शहर के दीनदयाल जिला अस्पताल में इनदिनों अव्यवस्थाएं चरम पर हैै. स्थिति यह कि स्ट्रेचर रहते हुए मरीज अस्पताल परिसर में जमीन पर लेटे मिलते हैं. यह स्थिति आए दिन की है. शनिवार को भी दैनिक जागरण आइनेक्स्ट की पड़ताल के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बदहाल दिखीं. समय से पहले ही सर्जन ऑथो सर्जन नाक कान और गला विशेषज्ञ अपने कक्ष से गायब मिले.

वाराणसी (ब्यूरो)। शनिवार 13 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 26 मिनट पर बनारस से 40 हिस्से किमी दूर से आए कन्हैया लाल यादव दर्द से कराह रहे अपने 11 वर्षीय बेटे को कंधे लिए ऑथो वार्ड में आए। बच्चे को जल्द कुर्सी पर लिटाकर पर्ची लेकर डॉक्टर की केबिन की ओर भागे। उन्होंने ऑथो के एक के बाद एक सभी डॉक्टरों की केबिन को खंगाल लिया, लेकिन किसी भी कक्ष में हड्डी के डॉक्टर नहीं मिले। वहीं बच्चे की कराहने की आवाज सुनकर आए चपरासी ने सहानुभूति स्वर में कहा कि, हड्डी वाले डॉक्टर सब त चल गइल। इतना सुनते ही कन्हैया के आंखों से आंसू आ गए। जानकारी के अनुसार ऑथो में दो डॉक्टरों को छोड़ सभी ड्यूटी पर थे, लेकिन वे भी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए समय से पहले नदारत हो गए।

ऐसा स्ट्रेचर किस काम का
यूपी सरकार लाख दावे कर ले कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं जमीनी स्तर पर जरूरतमंदों को लाभ पहुंचा रही है, लेकिन शनिवार को दीनदयाल जिला अस्पताल परिसर में जो देखने को मिला, उससे डॉक्टर अपने कार्य में लापरवाह तो मिले ही साथ ही अस्पताल परिसर में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना भी सामने आई। जिला अस्पताल के दवा वितरण कक्ष के सामने कोने में स्ट्रेचर होने के बाद भी अस्पताल के बिल्डिंग के नीचे एक मरीज जमीन पर लेटा कराह रहा था।

सर्जन ने देखी रिपोर्ट
इधर, मायूस कन्हैया लाल यादव को हड्डी का डॉक्टर तो नहीं मिला, लेकिन परेशानी समझकर सर्जन प्रेमप्रकाश ने बच्चे की एक्स-रे रिपोर्ट देखकर दर्द से आराम होने वाली दवाएं देकर सोमवार को आने को कहा।

रोजाना की है बात
बच्चे का दर्द से कराहना और ऑर्थो के सभी डॉक्टर समेत सर्जन व नाक, कान और गला विशेषज्ञ को समय से पहले यानी दोपहर दो बजे से पहले केबिन छोड़ चले जाने को लेकर नाम नहीं छापने की शर्त पर एक हॉस्पिटल स्टाफ ने बताया कि इन सभी के अलावा और भी कर्मचारी हैैं, जो लापरवाही पर आमदा हैं। ये डॉक्टर रोजाना अपने समय से पहले ही चले जाते हैैं और मरीज परेशान होते रहते हैं। इन्हें मरीजों के स्वास्थ्य और दुख परेशानी से कोई लेना-देना नहीं है।

और जेल में गया डॉक्टर
समय से पहले गायब डॉक्टर्स के बारे में पूछताछ करने पर सीएमएस आरके सिंह ने पहले तो सभी लापरवाह स्टाफ का बचाव किया। जब एक-एक कर जानकारी दी गई तो कई बार उनकी जुबान फिसली। कहा कि एक डॉक्टर जेल में है। दूसरी बार सफाई देते हुए बताया कि एक डॉक्टर की ड्यूटी जेल में है।

कहते हैं अधिकारी
वीआईपी ड्यूटी में लगे डॉक्टरों को छोडक़र शेष जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टरों को समय से पहले केबिन छोडक़र जाने पर नोटिस जारी किया जाएगा। इस लापरवाही की जांच की जाएगी और सरकार के नियम नहीं मानने वाले लापरवाह डाक्टर्स को पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ। राहुल, सीएमओ, वाराणसी

Posted By: Inextlive