छठ पर्व में फलों का बड़ा महत्व रहता है. संतरा केला सेब अनार और सिंघाड़ा अनानास अन्य सामानों के रेट इन दिनों बढ़ गए हैं. मंडी से लेकर फुटकर बाजारों में फलों की दुकानें दुल्हन की तरह सज चुकी है. फल व्यापारियों की माने तो दीपावली के दिन से फलों के रेट में 15-20 परसेंट तक उछाल आया है.

वाराणसी (ब्यूरो)। आस्था का महापर्व छठ पूजा शुरू हो चुका है। छठ पर्व में फलों का बड़ा महत्व रहता है। संतरा, केला, सेब, अनार और सिंघाड़ा, अनानास अन्य सामानों के रेट इन दिनों बढ़ गए हैं। मंडी से लेकर फुटकर बाजारों में फलों की दुकानें दुल्हन की तरह सज चुकी है। फल व्यापारियों की माने तो दीपावली के दिन से फलों के रेट में 15-20 परसेंट तक उछाल आया है। महंगे डीजल और टैक्सेज की वजह से फलों के दाम में वृद्धि की मुख्य वजह सामने आई है। रविवार और सोमवार को पहडिय़ा-आशापुर मंडी, सुंदरपुर मंडी और चंदौली कृषि मंडी में छठ पूजा को लेकर थोक और फुटकर खरीदारी जमकर हो रही है।

सर्दी सीजन के फल महंगे
बाजार में फुटकर और थोक दोनों ही तरह की दुकानों में खरीदार आ रहे हैं। हालांकि सॢदयों वाले कुछ फलों जैसे माल्टा, संतरा, किन्नू आदि की आवक कम होने की वजह से इनके दामों में उछाल आया है। हालांकि दूसरे अन्य फलों की मंडियों में लगातार आवक होने से दिन प्रतिदिन फलों के दाम गिर भी रहे है।

पिछले साल की अपेक्षा इस साल फलों के दाम में उछाल आया है। मार्केट में केले का स्टॉक कम है। इसलिए केला महंगा हो गया है। थोक से फुटकर तक जाते-जाते और महंगा हो जाता है.हालाकि लोगों को इतना जरूरत नहीं होता है कि थोक पर खरीदे।


बाजार में फलों के थोक रेट
नारियल 50 पीस 1000 रुपए
सेब 15 केजी 13000 रुपए
अनानास 30-35
संतरा 800 रुपए पेटी
केला 400 रुपए कैरट
मोसंबी 1100 रुपए बोरा
नाशपाति 1200 रुपए पेटी


बाजार में खुदरा फल बिक्री के रेट
नारियल- 30-35 रुपए एक पीस
सेब 110 रुपए किलो
अनानास 30-35 रुपए प्रति पीस
संतरा 65-70 रुपए प्रति किलो
अनार 130- से 140 रुपए प्रति किलो
केला 40-50 रुपए दर्जन
मौसमी 50-60 रुपए केजी
सिघाड़ा 30-35 रुपए केजी
नाशपाति 90-100 रुपए केजी

पिछले साल से कम है महंगाई
पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष कीमतें अधिक नहीं बढ़ी हैै। फलों की कीमतों में मामूली इजाफा देखने को मिल रहा है। थोक में खरीदने पर कस्टमर्स को अधिक असुविधा नहीं होगी। संतरा, सेब और अनार के दामों में समय-समय पर इजाफा और कमी होती रहती है। कीमतों सप्लाई पर डिपेंड करती हैैं।
राजीव मौर्य, थोक फल विक्रेता


फल विक्रेता को नहीं लगती है महंगाई
छठ पर्व को लेकर गत वर्ष की अपेक्षा इस साल फलों के रेट में विशेष अंतर नहीं आया है। जबकि पिछले साल कोविड लॉकडाउन के चलते कम आपूर्ति होने से सेब, केला और अनार इससे भी महंगे बिके थे। इस बार सभी फलों की आवक समय पर होने से रेट नार्मल हैैं।
जीतेंद्र सिंह, फुटकर फल विक्रेता
-
महंगाई से खरीदारी कम
आस्था के महापर्व छठ को लेकर हर साल फलों के रेट में थोड़ा बहुत इजाफा होता रहता है। लेकिन महंगाई की वजह से छठ पर्व को तो स्थगित नहीं किया जा सकता है। इस पर्व से हमारी आस्था जुड़ी हई है। फलों के दाम बढऩे से हम फल थोड़ा कम खरीद रहे है, पर छठ जरूर मनाएंगे।
टाइगर जर्मन सिंह, कस्टमर्स

Posted By: Inextlive