- युवाओं से पहले ही जमा करा ली जा रही है सिक्योरिटी मनी

- पैसा पाने के बाद नहीं मिल रही है नौकरी, कई लोग हुए शिकार

केस-1

जेल रोड स्थित सिक्योरिटी एजेंसी ने रामनगर के रहने वाले उपेंद्र नाथ दीक्षित से ट्रेनिंग के नाम पर दो हजार और फॉर्म भरने के नाम पर पांच सौ रुपये लिये, लेकिन बिना ट्रेनिंग के ही जॉब ऑफर भी कर दिया, लेकिन नौकरी नहीं मिली।

केस-2

चांदपुर रोड के पास एक सिक्योरिटी एजेंसी ने लोहता निवासी जिम्मेदार यादव को सुपरवाइजर की नौकरी दिलाने का ऑफर दिया। कागजी कार्रवाई के लिए एक हजार और ट्रेनिंग के नाम पर 2 हजार रुपये ले लिये। 15 दिन बीत गए, लेकिन अभी तक युवक को नौकरी नहीं मिली।

यह दो केस बताने के लिए काफी हैं कि नौकरी के नाम पर ठगी का तरीका बदल गया है, लेकिन इस पर लगाम नहीं लगा है। कोरोना काल में अच्छी खासी नौकरी जाने के बाद हजारों की संख्या में युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। नौकरी पाने की चाह में वेल एजुकेटेड युवक-युवतियां किसी के झांसे में आ जा रहे हैं। इनकी मजबूरी का फायदा उठाकर शहर में सक्रिय ठग गिरोह इन्हें अपना शिकार बना रहे हैं। पहले सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का खेल चलता था, लेकिन इन दिनों निजी कम्पनियों में मैनेजर या क्लर्क नहीं, बल्कि सुरक्षा गार्ड की नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का खेल चल रहा है।

रिटायर्ड जवानों पर ज्यादा भरोसा

शहर में स्थित अधिकतर सरकारी और निजी आफिसों के अलावा बैंकों में सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती का कल्चर तेजी से बढ़ा है। हालांकि सरकारी दफ्तरों और बैकों में सेना से रिटायर्ड जवानों को ही रखा जाता है या विश्वनीय सिक्योरिटी एजेंसी के लोगों को रखा जाता है। इसकी एवज में अच्छी खासी सैलरी भी दी जाती है। इसलिए वेल एजुकेटेड युवाओं में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी के प्रति रुझान बढ़ रहा है।

शहर में घूमते हैं एजेंसी के एजेंट

पहले कुछ चुनिंदा सिक्योरिटी एजेंसी ही शहर में होती थी, लेकिन पिछले दो से तीन साल के अंदर वाराणसी में जगह-जगह सिक्योरिटी एजेंसी का आफिस खुल गया। बेरोजगार युवाओं को शिकार बनाने के लिए कई एजेंसी के एजेंट भी पूरे शहर में सक्रिय हैं, जो 10 से 20 हजार रुपये प्रति माह वेतन दिलाने का वादा करते हैं। अगर कोई युवा नौकरी की इच्छा जताता है तो उसे ट्रेनिंग और कागजात पूरे करने के नाम पर एडवांस में एक से तीन हजार ऐंठ ले रहे हैं।

पैसे लेने के बाद टालमटोल

ऐसी एजेंसियां युवाओं को फंसाने के लिए पहले आकर्षक सपने दिखाती हैं। कहा जाता है कि कुछ दिनों तक गार्ड की नौकरी करने के बाद बतौर सुपरवाइजर प्रमोट कर दिया जाएगा। सैलरी भी बढ़ जाएगी। नौकरी ज्वॉइनिंग करने से पहले ट्रेनिंग देने का भी वादा किया जाता है। यदि किसी ने नौकरी की हामी भर दी तो उसे ज्वॉइनिंग लेटर भी जारी कर दिया जाता है। ज्वॉइनिंग लेटर पर बाकायदा पूरी डिटेल होती है। साथ ही 2 हजार रुपये सिक्योरिटी मनी जमा करना भी मेंशन होता है। सिक्योरिटी मनी लेने के बाद एजेंसी अभ्यर्थी को टालने लग रही है।

अभी एक दिन पहले ही बीएचयू की लड़की ने इस तरह का कम्प्लेन मुझसे किया था। ऐसे लोगों पर नकेल कसने के लिए जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। हालांकि पुलिस टीम लगातार आमजन मानस को ऐसे शातिर लोगों से बचने के लिए जागरूक भी कर रही है। लोग जागरूक भी हैं। कुछ लोग इनके झांसे में आ रहे हैं।

-अमित पाठक, एसएसपी

-2 सौ अधिक हैं शहर में सिक्योरिटी एजेंसियां

-15 हजार से अधिक वेतन देने का देते हैं लालच

-3 या चार दिन के अंतराल पर आ रहे हैं इस तरह के मामले

-2 हजार रुपये युवाओं से लेते हैं ट्रेनिंग के नाम

-5 सौ रुपये लेते हैं फार्म भरने के नाम पर

Posted By: Inextlive