साल के पहले दिन बाबा के दरबार में सावन के सोमवार से भी अधिक भक्त पहुंचे सवा सात लाख ने किया दर्शन ठंड पर भारी आस्था ढाई से तीन घंटे बाद आयी दर्शन की पारी शहर के शिवालयों और देवालयों में रही भारी भीड़


वाराणसी (ब्यूरो)कोहरा और भक्तों की भीड़ के आगे कड़ाके की ठंड भी बैकफुट पर नजर आया। साल के पहले दिन बाबा विश्वनाथ के दरबार में सवा सात लाख भक्त पहुंचे और विश्वनाथ धाम से ही नए साल का ग्रेंड वेलकम किया। बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर एक भक्तों की ढाई से तीन घंटे के बाद दर्शन की पारी आई। भक्तों की कतार, बाबा दरबार से मैदागिन तक, बांसफाटक से दशाश्वमेध तक नजर आयी। मंदिर परिसर में गर्भगृह से लेकर गंगद्वार तक भक्तों की अटूट कतार लगी रही। लाइन इतनी लंबी कि ढाई किलोमीटर का दायरा भी कम पड़ गया। देर शाम तक सवा सात लाख भक्तों ने बाबा के दरबार में मत्था टेका। यहीं नहीं नए साल के पहले दिन शहर के देवालयों और शिवालयों में भारी भीड़ रही.

दस राउंड में घूमे भक्त

नए साल में बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के परिसर में स्टील की बैरिकेडिंग की गयी थी। बैरिकेडिंग को जिग-जैग सिस्टम से दस राउंड में घुमाया गया था। गंगद्वार से जो भक्त आते, उन्हें जिग-जैग सिस्टम से ही जाने को मिलता था। इसके चलते भक्तों को दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। हर एक भक्त को बाबा का दर्शन में दो से ढाई घंटे का समय लगा.

9 बजे तक 2.5 लाख भक्तों ने किया दर्शन

साल के पहले दिन बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए रविवार की मध्यरात्रि से ही भक्तों की लाइन लग गई थी, लेकिन दर्शन मंगला आरती के बाद ही भक्तों का मिलना शुरू हुआ। सुबह 9 बजे तक 2.5 लाख भक्तों ने दर्शन पाकर धन्य हुए। इसके बाद भी भीड़ कम नहीं हुई बल्कि बढ़ती गई.

2 बजे तक 4.60 लाख भक्त

अपराह्न 2 बजे तक बाबा विश्वनाथ के दरबार में 4.60 लाख भक्तों ने बाबा का झांकी दर्शन किया। दोपहर बाद जब धूप खिली तो एक बार फिर भक्तों का हुजूम बढऩे लगा। मंदिर परिसर से लेकर चौक तक का एरिया भक्तों की भीड़ से भरा पड़ा रहा। हर तरफ सिर्फ भक्तों की भीड़ ही भीड़ नजर आई। शाम चार बजे तक 5.80 लाख भक्तों ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई। इसके बाद भी भक्तों की कतार लगी रही.

110 वीआईपी ने किया दर्शन

साल के पहले दिन बाबा के दरबार में आम भक्तों के अलावा वीआईपी भक्त भी पहुंचे थे। हालांकि विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के पास रविवार तक 86 वीआईपी भक्तों की लिस्ट पहुंची थी, लेकिन सोमवार तक वीआईपी भक्तों की संख्या बढ़कर 110 हो गई। सभी को ई रिक्शा से ही मंदिर तक पहुंचाया गया। इसके बाद वह झांकी दर्शन किए.

चौक से गोदौलिया तक रेला

भक्तों की भीड़ से चौक से लेकर गोदौलिया और दशाश्वमेध तक भक्तों का रेला लगा रहा। विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी सभी गलियां भक्तों की भीड़ से पटी रहीं। दशाश्वमेध पर तो पैर रखने तक की जगह नहीं रही। दर्शन करने वालों की भीड़ अलग रही और मौज-मस्ती करने वालों की भीड़ अलग ही नजर आई.

नो व्हीकल जोन

साल के पहले दिन भक्तों की सुरक्षा-व्यवस्था के लिए मैदागिन चौराहे से लेकर गोदौलिया तक नो-व्हीकल जोन बनाया गया है। दो पहिया और चार पहिया वाहनों की इंट्री पूर्ण रूप से बंद रही। सिर्फ पैदल ही लोगों का आवागमन हो रहा था। गोदौलिया से आगे जंगमबाड़ी के पास बैरिकेडिंग की गई। सोनारपुरा चौराहे से ही बैरिकेडिंग कर वाहनों को रोक दिया गया था। इधर, मैदागिन और मच्छोदरी के पास वाहनों को रोका गया था.

देवालयों और शिवालयों में भीड़

साल के पहले दिन बाबा से आशीर्वाद लेने के लिए शहर के देवालयों और शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ रही। संकटमोचन मंदिर में सुबह से ही लंबी कतार लगी रही। इसके अलावा महामृत्युंजय मंदिर, केदारेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव, सारंगनाथ, त्रिलोचन महादेव, पंचमुखी महादेव, जोगेश्वर महादेव, मारकंडेय महादेव, कपीलधारा, जेष्ठेश्वर महादेव, बाबा कालभैरव, बड़ा गणेश, दुर्गा मंदिर, कल्याणी मां, संकठा माता मंदिर समेत शहर के कई मंदिरों में देर शाम तक दर्शन-पूजन का सिलसिला जारी रहा.

खूब की मस्ती

नव वर्ष पर घाट के इस पार से लेकर उस पार तक लोगों ने जमकर मस्ती की। किसी ने घुड़सवारी की तो किसी ने बोटिंग कर नया साल मनाया। पिकनिक स्पॉट सारनाथ लोगों की भीड़ से भरा रहा। घाट किनारे भी यूथ के लिए अलावा फैमिली संग पहुंचे बच्चों ने भी आनंद उठाया.

साल के पहले दिन भक्तों की सुरक्षा-व्यवस्था का विशेष ध्यान दिया गया। भोर से दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू हो गया था जोकि देर रात तक भक्तों ने दर्शन किया। सवा सात लाख भक्तों ने बाबा के दरबार में झांकी दर्शन किया.

सुनील वर्मा, सीईओ, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर

Posted By: Inextlive