-गंगा में बढ़ाव जारी होने से सताने लगा बाढ़ का खतरा

-लॉकडाउन के बाद पटरी पर आए नाविक फिर सताने लगी व्यापार लॉक होने की चिंता

-दो माह के लिए फिर लॉक हो सकता है नौका विहार

लगातार हो रही बारिश के चलते गंगा का जलस्तर रोज बढ़ रहा है। हाल ये है कि घाटों के सीढि़यों के साथ ही अब घाट किनारे स्थित मंदिर भी डूबने लगे हैं। जलस्तर में अब तक तीन मीटर से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। वहीं इसके बढ़ाव की वजह से अस्सी घाट से राजघाट के बीच दो दर्जन से अधिक मंदिर गंगा में समा गए हैं। गंगा में बढ़ते पानी से सबसे ज्यादा परेशान नाविक हैं। क्योंकि इनकी रोजी-रोटी नौका संचालन पर टिकी है। यदि गंगा में ऐसे ही बढ़ाव रहा तो नाव संचालन बंद हो जाएगा।

नाविकों की फिर बढ़ी समस्या

गंगा में बढ़ाव की वजह से नाविक भी परेशान हैं। लॉकडाउन की मार से नाविक अभी उबर भी नहीं पाए थे कि अब संभावित बाढ़ ने इनके जीवन में नई परेशानी खड़ी कर दी। गंगा का जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो वाराणसी में फिर से नाव का संचालन रोका जा सकता है। नाविकों का कहना है कि जिस तरह से गंगा का पानी बढ़ रहा है्। इससे यह तय हो चुका है कि जल्द ही नौका विहार पर रोक लग जाएगी। वर्तमान में पानी का बहाव तेज होने की वजह से कई सारे नाव का संचालन रूक भी गया है।

पहले लॉकडाउन अब बाढ़

नाविकों का कहना है कि मार्च में लगे लॉकडाउन के बाद तीन माह से संचालन बंद होने से नाविक पहले ही टूट चूके हैं। अब आगे दो से तीन माह तक बाढ़ के पानी की वजह से व्यापार चौपट रहेगा। अनलॉक होने के बाद किसी तरह से परिवार का पेट भरने का जुगाड़ हो रहा है, लेकिन आने वाले दिनों में नाविक समुदाय फिर उसी मुहाने पर आकर खड़ा हो जाएगा। यही नहीं गंगा में बढ़ाव के कारण घाट किनारे पूजा पाठ कराने वाले पुरोहितों के सामने फिर से रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। घाट किनारे रहने वाले पुरोहित रामकृष्ण पांडेय के मुताबिक कि गंगा के जलस्तर में बढ़ाव के कारण घाट किनारे के मंदिर डूब रहे हैं।

टीम हो गई है अलर्ट

बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। एनडीआरएफ और जल पुलिस की तरफ से प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारियां पूरी कर ली गई है। जल पुलिस के साथ एनडीआरएफ की टीम को जिला प्रशासन ने अलर्ट पर रखा है। बाढ़ चौकियां भी बनाई जा रही है। जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम के साथ ही नगर निगम भी इससे निपटने के लिए तैयार है।

तीन माह तक लॉकडाउन होने की वजह से नौका संचालन बंद होने से व्यापार पहले ही चौपट हो चुका है। अब जब थोड़ी कमाई शुरु हुई तो गंगा में हो रहे बढ़ाव ने परेशानी में डाल दिया है।

राकेश मांझी, नाविक

एक बार फिर हमारी रोजी रोटी पर संकट के बादल छाने लगे हैं। जिस तरह से गंगा का जल स्तर बढ़ रहा है इससे अगले दो माह तक तो नाव के संचालन पर रोक लग सकती है। बिना कमाई परिवार कैसे चलेगी सोचना पड़ रहा है।

राजू माझी, नाविक

Posted By: Inextlive