- कोविड-19 के नियमों के अनुसार सभी भक्तों के लिए खोला गया श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का दरबार

- श्रद्धालु को चंदन टीका लगाने और माला-फूल पहनने पर अभी जारी रहेगा प्रतिबंध

- बाबा के दरबार में झांकी दर्शन के तहत ही बाबा को जल चढ़ा सकेंगे श्रद्धालु

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श्रद्धालु ही एक बार में दर्शन करेंगे बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ के

600

से संक्रमित मरीजों की संख्या कम होने के बाद प्रशासन ने दी छूट

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अप्रैल से मंदिर के गर्भ गृह में भक्तों के प्रवेश पर लगाई गई थी रोक

द्वादश ज्योतिìलगों में से एक श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर आज से आम भक्तों के लिए खुलने जा रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से कोरोना की दूसरी लहर में मंदिर में प्रवेश और बाबा के दर्शन कुछ ही भक्त कोविड 19 की निगेटिव रिपोर्ट के साथ कर रहे थे। अब जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 600 से कम होने के बाद कोरोना कफ्र्यू में जिला प्रशासन की ओर दी गई छूट के बाद भक्त बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन आराम से कर सकेंगे। हालांकि इस दौरान दर्शनाíथयों को कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा। शारीरिक दूरी, मास्क लगाने से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरा पालन करना होगा। अभी गर्भगृह में प्रवेश वíजत रहेगा, झांकी दर्शन के तहत ही बाबा को जल चढ़ाया जा सकेगा वहीं श्रद्धालुओं को चंदन-टीका लगाने और माला-फूल पहनने पर रोक रहेगी।

मास्क लगाना अनिवार्य होगा

मंदिर के सीईओ सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि 8 जून से आम दर्शनाíथयों के लिए विश्वनाथ मंदिर खुल जाएगा। इसमें एक बार में पांच श्रद्धालु ही दर्शन करेंगे, वहीं श्रद्धालुओं को प्रवेश से पहले मास्क लगाना अनिवार्य होगा। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बने गोले के नियमों का पालन करना होगा। मंदिर खुलने के दौरान समय-समय पर मंदिर परिसर को सैनिटाइज भी किया जाएगा।

विग्रह के स्पर्श पर प्रतिबंध

सुरक्षा की दृष्टि से वर्तमान समय में मंदिर की दीवार या किसी विग्रह को स्पर्श करना प्रतिबंधित रहेगा। सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि श्रद्धालु दर्शन के लिए बनाए गए नियमों का पालन करते हुए बाबा को दूर से ही जल चढ़ा सकते हैं। वहीं पुजारियों और सेवादारों को किसी श्रद्धालु को चंदन टीका लगाना माला फूल पहनने पर प्रतिबंध रहेगा।

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निगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर होते थे दर्शन

कोरोना कफ्र्यू के दौरान 10 अप्रैल से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भ गृह में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। मंगला आरती पर भी रोक थी। हालांकि आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर श्रद्धालुओं को झंाकी दर्शन की इजाजत होती थी। इस दौरान हर दिन औसतन 20 लोग ही दर्शन करते थे, गर्भ गृह में प्रवेश पर प्रतिबंध था। अब आठ जून से रिपोर्ट दिखाने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि कोविड-19 के नियमों का पालन जरूरी होगा।

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अभी गर्भगृह में प्रवेश वíजत रहेगा। झांकी दर्शन के तहत ही बाबा को जल चढ़ाया जा सकेगा। मंदिर खोलने को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोला बनवा लिया गया है। समय-समय पर परिसर को सैनिटाइज भी कराया जा रहा है।

सुनील कुमार वर्मा, सीईओ

Posted By: Inextlive