शहर के दर्जनों इलाकों में बाइकर्स ने बनाए हैैं एडवेंटर क्लब मोडिफाइड साइलेंसर से निकालते हैैं कानफोडू आवाज पुलिस और ट्रैफिक विभाग के नाक के नीचे से तोड़ते हैैं रूल्स रात के अंधेरे में बहुत कम कटते हैैं चालान

वाराणसी (ब्यूरो)जब बात हेल राइडर्स यानी स्पीडी बाइकर्स की होती है तो हॉलीवुड फिल्में एकदम दिमाग में कौंध जाती है। अब इन फिल्मों के सीन को बनारसी बाइकर्स पुलिस और ट्रैफिक पुलिस से बेखौफ होकर दुहराने लगे हैं। रात ढलने के साथ हेल राइडरों की स्पीड और बाइक की चिमनी से निकलती कानफाडू आवाज ने शहरवासियों की नींद हराम कर रखी है। ये बाइकर्स बकायदा क्लब बनाकर बनारस की सड़कों पर बेरोक-टोक ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हैैं। पीछा करने पर पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाते हैं। हालांकि, एकाध बार चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरों की रेंज में आने पर चालान भी कटता है, जो कार्रवाई के नाम पर नाकाफी है। इसके तेज रफ्तार में बाइक दौडऩे से कई बार तो हादसे भी हो चुके हैं। साथ ही आपराधिक संलिप्तता को भी इनकार नहीं किया जा सकता है.

दर्जनों हेल राइडर्स क्लब

शहर में रात का अंधेरा गहराने के साथ बीएचयू, पीलीकोठी, चौकाघाट, नई सड़क, औरंगाबाद, मंडुआडीह, नरिया, सारनाथ, पांडेयपुर, कमच्छा, सुंदरपुर, सामनेघाट और मुगलसराय समेत शहर के दो दर्जन से अधिक इलाकों में रोड और आउटर मोहल्लों की सड़कों पर शोर मचाने वाले स्पीड बाइकर्स निकलते हैं। रसूखदार परिवार के बिगड़ैल यूथ, यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट और टीनएजर्स में बाइक रेस की अघोषित स्पर्धा होती है। यही नहीं बुलेट व अन्य बाइक के वास्तविक साइलेंसर को मोडिफाई करवाकर कानफोड़ू आवाज वाला बना दिया गया है। कुछ बुलेट में पटाखा फोडऩे जैसी आवाज निकलती है, जिससे परीक्षा की तैयारी में जुटे विद्यार्थी, बच्चे और बुजुर्ग परेशान हैं। यही नहीं कई लोग अपने वाहन की स्पीड धीरे कर देते हैं तो कई लोग डरकर गिर जाते हैं। बाइकर्स की अंधाधुध बाइक दौड़ से साइकिल सवारों को अधिकतर चोटें आती हैैं.

केस-1

पीलीकोठी के गोलगड्डा के पास राजघाट जाने वाली सड़क पर मंगलवार की रात में करीब 11.50 बजे चार-पांच बाइकर हवा खाने निकले। इनकी स्पीड इतनी थी कि पास से कारखाने से लौट रहे साइकिल सवार मोहन घबरा कर सड़क पर ही गिर पड़ा। वो तो गनीमत रही कि पीछे कोई तेज रफ्तार कार नहीं आ रही थी। वरना किसी बड़ी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता था.

केस-2

मिर्जामुराद में गत अक्टूबर में रखौना गांव स्थित रिंगरोड के ओवरब्रिज से तेज रफ्तार से बाइक चालक के गुजरने से घबरा कर फिसले चित्रसेनपुर (कछवांरोड) निवासी शिवम पटेल (21 वर्ष) की बीएचयू ट्रामा सेंटर में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इसके अलावा शहर में बाइकर्स गैैंग की डेडली ड्राइव से हादसे आम हैैं.

रात दस बजे के बाद ड्यटी ओवर

वाराणसी कमिश्नरेट में रात दस बजे के बाद यातायात पुलिस के जवानों की ड्यटी खत्म हो जाती है। इसके बाद बाइकर्स गैैंग सड़कों पर उत्पात मचाने उतर आते हंै। रात दस बजे के बाद चौराहे या सड़कें चौकी व थाने की पुलिस की निगरानी में आ जाते हैैं। जानकारी होने के बावूजद भी सख्त कार्रवाई नहीं हो रही। इसके कारण स्पीड बाइकर्स के हौसले बुलंद हैैं। साथ ही बाइकर्स गैैंग ने पुलिस और ट्रैफिक पुलिस की नाक में दम कर रखा है.

शहर में पहले से बाइकर्स गैैंग की संख्या कम हो गई है। ट्रैफिक पुलिस ड्यूटी के दौरान हेल राइडर्स पर कार्रवाई करती है। रात दस बजे के बाद ट्रैफिक बूथ इलाके की चौकी और थाने की पुलिस की निगरानी में रहता है। बहरहाल, रूल्स ब्रेक करने वाले बाइकर्स क्लबों को चिह्नित कर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

दिनेश कुमार पुरी, एडीसीपी, ट्रैफिक विभाग

Posted By: Inextlive