- इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर छेड़ी नगर निगम के खिलाफ मुहिम, लामबंद हुए छात्र-शिक्षक व कर्मचारी

बीएचयू परिसर से बाहरी नाले की निकासी की योजना के खिलाफ विश्वविद्यालय के शिक्षक-कर्मचारी व छात्र लामबंद हो गए हैं। इसे लेकर सोमवार को इंटरनेट मीडिया पर मुहिम भी छेड़ दी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस फैसले का विरोध करते हुए पुनर्विचार की मांग की है।

एबीवीपी के सदस्यों ने कहा है कि काशी ¨हदू विश्वविद्यालय के आसपास के क्षेत्रों सुसुवाही व करौंदी में जल निकासी के लिए नाला निर्माण करा उनको बीएचयू परिसर स्थित नालों में गिराने की योजना पर जिला प्रशासन कार्य कर रहा है। यह नाले घनी आबादी वाले क्षेत्रों से होते हुए परिसर में गिरेंगे। विभाग संयोजक अधोक्षज पांडेय ने कहा कि इन नालों को विश्वविद्यालय से जोड़ने का कोई औचित्य नहीं है। वर्तमान में विश्वविद्यालय के कई विद्यार्थी, शिक्षक व कर्मचारी डेंगू से पीडि़त हैं। अत: इस पर पुनर्विचार किया जाए, अन्यथा विद्यार्थी परिषद आंदोलन करने को बाध्य होगा।

बुलंद की आवाज

बीएचयू के शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्रों ने 'हम बीएचयू के लोग' नाम से इंटरनेट मीडिया पर विरोध जताया है। लिखा है कि एक तरफ केंद्र व राज्य सरकार बनारस के विकास को लेकर बड़े पैकेज और योजनाएं बना रही वहीं दूसरी तरफ स्थानीय निगम नकारा सा बर्ताव कर रहा है। ना जिम्मेदारी निभानी है, न उसका अहसास ही है। वर्ष 2019 में प्रदेश सरकार ने वाराणसी की बढ़ती आबादी और विकास को ध्यान में रखते हुए 79 गांवों को निगम क्षेत्र में शामिल किया। इनमें कई क्षेत्र ऐसे थे जो वाराणसी नगर की सीमा से बेहद सटे थे डाफी, सुसवाही, चितईपुर, करौंदी आदि ऐसे ही कुछ इलाके हैं। पिछले कई सालों से ते•ाी से बढ़ती आबादी वाले में इन क्षेत्रों में जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है। बारिश में यहां की आबादी को जलजमाव झेलना पड़ता है। यहां की आबादी को नगर निगम ने बेसुध छोड़कर रखा है। यह भी कहा है कि बीएचयू की स्वायत्तता, स्वतंत्रता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

Posted By: Inextlive