प्रोडक्ट की गुणवत्ता में खराबी मिलने पर नहीं लगानी होगी दिल्ली की दौड़

डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम में कंपनी के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा

वाराणसी में देश की तमाम बड़ी कम्पनियों का प्रोडक्ट उपलब्ध है, जो आम से लेकर खास लोगों के घर तक पहुंचता है। मानक के अनुसार उसकी गुणवत्ता में गड़बड़ी मिलने पर संबंधित उपभोक्ता को कम्प्लेन करने के लिए मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट वाले शहर जाना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यदि आपको दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु गुरुग्राम या किसी भी शहर में बने उत्पाद के गुणवत्ता की शिकायत करनी हो तो आप नदेसर स्थित जिला उपभोक्ता फोरम में कर सकते हैं। कंपनी के खिलाफ मुकदमा दाखिल करने के लिए मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट वाले जिले में जाने की जरूरत नहीं है। देश में लागू नया उपभोक्ता संरक्षण कानून में जिला फोरम का आर्थिक क्षेत्राधिकार बढ़ा दिया गया है। इससे स्थानीय उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।

दूर होने से छोड़ देते थे इरादा

बनारस में देश के महानगरों स्थित फैक्ट्रियों में बनी अनेक उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री होती है। उनमें कोई शिकायत होने पर जब उपभोक्ता प्रतिष्ठानों पर शिकायत करते थे तो उन्हें उन महानगरों या जिलों की अदालत में केस करने की सलाह दी जाती थी, जहां कम्पनी की निर्माण इकाइयां स्थापित है। इस बाध्यता के चलते आमतौर पर लोग शिकायत करने का इरादा ही छोड़ देते थे। अब ऐसा नहीं होगा।

एक करोड़ रुपये तक के केस जिले में

जिला उपभोक्ता फोरम में पहले 20 लाख रुपये तक के केस ही दाखिल हो सकते थे, लेकिन अब एक करोड़ रुपये तक के केस भी यहां दाखिल हो सकते हैं। पहले एक करोड़ रुपये तक के केस के लिए राज्य उपभोक्ता आयोग, लखनऊ जाना पड़ता था। जिला उपभोक्ता फोरम पहले अधिकतम दस हजार रुपये तक का ही जुर्माना का आदेश दे सकता था। अब 50 लाख रुपये का जुर्माना हो सकेगा।

सेल का होगा गठन

नए उपभोक्ता संरक्षण कानून में जिला उपभोक्ता फोरम को कंज्यूमर मीडिएशन सेल के गठन का भी अधिकार मिल गया है। यह सेल समझौते के आधार फैसला दे सकता है। इससे विवादों का जल्द निपटारा होगा। फोरम से मुकदमों का बोझ भी हटेगा।

उपभोक्ता संरक्षण कानून में लागू होने से जिला उपभोक्ता फोरम की अहमियत बढ़ गयी है। आर्थिक क्षेत्राधिकार बढ़ा देने का उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। अब जिला उपभोक्ता फोरम में स्थायी जजों की नियुक्ति होगी और सुनवाई भी जल्दी होगी। जजों के नहीं बैठने से अब तक दो हजार से अधिक मामले पेंडिंग हैं।

-दिनेश उपाध्याय, फोरम अधिवक्ता

जिला स्तर पर उपभोक्ता फोरम का अधिकार क्षेत्र बढ़ाये जाने से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। नये कानून के अनुसार उपभोक्ता या परिवादी जहां रहता है, वहीं से मुकदमा कर सकता है। नये एक्ट के अनुसार स्थायी न्यायाधीश और दो सदस्यों की नियुक्ति भी जल्द हो जाएगी।

-सुनील मिश्र, फोरम अधिवक्ता

Posted By: Inextlive