सदन की 3 और कार्यकारिणी की 6 बैठकों के बाद भी बिन बजट बजट न मिलने से वार्डों में नहीं हो रहा विकास कार्य


वाराणसी (ब्यूरो)वार्डों को निखारने के लिए अब तक 3 सदन की बैठक और 6 कार्यकारिणी की बैठक हो चुकी है, लेकिन अब तक पार्षद कोटे का बजट नहीं मिला। बैठक में वार्डों को संवारने और निखारने की बात काफी होती है लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं उतरता। लिहाजा इसका खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा। गलियों में सीवर का पानी बह रहा है। नलों से गंदा पानी आ रहा है। यह हाल शहर के अधिकतर वार्डों का है.

हर माह होती बैठक

पार्षदों का कहना है कि पार्षद का चुनाव जीते हुए सात महीने का समय हो रहा है। हर महीने कार्यकारिणी की बैठक भी होती है। सिर्फ वार्डों को निखारने के लिए बैठक में वादा किया जाता है लेकिन बैठक खत्म होने के बाद सब कुछ भूला दिया जाता है। सात महीने का समय बीत रहा है। वार्डों में एक भी विकास कार्य नहीं किया गया.

3 बार सदन की बैठक

पिछले सात महीने में 3 बार सदन की बैठक हो चुकी है। सदन की बैठक में सिर्फ यह आश्वासन दिया जाता है कि जल्द ही वार्डों में कार्य शुरू होगा। लेकिन, सच्चाई यही है कि पार्षद कोटे के लिए 30 लाख रुपए की घोषणा की गई थी, वह अब नहीं मिला है। बजट की घोषणा तीन महीने पहले की गयी थी। ऐसे में जब तक बजट नहीं मिलेगा। वार्डों में कार्य कैसे होगा.

टेंडर हुआ, नहीं मिला बजट

पार्षदों का कहना है कि 30 लाख रुपए बजट का टेंडर हो चुका है लेकिन कब तक मिलेगा यह कोई नहीं जानता। अगर समय से बजट मिल जाए तो वार्डों में सीवर की समस्या विकराल बनी हुई है जिसे दूर किया जा सकता है। इससे आम पब्लिक को भी राहत मिलेगी और नगर निगम का काम भी कम होगा.

वार्ड बढऩे से आ रही दिक्कत

नगर निगम के अफसरों का कहना है कि वार्डों के बढऩे से काफी दिक्कतें आ रही हैं। अभी जो नए वार्ड बने हंै वहां पर विकास कार्य कराया जा रहा है। इसके बाद जल्द ही पार्षदों के कोटे का बजट सेंशन किया जाएगा। नए वार्डों में इंटरलाकिंग का कार्य शुरू हो चुका है। इसके अलावा सीवर की पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी किया जा रहा है.

3 सदन और 6 कार्यकारिणी की बैठक होने के बाद भी वार्डों का बुरा हाल है। कई वार्डों में सीवर का पानी बह रहा है.

राजेश यादव चल्लू, पार्षद

पार्षद पद का शपथ लिए सात महीने का समय हो रहा है लेकिन अभी तब कोटे का बजट नहीं मिला। कब मिलेगा यह भी नहीं पता.

चन्द्रकांत, पार्षद

जनता का काफी दबाव झेलना पड़ता है। सदन ने प्रस्ताव मांगा है। अब देखना है कि कब तक पार्षद कोटे का बजट मिलता है.

रामगोपाल, पार्षद

नया परिसीमन बनने से दिक्कत आ रही है, लेकिन काफी कार्य पूरा हो चुूका है। जल्द ही शहर के वार्डों में भी कार्य शुरू कराया जाएगा.

अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive