आईईडी धमाके से बाप-बेटे को उड़ाया
- खली-चूनी की दुकान पर रात में सोए पिता-पुत्र के सिर के नीचे लगाया बम
- नक्सलियों की तरह अंजाम दी गई घटना, एजेंसियां सतर्क - छह लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ नामजद मुकदमा, दो हिरासत में चौबेपुर थाना क्षेत्र के मिल्कोपुर गांव में मंगलवार की देररात दुकान के बाहर सो रहे पिता-पुत्र को बदमाशों ने आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) ब्लास्ट कर उड़ा दिया। खली-चूनी का व्यवसाय करने वाले लालजी यादव (48) और उसके बेटे अजय उर्फ बुद्धू (22) के चीथड़े उड़ गए। बनारस में अपने तरह की हुई इस पहली घटना से पुलिस और खुफिया महकमे में हड़कम्प मच गया। एडीजी जोन, आईजी, एसएसपी, एसपी ग्रामीण, क्राइम ब्रांच, एटीएस के साथ फोरेंसिक एक्सपर्ट और एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट्स भी मौके पर पहुंच गए।घटनास्थल से 50 मीटर दूर तक तार, डेटोनेटर और फ्यूज के टुकड़े बरामद हुए। दोपहर तक मौके से साक्ष्य जुटाए जाते रहे। मृतक लालजी के भाई श्यामजी की तहरीर पर पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ हत्या और विस्फोटक अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। नक्सलियों की मॉडस ऑपरेंडी पर अंजाम दी गई इस वारदात को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
सिर के नीचे लगाया बमपंचराव गांव निवासी लालजी की घर से लगभग एक किमी दूर वाराणसी-बलुआ मार्ग पर मिल्कोपुर गांव में खली-चूनी की दुकान है। रात में दुकान पर ही सोता था। मंगलवार की रात अजय घर से खाना लेकर दुकान पर आया। शटर के पास रखी चौकी पर सोया। वहीं लालजी दुकान के बाहर खटिया बिछाकर सो गया। रात में बदमाशों ने दोनों के सिरहाने जमीन पर आईईडी लगा दी। रात 12.10 बजे धमाका हुआ और दोनों की खोपड़ी उड़ गई। धमाका इतना तेज था कि दुकान के ऊपर लगी एसबेस्टस की शीट उड़ गई और पिता-पुत्र के सिर के टुकड़े दूर तक छिटके मिले।
सुबह मचा शोरधमाका इतना जोरदार था कि उसकी आवाज दूर तक सुनाई दी। गांव वालों की नींद खुली लेकिन किसी वाहन का टायर फटने की आवाज सोचकर मौके पर नहीं गए। भोर में गांव के लोगों की दिनचर्या शुरू हुई तो लालजी और उसके बेटे की खून से लथपथ लाश देखकर सनसनी फैल गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने क्राइम सीन को पीले टेप से घेरकर छानबीन शुरू की तब तक गांव के सैकड़ों लोग जुट चुके थे। ग्रामीणों ने हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और वाराणसी-बलुआ रोड पर चक्काजाम कर दिया। सीओ सुरेंद्र सिंह और एसओ चौबेपुर ओमनारायण सिंह ने गांववालों को किसी तरह समझाकर हटाया और छानबीन शुरू की। मौके पर एडीजी जोन पीवी रामाशास्त्री, आईजी विजय सिंह मीणा, एसएसपी आनंद कुलकर्णी, एसपी ग्रामीण अमित कुमार भी पहुंचे। एडीजी के निर्देश पर दस थानों की फोर्स, एटीएस कमांडो और पीएसी भी गांव में तैनात कर दी गई।