ये कैसा इंत'जाम'?

यूं तो सारा शहर ही हमेशा जाम में जकड़ा रहता है लेकिन आजकल अगर आप मण्डुआडीह या महमूरगंज की ओर रुख करेंगे तो जाम में फंसकर आपका कचूमर निकलना तय है। बेहतर फ्यूचर बनाने के लिए किये जा रहे इंतजाम से फिलहाल बेइंतहा जाम लग रहा है। मण्डुआडीह आरओबी को लेकर ट्रैफिक डायवर्जन का इंतजाम किसी के पल्ले नहीं पड़ रहा है। इतना ही नहीं मण्डुआडीह रेलवे स्टेशन से नई दिल्ली के लिए चल रही शिवगंगा एक्सप्रेस और नई ट्रेन अलग जाम के झाम को बढ़ा रही है। रही सही कसर पूरी कर दे रहा है रेलवे क्रॉसिंग। अब आप खुद देख लीजिए मण्डुआडीह-महमूरगंज के लोगों की दुश्वारियां? अंदर के पेज पर।

-डेवलपमेंट वर्क के चलते जाम का मुख्य केन्द्र बन गया है मंडुआडीह एरिया

-आरओबी वर्क के चलते रेंगती है पब्लिक, नयी ट्रेन के संचालन और बूम के चलते भी लगता है जाम

VARANASI:

सीन वन-

शाम ढलते ही मंडुआडीह रेलवे स्टेशन ट्रैफिक जाम से घिर जा रहा है। यह सिलसिला नई दिल्ली के लिए रात क्0.फ्0 बजे यहां से रवाना होने वाली ट्रेन के बाद ही समाप्त हो रहा है। इस जाम से केवल पैसेंजर्स ही दो चार नहीं हो रहे हैं बल्कि उधर से आने जाने वाले लोगों सहित वर्किंग परसन, स्टूडेंट्स, लेडीज और बुजुर्ग भी परेशान हो रहे हैं। वे डेली इस जाम से घंटों जूझ रहे हैं। गलती से यदि कोई सीरियस पेशेंट फंस जाए तो उसकी जान जोखिम में पड़ जा रही है। हर रोज की इस समस्या को दूर करने के लिए कोई गंभीर नहीं है।

सीन टू--

स्मूद टै्रफिक के लिए महमूरगंज से मंडुआडीह के बीच रेलवे ट्रैक पर आरओबी बनाया जा रहा है। जिसका काम महमूरगंज एंड से हो रहा है। यहां रोड के बड़े हिस्से को घेर दिया गया है। इस एरिया में आरओबी के लिए पिलर खड़े किए जा रहे हैं। वर्क के चलते इस रोड को वन वे कर दिया गया है। वह भी केवल नाम का वन वे है। जिससे टू व्हीलर्स मुश्किल से गुजर पा रहे हैं। इसमें भी लोगों को पास होने में घंटों लग जा रहे हैं।

चाहे मंडुआडीह रेलवे स्टेशन से ट्रेन चलाना हो या क्रॉसिंग पर आरओबी बनाया जा रहा हो। यह सब कुछ पब्लिक की सहूलियत के लिए है लेकिन इनसे कब सहूलियत मिलेगी यह तो भविष्य के गर्त में है। लेकिन उससे पहले तो मुसीबत ही मुसीबत है। राहत का कहीं नामोनिशान नहीं है। ऊबड़-खाबड़ रोड से लेकर ट्रैफिक जाम तक पब्लिक को परेशान किए हुए है। इसमें स्टेशन पहुंचने वालों से लेकर इधर से आने-जाने सहित इस एरिया में रहने वाले शामिल हैं। यह जाम की समस्या महीनों से है लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन के कान पर जूं नहीं रेंग रही है।

हर रोज एक ही नजारा

सुबह की शुरुआत होते ही महमूरगंज से ककरमत्ता रेलवे क्रॉसिंग तक ट्रैफिक जाम में जकड़ जा रहा है। कारण कि इस समय स्कूल व कॉलेज के बसेज निकलते हैं। अभी लोग राहत की सांस भी नहीं ले पाते कि वर्किंग परसन की भीड़ रोड पर आ रही है। जिसके चलते जबरदस्त जाम लग रहा है। इस समय तो लोग रेंगते हुए चल रहे हैं। रोड्स से लेकर गली तक पूरा एरिया पैक हो जा रहा है। थोड़ी सी दूरी तय करने में लोगों को घंटों लग जा रहे हैं। शहर का मुख्य हिस्सा होने के कारण इस रोड पर गाडि़यों का लंबा काफिला दौड़ता रहता है। इनमें आसपास के दर्जनों अपार्टमेंट में रहने वाले हजारों लोगों के व्हीकिल्स होते हैं। कोई टू व्हीलर से तो कोई फोर व्हीलर से आता जाता है। यह सिलसिला देर रात तक लगा रहा है। इस मुसीबत को बढ़ाने में मेन रोड पर आरओबी का वर्क, मंडुआडीह स्टेशन पर होने वाली भीड़ और कॉलोनी से होकर गुजरने वाला एकमात्र रोड सबसे ऊपर है।

