साइबर सेल में जून में अब तक 15 से अधिक शिकायतें पहुंची साइबर ठगी से बचने के लिए पुलिस कर रही जागरूक

वाराणसी (ब्यूरो)साइबर ठग ऐसे लोगों को निशाना बना रहे हैं, जिनका बिजली का बिल बकाया है। ये बिजली कनेक्शन काटने का डर दिखाकर बिजली उपभोक्ता से उसके बैंक अकाउंट सहित अन्य व्यक्तिगत जानकारियां हासिल कर धोखाधड़ी कर रहे हैं। कमिश्नरेट पुलिस की साइबर सेल के पास इस तरह की ठगी की शिकायतें लगातार आ रही हैं। इसके बाद वाराणसी पुलिस ने अलर्ट जारी कर लोगों से सावधान रहने की अपील की है.

केस-1

भेलूपुर थाना क्षेत्र में रहने वाले वकील से साइबर ठगों ने ओटीएस में बिजली बिल समायोजन करने के नाम पर करीब दो लाख रुपये की ठगी कर ली थी।

केस-2

सारनाथ थाना क्षेत्र में रहने वाले कारोबारी से बिजली कनेक्शन काटने का डर दिखाकर साइबर ठगों ने करीब 30 हजार रुपये की ठगी कर ली थी।

ये दो केस सिर्फ उदाहरण है। साइबर सेल में सिर्फ जून महीने में अब तक इस तरह की 15-20 शिकायतें आ चुकी हैं। साइबर ठगों ने अब बिजली उपभोक्ताओं को निशाने पर लिया है।

ऐसे कर रहे हैं ठगी

पुलिस ने बताया कि जालसाज लोगों के फोन नंबरों पर टेक्स्ट मैसेज भेजकर ठगी कर रहे हैं। इस मैसेज में लिखा होता है कि आपके द्वारा भरा गया बिजली बिल अपडेट नहीं हुआ, इसलिए आपका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। जब कोई व्यक्ति मैसेज में दिए गए नंबर पर संपर्क करता है, तो जालसाज उसे उलझाना शुरू करते हैं। बैंक खाते की डिटेल, एनीडेस्क, टीम व्यूअर जैसे रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन इंस्टॉल करवाने की कोशिश करते हैं। जैसे ही लोग लिंक को खोलकर जानकारी सांझा करते हैं। वैसे ही फोन हैक हो जाता है और अकाउंट खाली हो जाता है.

15 मिनट में करें शिकायत

एडवाइजरी में बताया गया है कि बिजली बिल संबंधित किसी भी एसएमएस या कॉल करने वाले व्यक्ति को कोई भी जानकारी न दें। न ही किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर अपने फोन में कोई ऐप डाउनलोड करें और न ही किसी लिंक पर क्लिक करें। अगर कोई व्यक्ति इस तरह की ठगी का शिकार होता है, तो ठगी की शिकायत पहले 15 मिनट में पुलिस की साइबर सेल को 1930 या फिर द्धह्लह्लश्चह्य://ष्4ड्ढद्गह्म्ष्ह्म्द्बद्वद्ग.द्दश1.द्बठ्ठ/ पर करें। पीडि़त अगर जल्द से जल्द शिकायत करेंगे। पुलिस उतनी ही जल्दी पैसे को आरोपियों के पास जाने से रोक सकती है.

10 दिन का समय मिलता है

बिजली विभाग के अधिकारी ने बताया कि विभाग के किसी भी ग्राहक का बिल पैंडिंग है, तो विभाग पहले उसे बिल के साथ नोटिस देती है। उसके बाद विभाग के प्रतिनिधी घर जाकर बिल भरने के लिए कहते हैं। ग्राहक को 10 दिन का समय दिया जाता है। अगर 10 दिन बाद भी ग्राहक बिल जमा नहीं करता है, तो ग्राहक से सम्पर्क कर उसका मीटर काटा जाता है। बिजली विभाग कभी भी मैसेज भेज कर मीटर काटने की बात नहीं करती है.

कैसे बचें ऑनलाइन फ्रॉड से

-अनजान नाम से आए ईमेल, एसएमएस के लिंक या अटैचमेंट पर कभी क्लिक न करें.

-किसी भी व्यक्ति के साथ बैंक खाता, एटीएम या डेबिट/क्रेडिट कार्ड नंबर, पासवर्ड और ओटीपी साझा न करें.

-किसी के कहने पर कोई ऐप डाउनलोड़ न करें.

-बिजली बिल भरने और मीटर काटने से संबंधित मैसेज आए, तो पहले बिजली विभाग के नम्बर या फिर वेबसाइट पर जांच करें.

-मीटर काटने का मैसेज आने पर अपने घर के सबसे पास स्थित बिजली विभाग के आफिस जाकर अधिकारियों से सम्पर्क करें.

अगर जनता को साइबर फ्रॉड के बारे में जागरूक किया जाए और थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो इस प्रकार की ठगी से बचा जा सकता है। बिजली के बिल संबंधित मैसेज आने पर तुरंत पुराने बिल में दिए गए नम्बरों से सम्पर्क करें और अपने बिल की सही जानकारी जुटाएं। गुगल से कस्टमर केयर का नम्बर न लें। क्योंकि हो सकता है कि वहां अपराधियों ने ठगी के लिए फर्जी नम्बर डाल रखा हो.

हिमांशु मिश्रा, साइबर विशेषज्ञ

साइबर अपराधी लगातार नये-नये तरीके अपना रहे हैं। हालांकि साइबर क्राइम से बचाने के लिए मुहिम चलाई जा रही है। बहुत से लोगों का पैसा भी वापस कराया गया है। साइबर ठगी होने पर तत्काल शिकायत करें, पुलिस आपकी मदद के लिए तैयार है.

अंजनी पांडेय, प्रभारी साइबर सेल

Posted By: Inextlive