ब्रिज निर्माण में सैकड़ों मकान के बीच में आने से रोका गया निर्माण कार्य फिर से सर्वे शुरू इंग्लिशिया लाइन से विद्यापीठ तक होना है ब्रिज का निर्माण इंग्लिशिया लाइन से कैंट स्टेशन जाने के लिए दो यूटर्न भी बेकार लगता घंटों जाम


वाराणसी (ब्यूरो)इंग्लिशिया लाइन से कैंट स्टेशन जाने के लिए हर यात्री को यूटर्न लेना ही पड़ेगा। क्योंकि तिराहे पर बने तीन पिलर आम पब्लिक के स्मूद ट्रैफिक में सबसे बड़ा जाम का कारण बन गया है। पिलर के आसपास ई-रिक्शा, आटो स्टैंड बन गया है। इसके चलते दस मिनट में स्टेशन पहुंचने की जगह लोगों को आधा घंटा से अधिक का समय लग जाता है। डिपार्टमेंट ने ट्रैफिक का प्रेशर कम करने के लिए फ्लाईओवर का निर्माण शुरू किया था लेकिन बीच में तीन पिलर बनाकर काम को रोक दिया गया। वजह नीचे पाइप लाइन का जाल और स्पेस नहीं होना बताया जा रहा है.

कई मकानों को तोडऩा पड़ेगा

कैंट तिराहे के बीचोंबीच तीन पिलर बनाने के बाद काम को पिछले दो साल से बंद कर दिया गया है। कैंट से इंग्लिशिया लाइन की ओर आने वाले ब्रिज को बनाने के लिए एक-दो तीन बल्कि सैकड़ों मकानों को तोडऩा पड़ेगा, तब जाकर ब्रिज का निर्माण होगा। यही सबसे बड़ी वजह है इसलिए ब्रिज कारपोरेशन ने काम को रोक रखा है। काम रुक जाने की वजह से इसका खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। कोई यात्री ट्रेन से स्टेशन से बाहर आता है तो उसका सामना तीन पिलर से होता है। इस पिलर की वजह से इतना अधिक जाम लगता है कि आधे घंटे के सफर के लिए एक घंटा लग जाता है.

ब्रिज का फिर से सर्वे

ब्रिज कारपोरेशन के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर एसके निरंजन ने बताया कि ब्रिज का फिर सर्वे का कार्य शुरू किया गया है। ब्रिज पहले विद्यापीठ के पास उतारने का प्लान किया गया था। अब फिर सर्वे शुरू हुआ है। सर्वे के बाद ही तय किया जाएगा कि कहां पर ब्रिज को उतारा जाएगा.

नहीं मिली जाम से निजात

जाम से निजात के लिए शहर में फ्लाईओवर का कांसेप्ट लाया गया। ताज्जुब की बात है कि जहां-जहां फ्लाईओवर बना वहां जाम और बढ़ता गया। फ्लाईओवर के नीचे कई दुकानें लग गयी तो वहीं आटो स्टैंड बन गया, जोकि जाम का सबसे बड़ा कारण बन गया। इंग्लिशिया लाइन से विद्यापीठ के बीच अधूरा बना फ्लाईओवर जाम का सबसे बड़ा कारण बन गया है। वाई सेप में प्रस्तावित फ्लाईओवर का काम ठंडे बस्ते में जाने के बाद जस का तस पिलर को छोड़ दिया गया.

यूटर्न से भी नहीं राहत

इंग्लिशिया लाइन से इस पार से कैंट स्टश्ेान जाने के लिए दो यूटर्न बनाया गया है। यूटर्न को एक किलोमीटर दूर बना दिया गया है। इसके चलते और भी जाम लगता है। गाहे-बगाहे अगर यूटर्न कर भी लेते हैं तो घंटों जाम से जूझना पड़ता है.

नाइट बाजार से भी जाम

फ्लाईओवर के नीचे बना नाइट बाजार भी जाम का सबसे बड़ा कारण है। दुकानों के दोनों तरफ वाहन खड़ा कर दिया जाता है। इसके चलते सड़क के दोनों तरफ जाम लगा रहता है। यही हाल रोडवेज के पास भी रहता है। अगर इंग्लिशिया लाइन पर फ्लाईओवर बन भी गया तो इसके बाद भी जाम से निजात नहीं मिलने वाला है। तिराहे पर बने तीन पिलर को हटा दिया जाए तो वहां पर जाम से काफी हद तक निजात मिल सकती है.

इंग्लिशिया लाइन से विद्यापीठ तक सर्वे का कार्य कराया जा रहा है। बीच में इतने अधिक मकान हैं कि ब्रिज निर्माण में सबसे बड़ी बाधा है। नीचे पाइपलाइन भी निर्माण में सबसे बड़ी वजह है.

एसके निरंजन, डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर, ब्रिज कारपोरेशन

Posted By: Inextlive