पुलिसिंग हुई बेअसर, गली-गली हैं गैंगस्टर
567 गैंगस्टर पुलिस की पकड़ से है बाहर,
-गैंगस्टर एक्ट की 60 विवेचनाएं भी है सालों से लंबित शहर में अपराधी बेलगाम हैं। लूट-छिनैती, हत्या की लम्बी सूची है। ऐसा हो भी क्यों नहीं पुलिस खुद मानती है कि 567 गैंगस्टर अभी पकड़ से बाहर हैं। दावा है कि उन्हें हर हाल में तलाश लिया जाएगा। अब इसमें कितनी सच्चाई है ये तो वक्त बताएगा लेकिन फिलहाल बदमाशों का हौसला बुलंद है। हाल-फिलहाल बड़ी वारदात को अंजाम देकर पुलिस को बेचैन किए है। अपनी साख बचाने के लिए छोटे-मोटे अपराधियों को पकड़कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। जनवरी 2013 से जुलाई 2019 तक बनारस पुलिस ने कुल 52800 एफआईआर दर्ज किया। जिसमें 2890 विवेचना अभी लंबित चल रहे हैं। जबकि 506 गैंगस्टर की गिरफ्तारी और सरेंडर हुआ है। डेढ़ हजार से अधिक फरारहत्या, हत्या के प्रयास सहित जघन्य अपराध का ग्राफ बनारस पुलिस के सात साल के रिकार्ड में तेजी से बढ़ा है। कुल 1841 मामले जघन्य अपराध के आए और एफआईआर दर्ज हुई। जघन्य अपराध के 130 मामले में विवेचना अभी लंबित है। जघन्य अपराधों में अब तक 1603 बदमाश फरार हैं। जबकि 1245 बदमाशों की गिरफ्तारी और सरेंडर हुआ है।
एडीजी ने परसेंट बढ़ाने पर दिया जोरआईजी ने बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई में और तेजी लाने का सख्त निर्देश दिया है। लंबित विवेचनाओं को जल्द निबटाने और सभी मामलों में शत-प्रतिशत कार्रवाई करने पर जोर दिया है। एडीजी बृजभूषण ने जोन के सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि लंबित मामलों का निबटारा जल्द से जल्द हो। खास कर गैंगस्टर एक्ट में फरार बदमाशों की गिरफ्तारी शत प्रतिशत हो।
एक नजर 52800 कुल एफआईआर दर्ज है 2013 से जुलाई 2019 तक 2890 विवेचना अभी लंबित चल रही है 567 गैंगस्टर बनारस पुलिस की पकड़ से बाहर है 506 गैंगस्टर की गिरफ्तारी 1841 मामले जघन्य अपराध के हैं दर्ज 1603 बदमाश जघन्य अपराध के हैं फरार 130 जघन्य अपराध की विवेचना है लंबित 1245 बदमाशों की गिरफ्तारी और हुए सरेंडर