पहले कानपुर ले गए, फिर नशीला दूध पिलाकर सिर पर किया घातक वार

कैंट पुलिस ने किया पति-पत्नी समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार

बुद्ध विहार मार्ग के रहने वाले एनटीपीसी के रिटायर डिप्टी सेफ्टी मैनेजर मार्तंड शाही को उनके ही घनिष्ठ मित्र निगमेंद्र, राजेश और राजेश की पत्नी ने पहले नशीला दूध पिलाया और फिर उनके सिर पर घातक वार कर मार डाला था। अकूत संपत्ति हड़पने के लिए मित्रों ने कानपुर में ले जाकर घटना को अंजाम दिया। एसीपी सुभाषचंद्र दुबे ने दिल दहला देने वाली घटना का खुलासा किया। मार्तंड शाही के अपहरण और हत्या के मामले में कैंट पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।

नातिन को देने वाले थे संपत्ति

कैंट थाने में शनिवार को एसीपी अपराध एवं मुख्यालय सुभाषचंद्र दुबे ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों की पहचान भोजूबीर निवासी निगमेंद्र कुमार सिसौदिया, बरेका के निकट जानकीनगर के शिवशक्ति अपार्टमेंट निवासी राजेश चौहान और उसकी पत्नी कंचन के रूप में हुई। एसीपी ने बताया कि साजिश के तहत मार्तंड शाही की संपत्ति हड़पने के लिए ये तीनों कानपुर में नतिनी से मिलवाने के बहाने ले गए थे। निगमेंद्र और राजेश को पता था कि मार्तंड घर पर अकेले रहते हैं। इनके पास अकूत संपत्ति है। दोनों ने मिलकर संपत्ति हड़पने की साजिश रची। विश्वास में लेकर अचल सम्पत्ति राजेश व उसकी पत्नी कंचन चौहान ने दान पत्र के माध्यम से अपने पक्ष में करा ली। इस दौरान निगमेंद्र ने राजेश से बताया कि दान पत्र से प्राप्त अचल संपत्ति पर तब तक अधिकार नहीं जमाया जा सकता, जब तक कि दान लेने वाला कोई परिवारीजन जीवित है। इस बीच मार्तंड शाही का मन बदला और सारी संपत्ति कानपुर में अपनी नातिन के नाम से लिखने वाले थे। अकूत संपत्ति हाथ से फिसलती देख निगमेंद्र, राजेश ने हत्या की साजिश रची।

हत्या को आत्महत्या का रूप दिया

छावनी स्थित शिवमंदिर के निकट वाहन से राजेश, निगमेंद्र, राजेश की पत्नी कंचन और एक अन्य अखिलेश ठाकुर मार्तंड शाही को लेकर कानपुर में उनकी नतिनी से मिलवाने का बहाना बनाकर निकले। कानपुर से पहले कंचन ने थरमस में नशीली गोलियां मिला दूध मार्तंड शाही को पिलाया। थोड़ी देर बाद वह बेसुध हो गये। कानपुर से पहले सड़क किनारे गाड़ी खड़ी की गई। पीछे बैठे अखिलेश ठाकुर ने रॉड से सिर पर प्रहार किया। वह छटपटाने लगे। कंचन चौहान व राजेश चौहान ने हाथ-पैर कसकर पकड़ लिया। आवाज निकालने पर अखिलेश ने मुंह दबा दिया। जब मौत हो गई तो शव सड़क किनारे फेंक दिया। मार्तंड की जेब में स्ट्रिप, नशीली दवा की दो अदद गोलियां, बस के टिकट के अलावा सुसाइड नोट भी रख दिया था। सुसाइड नोट में लिखा गया था कि उनके परिजन उनका ध्यान नहीं देते। इससे वह क्षुब्ध हैं। साथ ही उनकी मौत का कोई जिम्मेदार नहीं है। राजेश ने मार्तंड का मोबाइल, नीले रंग का झोला और घड़ी ले ली। वापस में घटनास्थल से 10-15 किमी की दूरी पर राजेश ने फोन, घड़ी, झोला व लोहे का राड झाडि़यों में फेंक दिया।

सात माह से रच रहे थे साजिश

मार्तंड शाही को रिटायर होने के बाद डेढ़ करोड़ रुपये मिले थे। निगमेंद्र ने इस पैसे से शहर में ही कटरा (कई दुकानें) खरीदवाईं। इसके बाद मार्तंड प्रापर्टी डीलिंग करने लगे। इस दौरान निगमेंद्र और राजेश के मन में लालच आया और वे संपत्ति हड़पने की साजिश रचने लगे। निगमेंद्र, राजेश व अन्य ने बुद्ध विहार मार्ग स्थित आवास, कटरा और देवरिया की पैतृक अचल संपत्ति तक अपने नाम करा ली थी।

ये थे नामजद

बरेका के निकट जानकीनगर के शिवशक्ति अपार्टमेंट निवासी राजेश कुमार चौहान, उसकी पत्नी कंचन, गोरखपुर के चिलुआताल के सेमरा निवासी बृजेश यादव, रमेश यादव, नेताजी सुभाषचंद्र बोस नगर निवासी सुबोध कुमार द्विवेदी, जौनपुर के पोखरा निवासी दिनेश कुमार सिंह, भोजूबीर निवासी निगमेंद्र कुमार सिसौदिया, शिवपुर के भरलाई निवासी राजेश कुमार को नामजद किया है। घटना की विवेचना के दौरान अखिलेश ठाकुर का नाम आया। उसका पता अज्ञात है।

Posted By: Inextlive