-दिवाली पर फूल मंडियों में लगी आग, 1000 से 1600 रूपये प्रति सैकड़े बिका माला

-इंग्लिशिया लाइन से मलदहिया चौराहे तक सजी रही फूल मालाओं की दुकान

VARANASI

यहां कोई फिल्मी बात नहीं होने जा रही है। बल्कि दिवाली पर फूल मंडियों में जो आग लगी है उसे लेकर हर कोई यही कहता फिर रहा है 'फूल बने अंगारे'। धनतेरस के दिन से ही फूल मालाओं के दाम सातवें आसमान पर चढ़ गये हैं। पूर्वाचल की सबसे बड़ी फूलों की मंडी इंग्लिशिया लाइन स्थित फूल मंडी में इस समय तिल रखने तक की भी जगह नहीं है। इंग्लिशिया लाइन से लेकर मलदहिया चौराहे तक अस्थाई माला फूल की दुकानें सजी हैं। अमूमन फूल मंडी में 80 से 90 रुपये प्रति दस के हिसाब से बिकने वाले गेंदा फूल के माला तीन से चार सौ रुपये प्रति लच्छा में बिक रहा है। कमोबेश यही हाल बांसफाटक स्थित फूल मंडी, अर्दली बाजार आदि एरियाज में है।

पूर्वाचल भर से आते हैं किसान

बनारस की फूल मंडियों में पूर्वाचल भर के किसान आते हैं। इस बार लोहता, राजातालाब, घमहापुर, बिरभानपुर, मिल्कीचक, जाल्हूपुर, जमुआ बाजार सहित मिर्जापुर, जौनपुर, चंदौली, भदोही आदिडिस्ट्रिक्ट के किसान आये हैं।

दिल्ली से बंगाल तक फैली खुशबू

इस साल फूल की खेती अच्छी होने की वजह से अदर स्टेटस में भी फूल व माला भेजा जा रहा है। नई दिल्ली, कोलकाता व सिलीगुडी तक यहां के फूल माला भेजे जा रहे हैं। हालांकि बनारस से सिलीगुडी पहली बार फूल व माला गया है।

इस साल बनारस में फूल की खेती बहुत अच्छी हुई है। मंडी संचालकों की मानें तो पिछले साल की ही तरह इस साल फूलों की क्राइसिस नहीं है। उम्मीद से दोगुना फूलों की आवक मंडी में बढ़ी है। यही कारण था कि कोलकाता, नॉर्थ ईस्ट से इस साल फूल नहीं मंगवाना पड़ा। इस बार दामों में गिरावट आयी है। इस वर्ष क्000 से क्म्00 रूपये प्रति सैकड़े तक माला बिका। जबकि पिछले साल लगभग चार हजार से छह हजार रूपये प्रति सैकड़े तक माला बिका था।

प्रमोद दूबे

संचालक, किसान फूल मंडी

इंग्लिशिया लाइन

Posted By: Inextlive