वाराणसी में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के नाम पर खेल


वाराणसी (ब्यूरो)पॉवर सेंटर वाराणसी में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यह शहर की सिक्योरिटी से खिलवाड़ है। साथ ही सिस्टम के साथ बड़ा मजाक। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में फर्जी यानी डुप्लीकेट हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) बनाने का खुलासा हुआ है। एक घंटे में 500 से 600 रुपए में बनारस ही नहीं किसी भी जगह की गाड़ी चाहे दो पहिया, चार पहिया या ई-रिक्शा हो, सभी का एचएसआरपी बन जाएगा। यह फर्जीवाड़ा नदेसर स्थित कार एसेसरीज मार्केट में खुलेआम चल रहा है। इससे अफसरों की अनदेखी कहें या कथित संरक्षण, पर बीच शहर चल रहे इस गोरखधंधे से पूरी व्यवस्था कठघरे में है। आपको बताते हैं, कैसे चल रहा है यह फर्जीवाड़ा

सीन-1

रिपोर्टर : हेलो, हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बन जाएगा।

दुकानदार : हां। कौन सी गाड़ी है.

रिपोर्टर : नंबर बताएं या गाड़ी.

दुकानदार : नंबर ही बोलिए.

रिपोर्टर : यूपी 65 जीटी 0121

दुकानदार : ग्रीन या व्हाइट नंबर प्लेट.

रिपोर्टर : ग्रीन बनना है।

दुकानदार : टोटा है क्या.

रिपोर्टर : हां, नहीं बनेगा क्या.

दुकानदार : हमारे यहां सभी गाड़ी का नंबर प्लेट बनता है।

रिपोर्टर : किस समय लगेगा और पैसा कितना देना होगा.

दुकानदार : एक घंटे के अंदर मिल जाएगा। 500 रुपए लगेगा। 100 रुपए लगवाने का अलग से.

रिपोर्टर : बहुत जल्दी दे रहे हैं.

दुकानदार : डुप्लीकेट मिलेगा। ओरिजनल के लिए शोरूम में जाइए.

रिपोर्टर : डुप्लीकेट.

दुकानदार : हां, डुप्लीकेट.

रिपोर्टर : पुलिस परेशान करेगी.

दुकानदार : दूर से देखने में ओरिजनल ही लगेगा। पुलिस को पता नहीं चल जाएगा.

रिपोर्टर : दिक्कत आएगी तो.

दुकानदार : यह आपकी परेशानी है। बनवाना है तो बोलो।

सीन-2

रिपोर्टर : भाई, हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बन जाएगी।

दुकानदार : हां, बन जाएगी.

रिपोर्टर : गाड़ी बनारस की नहीं है।

दुकानदार : तब कहां की है.

रिपोर्टर : बिहार की गाड़ी है।

दुकानदार : कोई बात नहीं। कौन सी गाड़ी है.

रिपोर्टर : दो पहिया और चार पहिया दोनों हैं।

दुकानदार : दो पहिया में कौन सी गाड़ी है.

रिपोर्टर : एक्टिवा है।

दुकानदार : ठीक है। गाड़ी कहां है.

रिपोर्टर : गाड़ी तो नहीं लाए हैं।

दुकानदार : कोई बात नहीं, नंबर बताइए.

रिपोर्टर : कितना पैसा लगेगा।

दुकानदार : दो पहिया का साढ़े पांच सौ और चार पहिया का सात सौ रुपए लगेगा।

रिपोर्टर : कब तक देंगे नबंर प्लेट.

दुकानदार : एक घंटे में मिल जाएगा.

रिपोर्टर : बस एक घंटे में, शोरूम और एजेंसी वाले तो एक सप्ताह लेते हैं।

दुकानदार : हमारे पास ओरिजनल नहीं, बल्कि डुप्लीकेट ही बन पाएगा.

रिपोर्टर : मैंने सोचा कि ओरिजनल बनेगा।

दुकानदार : नहीं, डुप्लीकेट ही बनेगा। यह भी देखने में ओरिजनल ही लगेगा।

रिपोर्टर : पुलिस चेकिंग से बचने के लिए लगवा रहे हैं.

दुकानदार : डुप्लीकेट नंबर प्लेट कैमरे में रीड नहीं होगा। चालान से भी बचाएगा.

रिपोर्टर : पकड़े तो नहीं जाएंगे.

दुकानदार : इसकी गारंटी हम कैसे देंगे.

पुराने नंबर प्लेट पर दौड़ रहे सात लाख वाहन

आरटीओ में 11 लाख से अधिक वाहन पंजीकृत हैं, जिसमें दो पहिया, तीन पहिया, चार पहिया समेत बड़ी संख्या में भारी वाहन ट्रक, बस, डंफर, ट्राला भी शामिल हैं। सभी वाहनों पर एचएसआरपी अनिवार्य है, लेकिन अभी तक बनारस में सिर्फ साढ़े चार लाख वाहनों में ही यह नंबर प्लेट लग पाई है। मोटर व्हीकल एक्ट में एचएसआरपी न लगवाने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

हू-ब-हू ओरिजनल एचएसआरपी की तरह

नई गाडिय़ों पर एचएसआरपी कंपनी से ही लगकर आ रही हैं। पुरानी गाडिय़ों पर भी इसे लगवाना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर चालान होगा। इसी चालान के डर का फायदा नंबर प्लेट लगाने के काम से जुड़े लोग उठा रहे हैं। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की तरह ही हू-ब-हू दिखने वाले डुप्लीकेट नंबर प्लेट धड़ल्ले से लगाए जा रहे हैं.

नदेसर में चल रहा खेल

नदेसर समेत शहर में कई जगहों पर नंबर प्लेट लगाने वाली दुकानों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के नाम पर खेल चल रहा है। आरटीओ की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण शहर में कई जगह यह गोरखधंधा फल-फूल रहा है। जब दुकानदारों से पूछा गया कि इस फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लगवाने के बाद पकड़े नहीं जाएंगे, तो उनका जवाब था कि इसे पहचान पाना मुश्किल होगा। इन दुकानदारों का कहना है कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की तरह ही उसे बनाया जा रहा है। बड़ी संख्या में इन दुकानों पर पहुंचकर लोग नंबर प्लेट बनवा रहे हैं। जबकि इसे बदलने के लिए एजेंसी निर्धारित है। ऑनलाइन आवेदन कर टाइम स्लाट लेकर उसे आसानी से बदलवाया जा सकता है।

लगवा रहे गलत प्लेट

पिछले दिनों आरटीओ की तरफ से 10 और 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल के करीब 70 हजार से अधिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है। ऐसे वाहनों का ऑनलाइन तरीके से आवेदन नहीं किया जा सकता है। यदि कोई कोशिश करेगा तो पकड़ा जाएगा। इसलिए ऐसे वाहन चालक इन गाडिय़ों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की तरह दिखने वाले नंबर को लगवाकर उसे शहर में चला रहे हैं।

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का बार कोड फर्जी नंबर प्लेट में नहीं होता है। जनता को जागरूक होने की जरूरत है। डुप्लीकेट नंबर प्लेट बनाने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.

श्यामलाल, एआरटीओ प्रवर्तन

अगर ऐसा है तो यह गंभीर मामला है। पुलिस टीम को भेजकर इसकी जानकारी की जाएगी। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

- मुथा अशोक जैन, सीपी

13.80 लाख वाहन पंजीकृत हैं वाराणसी जिले में

8.30 लाख वाहनों पर एचएसआरपी नहीं

65 हजार वाहनों पर लगी है एचएसआरपी

Posted By: Inextlive