-स्लॉट नहीं मिलने से 40 परसेंट का डेट खत्म

-कोविड के चलते स्लॉट टाइम बंद होने से बढ़ी पेंडेंसी, सितंबर तक का मिला समय

लर्निग से परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए एक दिन में केवल 40 परसेंट आवेदकों को स्लॉट मिल पा रहा है। अन्य आवेदकों को अगले दिनों का समय दे दिया जा रहा है। इसकेकारण उनका लर्निग डेट एक्सपायर हो जा रहा है। ऐसे आवेदकों को दो से तीन महीने बाद की डेट मिल रही है। बता दें कि परिवहन विभाग की ओर से लाइसेंस संबंधित सभी सेवाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य कर दिए गए हैं। डीएल चाहने वालों को पहले लर्निग लाइसेंस बनवाना होता है, इसके बाद उनका परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनता है। इसलिए विभाग की वेबसाइट पर सबसे ज्यादा आवेदन लाइसेंस के लिए आते हैं। लर्निग लाइसेंस में आनॅलाइन फीस व डॉक्यूमेंट जमा होता है। इसके बाद आवेदक को टाइम स्लॉट दिया जाता है। विभाग की ओर से एक दिन में लर्निग से परमानेंट लाइसेंस बनाने के लिए 150 लोगों को टाइम स्लॉट दिया जाता है। इसके बाद के लोगों को अगले दिनों के लिए स्लॉट टाइम बुक करनी होती है।

केस-1

शिवपुर निवासी पप्पू राय ने फरवरी में लर्निग लाइसेंस बनवाया था। उनकी लर्निग का ड्यू डेट 11 अगस्त को खत्म हो रहा है। उनको परमानेंट लाइसेंस बनवाने का डेट अब सिंतबर में मिल रहा है। इसके पहले के सारे स्लॉट बुक हैं।

केस-2

सिगरा निवासी अनुपम सिंह ने फरवरी लास्ट में लर्निग लाइसेंस बनवाया था। अब उन्हें परमानेंट बनवाना है, लेकिन उनको स्लॉट ही नहीं मिल रहा है। जो स्लॉट टाइम मिल रहा है वह लर्निग लाइसेंस के ड्यू डेट के बाद का मिल रहा है। ऐसे में लर्निग लाइसेंस का डेट एक्सपायर हो जाएगा।

एक से दो महीने बाद का डेट

लर्निग लाइसेंस की वैधता छह महीने की होती है। लेकिन कोरोना के चलते इस साल बहुत दिनों तक ऑफिस बंद रहा है। ऑफिस खुलने के बाद पहले से बुक स्लॉट को टाइम दिया गया। अब जब लर्निग से परमानेंट लाइसेंस बनवाने के लिए स्लॉट ओपेन कर दिया गया है तो टाइम ही नहीं मिल पा रहा है। जो स्लॉट मिल रहा है वह लर्निग के एक्सपायर होने के बाद का मिल रहा है। इससे लोगों की चिंता बढ़ गयी है। वो सोच रहे हैं कि कहीं स्लॉट बुक करा लिए और लाइसेंस नहीं बना तो क्या होगा। कई दिन चक्कर काटने के बाद भी स्लॉट टाइम पीछे का मिलने की बजाए आगे ही बढ़ता जा रहा है।

चार हजार से अधिक का बनना है लाइसेंस

विभागीय आकड़ों पर नजर डालें तो करीब चार हजार आवेदकों के पास लर्निग लाइसेंस हैं। इनको अपने लाइसेंस को परमानेंट बनवाना है। लेकिन टाइम स्लॉट ड्यू डेट के बाद का मिल रहा है। जबकि उनके लर्निग लाइसेंस का डेट उसके पहले ही समाप्त हो जा रहा है। अगर समय रहते मिल जाए तो उनका लर्निग लाइसेंस भी परमानेंट बन जाए। हॉलांकि डेट को लेकर अभी स्पष्ट गाइडलाइन न होने से आवेदक परेशान हैं। विभाग को भी इस समस्या की जानकारी है। इसको लेकर मंथन चल रहा है।

150 करौंदी, 36 सिटी ऑफिस

आरटीओ का मेन ऑफिस हरहुआ से करौंदी शिफ्ट हो गया है। जहां एक दिन 150 आवेदकों को स्लॉट टाइम बुक किया जा रहा है। जिनको अपना लाइसेंस परमानेंट बनवाना है वो ऑनलाइन बुक करा सकते हैं। अगर 150 के अंदर बुक करा लेंगे तो उनका लाइसेंस बन जाएगा और यदि सभी स्लॉट बुक हो गए तो उन्हें अगले दिन के लिए प्रयास करना होगा। इसी प्रकार सिटी ऑफिस में एक दिन में 36 परमानेंट लाइसेंस चाहने वाले आवेदकों को स्लॉट दिया जा रहा है।

वर्जन

कोविड के चलते लाइसेंस का कार्य बंद होने की वजह से पेंडेंसी बढ़ी है। इसको देखते हुए सरकार ने लर्निग लाइसेंस का सितंबर तक वैलिडिटी डेट बढ़ा दिया है। इस बीच कभी भी परमानेंट के लिए अप्लाई किया जा सकेगा।

-सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ प्रशासन

परिवहन विभाग

Posted By: Inextlive