शहर में चल रही हैं 26 ई-बसें रोज करना है ड्राइवर की बॉडी में अल्कोहल की जांच

वाराणसी (ब्यूरो)उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने इलेक्ट्रिक बसों के संचालन पर सख्त रवैया अपनाया है। ई-बसों सेे लगातार हो रहे हादसों के बाद अब परिवहन निगम ने एक बार फिर सभी परिचालकों के जांच पर सख्ती दिखाई है। ई-बसे चलने वाली शहरों में परिवहन निगम के निर्देश के बाद सभी परिचालकों के आंखों की जांच एवं उनके परिचालन का टेस्ट करके को कहा गया है। वाराणसी में आंखों का टेस्ट तो कराया गया है, लेकिन अभी बस ड्राइवरों के परिचालन को लेकर कोई टेस्ट नहीं कराया गया है। वहीं, बस ड्राइवरों के अल्कोहल के सेवन की भी जांच प्रतिदिन करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।

गुरुवार सुबह से बसे फिर चली

कानपुर में हो रहे लगातार हादसों के बाद ई-बसों के संचालन पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए। इसके बाद सभी बसों को मिर्जामुराद स्थित चार्जिंग स्टेशन में खड़ी कर दी गई। इसके बाद शहर में चल रहे सभी ई-बसों के ड्राइवरों का जांच कराया गया। इस बीच गाडिय़ों के परिचालन पर लगे रोक के चलते यात्रियों को परेशानियों को सामना करना पड़ा। हालाकि गुरुवार सुबह से फिर शहर में बसों का संचालन शुरू कर दिया गया।

ड्राइविंग की टेस्ट जरूरी

प्राप्त जानकारी के मुताबिक सभी ड्राइवरों के बस परिचालन का भी टेस्ट होना था, लेकिन इसे बिना कराए ही फिर से गुरुवार को बस परिचालन शुरू कर दिया गया। इतना ही नहीं, ड्राइवरों के अलकोहल सेवन को लेकर भी फिजिकल टेस्ट नहीं कराया गया, जबकि यह प्रतिदिन कराना है। वाराणसी में परिवहन विभाग की ओर से अब तक इन मामलों में लगातार लापरवाही बरती जा रही है।

निजी कंपनी के हाथों में बागडोर

वाराणसी में कुल 26 ई-बसें चलाई जाती हैं। इन बसों का परिचालन परिवहन विभाग एक निजी कंपनी के जरिए करता है। इतना ही नहीं, इन बसों के परिचालकों को भी निजी कंपनियां ही मुहैया कराती है जो पूरी तरह से अप्रशिक्षित होते हैं, जिसका खामियाजा कानपुर जैसे हादसे में लोगों को अपनी जान गवां कर भुगतना पड़ रहा है।

लापरवाही की हद पार

शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने की दृष्टिकोण से चलाए गए ई-बसों में लापरवाही की हद पार की गई है। ई-बसों में व्यवस्था तो बेहतर की गई, लेकिन इसमें कई खामियां भी सामने आई हैं। परिचालन के दो माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी इन खामियों को दूर नहीं किया जा सका है। सबसे बड़ी बात यह है कि परिचालन की पूरी बागडोर परिवहन विभाग ने निजी कंपनियों को दे रखा है। इसके अलावा जो सबसे बड़ी खामी है कि ई-बस की कमाई से बस के मेेंटेनेंस का खर्च तक नहीं निकल पाता है। इसके बावजूद निजी कंपनी को तीन महीने का एडवांस पैसा जमा किया जा चुका है।

बसों का परिचालन बुधवार को रोक गया था। आज सभी ड्राइवरों के आंखों की जांच कराकर परिचालन शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा प्रतिदिन अल्कोहल की भी जांच की जाएगी। अभी हमारे यहां सभी ड्राइवर बेहतर स्थिति में हैं।

एके तिवारी, रीजनल मैनेजर, यूपी रोडवेज

Posted By: Inextlive