बदहाल ड्रेनेज सिस्टम, बारिश में देगा टेंशन
- ध्वस्त ड्रेनेज सिस्टम से शहर में जलभराव बड़ी समस्या
- शाही नाले की सफाई 50 फीसदी, अन्य पर काम शुरू नहीं VARANASI शहर में जलभराव बड़ी समस्या बन चुका है। इसका प्रमुख कारण ध्वस्त ड्रेनेज सिस्टम है। यही कारण है कि बारिश के दिनों में 50 फीसदी से ज्यादा मोहल्ले ताल-तलैया बन जाते हैं। मेन ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन फायदा नहीं हुआ। शहर की जलनिकासी के मेन सिस्टम शाही नाले की सफाई और लाइनिंग का काम करीब डेढ़ साल बीतने के बाद भी 50 फीसदी ही पूरा हो सका है। जबकि नगवां, बघवा व कोनिया आदि नालों की सफाई अब तक नहीं शुरू हो सकी है। ऐसे में बरसात के समय शहर को 'झील' बनने में देर नहीं लगेगी। मेन ड्रेनेज सिस्टम का काम धीमाप्राचीन शाही नाला शहर का मेन ड्रेनेज सिस्टम है। अस्सी से लेकर कोनिया तक इसकी सीमा है। करीब दो सौ साल पुराने शाही नाले की गहराई करीब आठ फुट है। 7.2 किलोमीटर लम्बे इस नाले की सफाई का काम पिछले साल फरवरी से चल रहा है। 31 दिसम्बर तक काम पूरा होना था, लेकिन नहीं हो पाया। इसके बाद इसकी समयसीमा 31 मार्च तक बढ़ाई गई। फिर भी सफाई नहीं हो पाई। अभी तक करीब चार किलोमीटर तक ही काम पूरा हो सका है। अब कार्यदायी संस्था को 31 जुलाई तक हर हाल में काम पूरा करने को कहा गया है।
नगवा, कोनिया काे 'इंतजार' कोनिया और नगवां नाले भी शहर के मेन ड्रेनेज सिस्टम हैं। लेकिन अभी तक इन दोनों नालों की सफाई शुरू नहीं हो सकी है। हालत यह है कि पब्लिक के कूड़ा-करकट फेंकने से नगवा नाला पूरी तरह से पट गया है। इसकी जलनिकासी अस्सी में होती है। बघवा और कोनिया नाले का भी यही हाल है। ये नाले कई जगहों पर चोक हो गए हैं। जिससे पानी का फ्लो धीमा हो गया है। स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम बेदमशहर में जेएनएनयूआरएम के तहत करीब साढ़े तीन सौ करोड़ की लागत से स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम (बारिश की जलनिकासी व्यवस्था) तैयार की गई है। इसके तहत बारिश का पानी सीधे गंगा वरुणा और अस्सी नदी में जाने की व्यवस्था की गई है, लेकिन इस सिस्टम को एसटीपी से नहीं जोड़ा गया है। नियमानुसार सिस्टम में सीवेज नहीं जाना चाहिए, लेकिन जलनिगम की अनदेखी से करीब दस हजार लोगों ने घरों के शौचालय का कनेक्शन कर लिया। इससे गंगा निर्मलीकरण अभियान को धक्का लग सकता है।
एक नजर - 70 छोटे-बड़े नाले शहर में - 3 मुख्य ड्रेनेज सिस्टम - 83 करोड़ से शाही नाले की सफाई - 31 जुलाई तक समयसीमा - 15 जून तक अन्य होंगे साफ शहर के तमाम नालों की सफाई का काम तेज हो गया है। निर्धारित समय सीमा में सभी नालों की सफाई हो जाएगी। सफाई कार्य को लेकर नगर निगम गम्भीर है। लोकेश जैन, चीफ इंजीनियर, नगर निगम