'राहत' बांटते वक्त दीवार के साथ गिरे डीएम
हादसे में डीएम समेत तीन जवान जख्मी
बाढ़ से घिरे कोनिया घाट के पास हुई घटना VARANASIबाढ़ पीडि़तों को राहत सामग्री बांटने निकले डीएम सुरेंद्र सिंह और एनडीआरएफ के तीन जवान कोनिया घाट इलाके में बड़े हादसे की चपेट में आने से बाल-बाल बचे। खतरा उठाकर राहत सामग्री बांटने के दौरान उनके ऊपर एक दीवार भरभराकर गिर पड़ी। गनीमत रही कि डीएम पानी के बजाय एनडीआरएफ की बोट पर गिरे हालांकि इस दौरान एनडीआरएफ के दो जवानों को दीवार गिरने से चोट लग गयी। मोटर बोट पर मौजूद बाकी कर्मचारियों और डीएम ने तत्परता दिखाते हुए मलबा हटाकर दोनों जवानों को सकुशल बचा लिया। इस हादसे के चलते वहां अफरातफरी का माहौल बन गया। चोट लगने के बाद भी डीएम सुरेंद्र सिंह ने ढाब इलाके का निरीक्षण किया, बाढ़ पीडि़तों को राहत सामग्री बांटी और राहत कैम्प का जायजा लिया। इसके बाद डीएम आवास पर चिकित्सकों की टीम ने उनका इलाज किया।
दीवार गिरते ही मचा हड़कंपगंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से शहर की बड़ी आबादी बाढ़ की चपेट में आ चुकी है। आज सुबह डीएम सुरेंद्र सिंह और एसएसपी आनंद कुलकर्णी बाढ़ पीडि़तों को राहत सामग्री देने के लिए कोनिया घाट पहुंचे जहां एक मकान की छत पर राजकुमार सेठ और उनके बच्चों को राहत सामग्री देने के लिए डीएम ने प्रयास किया पर असफल रहे। इसके बाद डीएम ने एनडीआरएफ की मोटर बोट से उतरकर घर की चारदीवारी फांदी और एनडीआरएफ के जवानों से राहत सामग्री लेकर बच्चों को देने लगे। इस दौरान बारिश से कमजोर हुई दीवार अचानक भरभरा कर एनडीआरएफ के मोटर बोट पर गिर गई। दीवार के सहारे खड़े डीएम सुरेंद्र सिंह भी नीचे गिर गए हालांकि गनीमत रही कि वे दीवार की चपेट में आने के बजाय थोड़ा दूर छिटक कर बोट पर गिरे जबकि राहत सामग्री दे रहे दो जवान दीवार की चपेट में आने से चोटिल हो गये। अचानक हुए इस हादसे के बाद हड़कंप मच गया पर एनडीआरएफ के बाकी जवानों ने तत्परता के साथ नाव से दीवार का मलबा हटाया जिससे खतरा टल गया। इस हादसे के बाद भी डीएम ने बचाव कार्य जारी रखा और कई पीडि़तों के घरों तक जाकर राहत सामग्री पहुंचाई।