--------------------

आरओबी दे रहा दर्द

तीन महीने पहले स्टार्ट हुआ आरओबी वर्क के नाम पर इस रोड को ही घेर दिया गया है। जिससे लोगों को आने-जाने में मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग इधर से गुजरने से पहले सौ बार सोच रहे हैं। बहुत जरूरी नहीं रहने पर लोग इस रोड पर आने-जाने का अपना प्लैन चेंज कर दे रहे हैं या दूसरे रोड से आ-जा रहे हैं।

कोढ़ में खाज बना पासपोर्ट ऑफिस

इस रोड पर भीड़ बढ़ाने और ट्रैफिक जाम लगाने में पासपोर्ट ऑफिस का भी बड़ा रोल है। यहां डेली दूर दराज से पहुंचने वाले सैकड़ों लोगों के चलते आसपास मेले जैसा माहौल रहता है। ऑफिस में भीड़ कम रोड पर ज्यादा रहती है। यही नहीं पासपोर्ट बनवाने पहुंचने वाले अपने वाहन रोड पर खड़ा कर देते हैं। जिससे भयंकर जाम लगा रहता है।

क्रॉसिंग भी कम नहीं

इसी रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग के घंटों बंद रहने का सीधा असर भी ट्रैफिक पर पड़ता है। दिन में कई बार क्रॉसिंग से लेकर मंडुआडीह स्टेशन तक वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है। तो दूसरी ओर का छोर मंडुआडीह चौराहे पर होता है। वह भी यदि क्रॉसिंग झट से खुल जाए तो इतनी प्रॉब्लम न हो लेकिन यहां तो ट्रेंस घंटों क्रॉसिंग पर ही खड़ी हो जाती हैं। जिसका खामियाजा इधर से आने-जाने वालों को भुगतना पड़ता है।

गर स्टेशन पर होता इंतजाम

ट्रैफिक जाम से कोसों दूर रहने वाला मंडुआडीह रेलवे स्टेशन आज जाम स्टेशन के नाम से फेमस हो गया है। यह नाम शिवगंगा के यहां से ऑपरेट होने के बाद से मिला है। जब से शिवगंगा यहां से चलना स्टार्ट हुई है तब से सुबह और शाम यहां भीषण जाम लग रहा है। शाम को ट्रेन रवाना होने से पहले ही जहां महमूरगंज से लेकर ककरमत्ता तक वाहनों की लंबी लाइन लग जा रही है तो वहीं सुबह ट्रेन पहुंचते ही रोड पर लोग चींटी की चाल चल रहे हैं। अभी इससे निजात भी नहीं मिली थी कि यहां से नई दिल्ली के लिए एक और ट्रेन चलने लगी है। जिसके चलते भी रोड पर ट्रैफिक जाम लगने लगा है।

एकमात्र ऑप्शन भी बदतर

इसे एडमिनिस्ट्रेशन की नासमझी कहें या मजबूरी। महमूरगंज एंड पर आरओबी वर्क स्टार्ट होते ही डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने रोड का ट्रैफिक कॉलोनी की ओर मोड़ दिया था। लेकिन वो भूल गए कि कॉलोनी का रोड हेवी व्हीकिल्स का लोड सहने लायक है या नहीं। जिसका नतीजा हुआ कि कॉलोनी की रोड महीने भर भी नहीं चल पायी। इस समय हर्ष गैस से रेलवे स्टेशन को जुड़ने वाली कॉलोनी की रोड तहस नहस हो गयी है। जो पैदल चलने लायक नहीं है।

-----------------

इस एरिया में ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति कम थी लेकिन जब से आरओबी के लिए रोड को बंद कर दिया गया है तब से यहां घंटों जाम लगने लगा है। हालत बहुत खराब है।

डॉ। अनुपम गुप्ता, ककरमत्ता

पब्लिक को राहत कब मिलेगी यह तो आना वाला समय ही बताएगा। पर इस समय जो हम भुगत रहे हैं उससे निजात कब मिलेगी यह बताने वाला कोई नहीं है।

अंजू तिवारी, सिगरा

ट्रेन चलने से जितनी राहत नहीं मिली है उससे कहीं ज्यादा दर्द मिल रहा है। ऑफिस पहुंचने के लिए अब घर से जल्दी निकलना पड़ रहा है। इस पर भी रेलवे व एडमिनिस्ट्रेशन को मिलकर सोचना चाहिए।

शिवानंद, पिशाचमोचन

कॉलोनी के रोड को ऊबड़-खाबड़ मुक्त और मंडुआडीह स्टेशन के सामने की ट्रैफिक को कंट्रोल कर लिया जाता तो बहुत हद तक स्थिति सही हो जाती।

नंदलाल यादव, महमूरगंज

Posted By: Inextlive