15 जनवरी को मिले शव के मामले का पुलिस ने किया खुलासा दो हत्यारोपित किए गए अरेस्ट हत्यारोपितों की निशानदेही पर सूखे कुंए से बोरे में भरकर फेंकी गई जली स्कूटी हुई बरामद पहले रास्ता पूछा फिर दारू के लिए बने दोस्त पैसे मिला खरीदी और पीने के दौरान मर्डर सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में संदिग्धों का चेहरा कैद होने के बाद पुलिस पीछे लगी थी

वाराणसी (ब्यूरो)नशा कुछ भी करा सकता है। इसी की मिसाल मिलती है बीते दिनों भदोही निवासी रंजीत सिंह की हत्या में। इस मर्डर केस की कहानी इतनी फिल्मी है कि सहज ही आप विश्वास ही न कर सकें। कहीं जाने के लिए रास्ता पूछने वाले स्कूटी सवार से दो युवकों की पलभर पहले दोस्ती होती है। फिर वे पैसे मिलाकर शराब खरीदते हैं और पीने के दौरान शराब की मात्रा को लेकर थोड़ी देर पहले हुई दोस्ती दुश्मनी में बदल जाती है। फिर क्या नतीजा स्कूटी सवार की हत्या के रूप में सामने आता है। शनिवार को इस मर्डर केस का खुलासा डीसीपी गोमती जोन विक्रांत वीर ने किया। उन्होंने बताया कि मामले के दोनों आरोपित कपसेठी थाना क्षेत्र के बनौली के मुन्ना राम व भगवान राम अरेस्ट कर लिए गए हैं और उनकी निशानदेही पर सूखे कुंए से जलाने के बाद बोरे में भरकर फेंकी गई स्कूटी भी बरामद कर ली गई है.

15 जनवरी को मिली लाश

डीसीपी ने बताया कि बड़ागांव थाना क्षेत्र के बलुआघाट इसरवार के पास वरुणा नदी में 15 जनवरी को युवक की लाश मिली थी। उसकी शिनाख्त कई दिन से घर से गायब रंजीत ङ्क्षसह के रूप में हुई, जिसके गुमशुदा होने की रिपोर्ट आठ जनवरी को कपसेठी थाने में दर्ज हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हत्या की जानकारी हुई तो 22 जनवरी को अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया। डीसीपी के अनुसार शनिवार को जानकारी मिली कि हत्यारोपित बाजार कालिका के बबुरहनिया तिराहा के पास हैं। कपसेठी थाना प्रभारी सतीश यादव ने साथियों के साथ घेराबंदी कर दोनों को दबोच लिया.

अधिक चाहिए थी शराब

हत्यारोपितों ने बताया कि पांच जनवरी को रंजीत स्कूटी से अपनी भाभी व पत्नी को इलाज के लिए कपसेठी लाया था। इधर से उसने दोनों को आटो से भाभी के मायके गहरपुर भेज दिया। उनके जाने के बाद वह शराब पीने के लिए बाजार कालिका में ठेके पर गया। नशे की हालत में वहां से निकला तो रास्तें खड़े मुन्ना राम व भगवान राम से उसने गहरपुर गांव जाने का रास्ता पूछा। इसी बीच तीनों में दोस्ती हुई और इन्होंने पैसे मिलाकर शराब खरीदने की योजना बनाई। तब रंजीत ने 50 व मुन्ना ने 70 रुपये मिलाकर 120 रुपये की शराब खरीदी। जब पीने बैठे तो पैसे के अनुसार शराब की मात्रा को लेकर इनमें भिड़ंत हो गई। अचानक मुन्ना ने ईंट से रंजीत के सिर पर वार दिया, जिससे वह बेहोश हो गया.

रंजीत को नदी में फेंका

तब मुन्ना व भगवान रंजीत को स्कूटी पर लादकर बलुआघाट इसरवार पहुंचे। वहां वरुणा नदी में रंजीत को फेंकने के बाद उन्होंने कालिकाधाम पुल के नीचे स्कूटी में आग लगा दी। उसके अवशेष को बोरे में भरकर बनौली गांव स्थित सूखे कुएं में फेंक दिया.

सीसीटीवी फुटेज से खुलासा

पुलिस को जानकारी मिली थी कि रंजीत शराब पीने कालिका बाजार गया था। वहां लगे सीसीटीवी की फुटेज को खंगाला गया तो हत्यारोपित उसके साथ शराब खरीदते नजर आए। इसके बाद पुलिस उनकी टोह में जुट गई.

पेरोल पर है मुन्ना

मुन्ना वर्ष 2013 में गांव के ही जिज्जू की हत्या में उम्रकैद की सजा पा चुका है। हाईकोर्ट से दो महीने के पेरोल पर छूटा था। भगवान राम बिजली विभाग में संविदा कर्मी था। शराब की लत के कारण उसे हटा दिया गया था। डीसीपी ने हत्या का राजफाश करने वाली पुलिस टीम को 20 हजार रुपये नकद पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की है.

तो क्या एक सप्ताह तक जिंदा रहा रंजीत

पुलिस के अनुसार रंजीत की हत्या पांच जनवरी को हुई। 15 जनवरी को उसकी लाश बरामद हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या का समय 12-13 जनवरी बताई जा रही है। इतने दिनों के अंतर के बारे में डीसीपी गोमती जोन विक्रांत वीर का कहना है इसकी जांच कराई जा रही है। जबकि अंदरखाने ये बात उठ रही है कि क्या हत्यारोपितों ने उसे जिंदा ही फेंक दिया था और सात दिन तक वह जिंदगी मौत के बीच जूझता रहा.

Posted By: Inextlive