कोरोना के शिकार 70 फीसदी सांस और दमा से बीमार
-पुराने मर्ज से पीडि़तों के लिए कोरोना बन रहा बहाना
-77 लोगों की मौत में आधे से ज्यादा पुरानी बीमारी से थे पीडि़त केस-1 तेलियाबाग निवासी 78 वर्षीय बुजुर्ग पिछले दिनों कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उन्हें बीएचयू कोविद हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। जांच में पता लगा की वे किडनी, सांस, हाइपरटेंशन से पीडि़त थे। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। केस-2 कबीरचौरा निवासिनी 67 वर्षीय वृद्ध महिला कोरोना से संक्रमित हो गई। जिसके बाद उन्हें डीडीयू हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। उन्हें पहले से ही बीपी, हाई शुगर, हिपरटेंशन, हार्ट डिजीज समेत कई बीमारी थी। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।ये तो सिर्फ दो उदाहरण है ऐसे कई कोरोना संक्रमित पेशेंट की मौत हुई है जिनके पीछे पुरानी और गंभीर बीमारी की केस हिस्ट्री निकल कर सामने आई है। इसलिए इन मौतों को कोरोना से मौत मानना मुश्किल है। डॉक्टर्स के मुताबिक अभी तक बनारस में कोरोना संक्रमित 77 लोगों की मौत हो चुकी है। खास बात ये है कि ज्यादातर मौत कोरोना से नहीं बल्कि पुरानी बीमारी से पीडि़त होने की वजह से भी हुई है। जिनका पहले से इलाज चल रहा था। वे लंबे समय से डॉक्टर की देखरेख में दवा ले रहे थे।
कोरोना तो बना बहाना
बनारस में कोरोना का आंकड़ा 4065 से ऊपर पहुंच चुका है। ऐसे में लगातार बढ़ रहे कोरोना से मौत के आंकड़ों के चलते लोगों में डर और भी ज्यादा बढ़ता जा रहा है। लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो अभी तक कोरोना से जितनी भी मौत हुई है उनमें आधे से ज्यादा लोग किसी न किसी गंभीर बीमारी से पीडि़त थे। दरअसल, शहर में कोरोना संक्रमित जिस रफ्तार से मिल रहे हैं, इससे लोगों में यह डर बैठ गया है कि ये मौतें कोरोना की वजह से ही हो रही हैं। तीन दिन पूर्व एक साथ तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसमें तीनों पेशेंट पहले से ही अलग-अलग बीमारी से ग्रस्त थे। सांस व दमा से ज्यादा थे पीडि़तअधिकारियों के मुताबिक यह पूरी तरह से नहीं कहा जा सकता कि कोरोना से मौत नहीं हो रही है, लेकिन यह जरुर है कि अब तक के आंकड़ों में आधे से ज्यादा लोग पुरानी बीमारी से ग्रसित थे। यही बीमारी उनके मौत की वजह थी। अब तक जितनी कोरोना से मौत के केस आए हैं उनमें 35 से ज्यादा लोग सांस और दमा से पीडि़त थे। जबकि 15 से ज्यादा किडनी की बीमारी से और 10 लोग अन्य अलग-अलग बीमारियों से लंबे समय से जूझ रहे थे।
77 लोगो की मौत हो चुकी है अब तक 15 के करीब महिलायें जान गवां चुकी हैं 70 फीसदी से ज्यादा लोग सांस, टीबी, किडनी, हार्ट व अन्य बीमारी से संक्रमित ये है मरीजों के मौत की वजह लिंग उम्र बीमारी पता मेल 60 सांस मिर्जामुराद मेल 78 सांस, बीपी तेलियाबाग मेल 46 सांस गोविंदपुर मेल 54 सांस, टायफाइड बड़ागांव मेल 65 सांस ग्लालदास लेन फिमेल 60 सांस दालमंडी मेल 65 सांस, दमा बजरडीहामेल 80 सांस, बीपी डाफी
मेल 65 सांस संबंधी लक्सा फिमेल 74 बीपी, सांस लंका क्षेत्र मेल 80 सांस, दमा भोजूबीर फिमेल 58 बीपी, अन्य कबीरचौरा मेल 55 शुगर, सांस मुकीमगंज फिमेल 51 बीपी सांस ककरमत्ता मेल 68 हाइपरटेंशन अगस्तकुंडा मेल 58 हाइपरटेंशन गोरखपुर मेल 62 हाइपरटेंशन पांडेयपुर फिमेल 67 हाइपरटेंशन कबीरचौरा मेल 53 हाइपरटेंशन गोलघर मेल 55 ब्रेन ट्यूमर बड़ी पियरी मेल 64 टीबी, सांस ब्रम्हपुरी कालोनी मेल 77 टीबी, हुकुलगंज बाइपास सर्जरी मेल 73 पुरानी बीमारी दुर्गाकुंडमेल 85 किडनी शिवपुरवा
मेल 49 किडनी गौरीगंज मेल 55 बीपी चेतगंज मेल 70 बीपी, शुगर अखरी ये बीमारिया बानी घातक -बुजुर्ग दिल, दिमाग, शुगर, या फेफड़े से जुडी बीमारिया कोरोना के साथ बानी मौत का कारण -कम उम्र वाले डायबिटीज, टीबी, बीपी, जैसी बीमारियों से गरासितो के लिए कोरोना नहीं मौत की वजह अब तक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें आधे से ज्यादा पेशेंट किसी न किसी बीमारी से पहले से पीडि़त थे। इसलिए हम ये नहीं कह सकते कि सभी मौतें कोरोना से ही हो रही है। इसलिए इससे डरने की नहीं बचने की जरुरत है। डॉ। वीबी सिंह, सीएमओ