साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु ने उपन्यास मैला आंचल में लिखा है कि माघ का जाड़ा बाघ को भी ठंडा कर देता है. ठीकऐसी ही ठंड हाल के दिनों में बनारस में पड़ रही है. पहाड़ों से उतरती बर्फीली हवा ने शहर को अपनी आगोश में ले लिया है.

वाराणसी (ब्यूरो)शीत लहर और कड़ाके की ठंड से बचने के लिए शहरवासियों को अलाव, हीटर, ब्लोवर और गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ रहा है। उत्तर-पश्चिम हवाओं की रफ्तार में आगामी दो-तीन दिनों के बाद ही कमी आएगी। सोमवार को सूरज दोपहर बाद निकला भी तो कड़ाके की गलन के चलते धूप बेअसर रही और जल्द ही बादलों ने सूरज को ढक लिया। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार 21 जनवरी के बाद बारिश और बूंदाबांदी के आसार हैं।

4 डिग्री लुढका तापमान
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हैवी स्नोफॉल के बाद अब बर्फ पिघलने लगी है। पहाड़ों से उतरती उत्तर-पश्चिमी बर्फीली हवाओं ने मैदानी इलाकों को अपने आगोश में ले लिया है। इससे शहर के दैनिक तापमान में कुल 04 डिग्री सेल्सियस का अंतर बना हुआ है। शहर में रविवार को 15 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चली। सोमवार को हवा की रफ्तार घटी, लेकिन तबतक बर्फीली हवाओं ने शहर को अपने चपेट में ले लिया है। इन हवाओं के असर से आगामी तीन-चार दिनों तक गलन, शीत लहर का सामना करना पड़ेगा।

घरों में दुबके लोग, अलाव का सहारा
कड़ाके की ठंड के चलते नागरिक समय से पहले ही घरों को लौट रहे हैैं। गलन से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैैं। सोमवार को सीजन की पहली कड़ाके की ठंड वाली सुबह रही। वहीं दिन में भी ठंड से राहत नहीं मिली। शाम होते ही गलन से परेशान नागरिक अलाव से राहत पाने में जुटे रहे।

तापमान
डेट मिन मैक्स
17 जनवरी 07 17
18 जनवरी 07 19


शहर वासियों को आगामी तीन-चार दिनों तक कड़ाके की ठंड और गलन का सामना करना पड़ेगा। इसके बाद तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी जरूर होगी। 21 के बाद बारिश के भी आसार हैैं।
प्रो एनएस पांडेय, मौसम वैज्ञानिक

Posted By: Inextlive