर किसी दिल कांप गया। परिसर में मौजूद हर शख्स की आंखों से आंसू बह रहा था। इसी बीच मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट कमलेश चंद्र, एसडीएम चतुर्थ शिवांनी शुक्ला, लंका एसओ, आदमपुर पुलिस सहित एक प्लाटून पीएसी फोर्स भी पहुंच गई। अधिकारियों ने शवों का पंचनामा कराने की प्रक्रिया शुरू की तो परिजनों ने मना कर दिया। उनका कहना था कि बिना पोस्टमार्टम के ही शव उन्हें सुपुर्द कर दिया जाए। पुलिस ने किसी तरह समझा-बुझाकर परिजनों को पोस्टमार्टम के लिए राजी किया।

Posted By: Inextlive