-ई-संजीवनी एप डाउनलोड कर घर बैठे करा सकेंगे ट्रीटमेंट

-सीएचसी, पीएचसी पर भी शुरु होगी यह सुविधा

कोरोना महामारी के चलते पिछले चार महीने से शहर के कई सरकारी अस्पतालों की ओपीडी संचालित नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से सामान्य या अन्य गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगर आप भी यह प्रॉब्लम फेस कर रहे हैं तो चिंता मत करिए। स्वास्थ्य विभाग ने इसका समाधान कर दिया है। बगैर अस्पताल गए आप घर बैठे सरकारी डॉक्टर्स से इलाज करा सकते हैं। इसके लिए आपको बस एक एप डाउलोड करना होगा। जी हां अब ई-संजीवनी एप के माध्यम से पेशेंट को टेलिमेडिसिन और ओपीडी की सुविधा उपलब्ध होगी। कोरोनावायरस को देखते हुए यह सुविधा शुरु की गई है। फिलहाल यह सुविधा स्टेट लेवल पर शुरु कर दी गई है।

यहां होंगी व्यवस्था

ई-सेवा को देने के लिए हॉस्पिटल और सीएचसी, पीएचसी पर टेलिमेडिसिन सेवाएं देने वाले सभी डॉक्टर्स को रजिस्टर्ड किया जाएगा। उन सभी डॉक्टर्स के पास कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा होगी। जिनके पास यह सुविधा नहीं है उन्हें भी इससे जोड़ने का निर्देश दिया गया है। इसमें शहरी पीएचसी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कंप्यूटर एवं इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। हालांकि शहर के कई हेल्थ एंड वेलनेस में ये सुविधाएं पहले से ही उपलब्ध है।

एप से जेनरेट होगा टोकन

पेशेंट को प्ले स्टोर में जाकर ई-संजीवनी ओपीडी एप डाउनलोड करना होगा। इसके बाद तीन ऑप्शन दिखेंगे। इसमें पहला पेशेंट रजिस्ट्रेशन फॉर जनरेट टोकन, दूसरा पेशेंट लॉगिन और तीसरा ऑप्शन व्यू प्रिसिक्रिब्शन दिखेगा। इसमें रजिस्ट्रेशन होते ही सबसे पहले टोकन नंबर जेनरेट करना होगा। इसमें मोबाइल नंबर डालेंगे, फिर ओटीपी आएगा। उसे डालते ही डिटेल्स फिल करने के लिए फॉर्म आएगा। इसमें आपको अपनी पूरी डिटेल और मेडिकल हिस्ट्री देनी होगी। इसके बाद आपको टोकन नंबर मिल जाएगा। आपका नंबर आते ही एप पर ऑनलाइन दिख रहे डॉक्टर के नाम को क्लिक करेंगे, वह तुरंत वीडियो कॉल से कनेक्ट होंगे। ओपीडी का बकायदा सुबह नौ से शाम चार बजे तक समय निर्धारित किया गया है। इस दौरान कई जनरल फिजिशियन और स्पेशलिस्ट डॉक्टर ऑनलाइन रहते हैं।

हर मर्ज का इलाज

पीएमएस में करीब 13 हजार डॉक्टर हैं। इसमें 2500 के करीब स्पेशलिस्ट हैं। फिजीशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, ईएनटी सर्जन, नेत्र रोग विशेषज्ञ, जनरल सर्जन समेत विभिन्न विधाओं के डॉक्टरों को जोड़ा गया है। इसके अलावा एमबीबीएस डॉक्टरों की भी फौज है। यह सुविधा घर बैठे इलाज मुहैया कराने में वरदान साबित होगी। इससे मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा भी टलेगा और घर बैठे इलाज भी हो जाएगा।

क्यो है ई-संजीवनी की जरुरत

अधिकारियों की मानें तो कोरोना संक्रमण की वजह से पहले ही अलग-अलग सामान्य रोग से पीडि़त मरीज हॉस्पिटल जाने से कतरा रहे हैं। जिससे उनकी दवाएं ब्रेक कर रही है। बहुत जरुरतमंद पेशेंट भी हॉस्पिटल नहीं आ रहे हैं। इसी को ध्यान में रखने हुए स्वास्थ्य विभाग ने ई-संजीवनी ओपीडी की शुरुआत की है। इस एप के माध्यम से ऐसे मरीज घर बैठे डॉक्टर से परामर्श और दवाएं भी ई-पर्ची पर लिखवा सकते है। ये सुविधा सिर्फ बनारस में नहीं देश के हर स्टेट में शुरु की गई है।

एक नजर

02

जिला अस्पताल है शहर में

01

मंडलीय अस्पताल है शहर में

51

के करीब है पीएचसी, सीएचसी

7000

से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंचते थे इन अस्पतालों में

01

हजार भी मरीज नहीं पहुंच रहे वर्तमान में

इस संबंध ने शासन से लेटर मिल चुका है। ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से मरीजों को घर बैठे परामर्श मिले, इसके लिए डॉक्टरों को ट्रेनिंग देकर एप से जोड़ा जा रहा है। अभी भी लोग इस एप को डाउनलोड करने के साथ टोकन परामर्श ले सकते हैं।

डॉ। वीबी सिंह, सीएमओ

Posted By: Inextlive