काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के निमार्ण कार्य के दौरान पुराने मंदिर व अवशेषों के मिलने का सिलसिला जारी है. प्राचीन शिव मंदिर और दुर्लभ विग्रहों की कड़ी में अब काशी खंडोक्त अमृतेश्वर महादेव मंदिर भी जुड़ गया है.

राजकीय निर्माण निगम के निमार्ण कार्य के दौरान विश्वनाथ कॉरीडोर में हटाए गए मलबे में मिला मंदिर

खोदाई के दौरान मकान के बीच में 30 फीट गहराई में बना अमृतेश्वर महादेव का दिखा मंदिर

VARANASI : काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के निमार्ण कार्य के दौरान पुराने मंदिर व अवशेषों के मिलने का सिलसिला जारी है। प्राचीन शिव मंदिर और दुर्लभ विग्रहों की कड़ी में अब काशी खंडोक्त अमृतेश्वर महादेव मंदिर भी जुड़ गया है। नीलकंठ महादेव से मणिकर्णिका घाट जाने वाली गली के रास्ते में गुरुवार को ध्वस्तीरकण के दौरान एक मकान में 30 फीट नीचे बना अमृतेश्वर महादेव का मंदिर सामने आया। अधिकारियों के आदेशानुसार अन्य मंदिरों की तरह इसे भी संरक्षित किया जाएगा।

जारी है सिलसिला

विश्वनाथ कॉरीडोर को भव्य रूप देने के लिए शासन द्वारा यहां खरीदे गए भवनों के ध्वस्तीकरण का काम अंतिम चरण में है। ध्वस्तीकरण के दौरान अब तक लोगों के घरों के अंदर और दीवारों के पीछे कैद स्थापत्य कला के बेहद आकर्षक 42 प्राचीन मंदिर सामने आए हैं। गुरुवार को विश्वनाथ धाम का निर्माण करा रहे राजकीय निर्माण निगम ने मकान नंबर सीके 33/28 का मलबा हटाया तो मकान के बीच में 30 फीट गहराई में बना अमृतेश्वर महादेव का मंदिर दिखने लगा।

सभी जगह पुजारी तैनात

काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विशाल सिंह ने बताया कि अमृतेश्वर महादेव मंदिर को संरक्षित करने का काम शुरू हो गया है। जल्द ही बाबा के भक्त यहां दर्शन-पूजन कर सकेंगे। कॉरिडोर में अब तक मिले सभी मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए पुजारी तैनात किए गए हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद ने पूजन सामग्री के लिए प्रति विग्रह चार हजार रुपये स्वीकृत किए हैं।

विश्वनाथ कॉरीडोर देवालय संकुल की तरह नजर आएगा

बाबा दरबार से गंगधार तक 39 हजार वर्गमीटर क्षेत्र में बनने वाला विश्वनाथ कॉरीडोर देवालय संकुल की तरह नजर आएगा। पुराने भवनों में दबे मंदिरों के सामने आने से असल काशी की तस्वीर के निखरने के साथ ऐसी धरोहरें निकल कर आई हैं, जिन्हें नई और पुरानी पीढ़ी ने ना देखा और ना ही सुना था। विश्वनाथ कॉरीडोर के निर्माण पर 460 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। आनंद कानन में आने का आभास कराने वाला विश्वनाथ धाम चुनार के गुलाबी पत्थरों से पिंक सिटी की तरह चमकाया जाएगा। पुराने भवनों में दबे देवालयों के जुड़ने से विश्वनाथ धाम वास्तविक रूप से धर्म नगरी में आने का अहसास कराएगा।

गुरुवार को राजकीय निर्माण निगम के निमार्ण कार्य के दौरान विश्वनाथ कॉरीडोर क्षेत्र के एक घर में हटाए गए मलबे में अमृतेश्वर महादेव मंदिर मिला। इसे संरक्षित करने का काम शुरू हो गया है।

विशाल सिंह, सीईओ, काशी विश्वनाथ मंदिर

Posted By: Inextlive