-डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा बनारस के मीडिया से ऑनलाइन हुए मुखातिब

-कहा, साडि़यां, लकड़ी खिलौने व हस्तशिल्प उद्योग को दिया जा रहा बढ़ावा

डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी एक एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित होगा। 'वोकल फॉर लोकल' के तहत लघु व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जहां तमाम योजनाएं शुरू की गई है। वहीं हस्तशिल्प उद्योग, साडि़यां, लकड़ी के खिलौने को भी बाजार उपलब्ध में कराने का प्रयास जारी है। वह शुक्रवार को मीडिया से ऑनलाइन मुखातिब थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोविड-19 के इस दौर में भी आत्मनिर्भर भारत अभियान भारत अपनी आधुनिक पहचान बनाने में सफल रहा है। डिप्टी सीएम शुक्रवार को बनारस की मीडिया से मुखातिब थे।

वन नेशन-वन मार्केट को बढ़ावा

स्वदेशी अभियान के तहत वन-नेशन, वन मार्केट पर तेजी से काम हो रहा है। दूसरी ओर सूबे के सभी जिलों में फोर लेन, सिक्स लेन की सड़कें बनाई जा रही है। एयरपोर्ट की संख्या बढ़ाकर बीस कर दी गई है। नोएडा में जेवर व कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने का काम तेजी से चल रहा है। टूरिज्म पर भी सरकार का विशेष ध्यान है। धार्मिक नगरों में पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है। काशी में सारनाथ को बौद्ध सर्किट व काशी विश्वनाथ धाम का विकास भी जारी है। कहा कि डिफेंस कॉरिडोर बनारस से भी जोड़ा जाएगा। पत्रकारवार्ता में बनारस से भाजपा के वरिष्ठ नेता में महानगर अध्यक्ष विद्या सागर राय, अध्यक्ष हंस राज विश्वकर्मा, मीडिया प्रभारी नवरतन राठी, अनिल कपूर, संजय सोनकर सहित अन्य लोग शामिल थे।

मेरिट से एडमिशन की छूट

डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा ने कहा कि यूजीसी व मानव संसाधन विकास मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षाएं सितंबर में कराने की योजना है। कहा कि कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए विश्वविद्यालय इस वर्ष स्नातक व स्नातकोत्तर के विभिन्न कक्षाओं में मेरिट पर दाखिला ले सकती हैं। इसके लिए वह पूरी तरह से स्वतंत्र हैं।

50 रुपये तक की हुई बुक्स

उन्होंने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए इस वर्ष यूपी बोर्ड में भी कक्षा नौ से 12 तक कोर्सेस में 30 परसेंट कमी कर दी गई है। कहा कि फिलहाल 31 जुलाई तक स्कूल कालेज बंद कर दिए गए हैं। इसे देखते हुए शैक्षिक संस्थानों के अध्यापकों को ऑनलाइन क्लास लेने का निर्देश दिया गया है। वर्चुअल क्लास व वाट्स-एप के माध्यम से भी बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। यही नहीं शैक्षिक चैनल स्वयं प्रभा के माध्यम से भी पढ़ाई जारी है। छात्रों का कम से कम नुकसान हो इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। कहा कि यूपी बोर्ड में अब एनसीईआरटी की बुक्स चलाई जा रही है। ऐसे में जो किताबें पहले 100-150 रुपये में मिलती थी। अब एनसीईआरटी की पुस्तकें सात रुपये से 50 रुपये में मिल रही है। वहीं बगैर किसी को जेल में भेजे मॉडल टेक्नोलॉजी से नकल विहीन परीक्षा कराने में भी हम सफल हुए हैं।

Posted By: Inextlive