- फर्जी कॉल के जरिए चल रहा ठगी का बड़ा खेल

- दर्जनों लोगों को शातिर कर चुके हैं कॉल, कई तरह का दे रहे हैं ऑफर

केस- 1

महमूरगंज के राजेश मुदड़ा का आईसीआईसीआई बैंक में अकाउंट है। उनके पास तीन दिन से इसी बैंक के नाम से मोबाइल पर कॉल आ रही है। उन्होंने रिसीव किया तो कॉल करने वाले ने क्रेडिट लिमिट बढ़ाने का ऑफर दिया। इसके एवज में प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ऑनलाइन पांच हजार की डिमांड की। राजेश ने अपने बैंक में पता किया तो कॉल फर्जी निकली।

केस दो

प्रह्लाद घाट के रोशन अग्रवाल का एसबीआई बैंक में अकाउंट है। उनके पास दो दिन से नामी बैंक के नाम से कॉल आ रही है। रिसीव करने पर लोन दिलाने का ऑफर दिया गया। इसके लिए भेजे लिंक गए क्लिक करने की बात कही। रोशन ने फोन कॉल नंबर की सत्यता जांची तो फर्जी निकला।

ये दो केस सिर्फ आपको सावधान करने के लिए हैं। लोन के लिए इस तरह के फोन कॉल हजारों लोगों के मोबाइल पर आ रहे हैं। आपकी की थोड़ी सी लापरवाही पर आपके खाते से पैसा निकल जाएगा और आपको पता भी नहीं चलेगा। इन फर्जी कॉल के जरिए वाराणसी में औसतन एक या दो लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं। इन फर्जी कॉल के जरिए ठगी का खेल चल रहा है।

कॉल सेंटर्स से चल रहा फर्जीवाड़ा

पुलिस अधिकारियों के अनुसार कॉल सेंटर्स से लोन के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है। इसके माध्यम से हर साल लोगों से करोड़ों की ठगी की जा रही है। इसके लिए बड़ी संख्या में फर्जी कॉल सेंटर खोले गए हैं, जिनका नेटवर्क काफी बड़ा है। चूंकि यह रकम छोटे अमाउंट में ली जाती है, लिहाजा अधिकांश लोग पुलिस थाने के चक्कर लगाने से बचते हैं। इनमें से अधिकांश लोन दिलाने के नाम पर फाइल चार्ज के रूप में लेते हैं। इनकी ठगी का शिकार हुए लोग देश के विभिन्न हिस्सों के होते हैं और जब तक उन्हें अपने साथ हुई ठगी का एहसास होता है, तब तक वह सेंटर बंद हो चुका होता है। मौके पर कुछ नहीं होता, जिसके चलते ऐसे मामलों में ज्यादातर पीडि़त शिकायत भी दर्ज नहीं कराते हैं, जिसका लाभ इन साइबर ठगों को मिल रहा है।

सस्ती ब्याज दरों का दे रहे प्रलोभन

कोरोना के चलते कारोबार को काफी नुकसान हुआ है। हालांकि इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज को रिलीज किया। यह पैसा बैंकों के जरिए उद्यमियों और व्यापारियों को लोन या क्रेडिट लिमिट के रूप में दी जा रही है। इसलिए कोरोना काल में लोन लेने वालों की तादाद बढ़ गई है। इसी का फायदा उठाकर साइबर ठग फोन कॉल के जरिए सस्ती ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध कराने का झांसा दे रहे हैं। यही वजह है कि इनके झांसे में आकर ठगे जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है।

लोन के लिए कॉल नहीं आती

यूपी पुलिस के साइबर एक्सपर्ट निरीक्षक कर्मवीर सिंह के अनुसार इस तरह से होने वाली ठगी से लोगों को बचाने के लिए पुलिस ने अलर्ट भी जारी किया है। वैसे भी लोन के लिए किसी भी राष्ट्रीय बैंक की ओर से कॉल नहीं की जाती है। कोई एप भी नहीं है। अज्ञात एप्लिकेशन को अनुमति ना दें। आवेदन के लिए दिए जाने वाले दस्तावेजों का ही फायदा यह साइबर ठग उठा रहे हैं और वह इन कागजों पर क्रेडिट कार्ड इश्यू करा लेते हैं तो कभी उनके दस्तावेजों पर स्वयं ही बैंक से लोन ले लेते हैं या अन्य कार्याें में उनके कागजों का दुरुपयोग कर रहे हैं जिसके मामले लगातार आ रहे हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

-कोई बैंक कभी किसी उपभोक्ता को अकाउंट संबंधित जानकारी लेने के लिए फोन नहीं करता है।

-एटीएम या बैंक अकाउंट से जुड़ी डिटेल किसी को न दें

-एटीएम कार्ड किसी को न दें

-रुपये निकलाते वक्त अलर्ट रहें

-लॉटरी के लालच में न फंसे

-फाइनेंस से संबंधित कोई सूचना फोन या ई-मेल पर ना दें

-किसी भी मेल को ओपन करें तो किसी को पासवर्ड शेयर ना करें

-इंटरनेट इस्तेमाल करते समय निजी जानकारी किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ साझा न करें

-अनचाहे लिक्स पर क्लिक न करें

-ट्रांजेक्शन ऑनलाइन साझा न करें।

लोन के नाम पर ठगी से संबंधित कुछ शिकायतें आई हैं। वैसे उपभोक्ता को किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए और बैंक लोन और अन्य कार्यो के लिए बेहतर होगा कि वह बैंक में ही संपर्क करें और गूगल या अन्य माध्यमों से कॉल नंबर चेक करें। कॉल रिसीव करने से पहले उसकी सत्यता को जरूर परख लें।

-मिथिलेश कुमार, एडीएम

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Posted By: Inextlive