गंगा का जलस्तर 67 पार, नौका संचालन पर रोक

दो दिनों में ही खतरे का निशान पार होने की आशंका

वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार सुबह 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही थी, लेकिन शाम में रफ्तार आधी रह गई। चार दिन में सात मीटर पानी बढ़ चुका है। अब चेतावनी बिंदु से तीन और खतरे के निशान से पानी चार मीटर नीचे है। ऐसे में यही रफ्तार रही तो अगले दो-तीन दिनों में ही खतरे का निशान पार कर जाने की आशंका है। घाटों का संपर्क टूटने के बाद सोमवार से नाव के संचालन पर भी रोक लगा दी गई। गंगा में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर एनडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है। शहर में हरिश्चंद्र और मणिकíणका घाट पर शवदाह स्थल बदलने के साथ ही दशाश्वमेध घाट सहित अन्य प्रमुख गंगा घाटों के आरती स्थल भी बदल गए हैं।

वरुणा के किनारे रहने वालों की उड़ी नींद

तेजी से जारी बढ़ाव के कारण गंगा के साथ ही वरुणा नदी के किनारे रहने वालों में खलबली मची है। गंगा के पलट प्रवाह के कारण सबसे ज्यादा बाढ़ का कहर वरुणा किनारे रहने वालों को ही झेलना होता है। रविवार को गंगा का जलस्तर जहां 64.36 मीटर पर था, सोमवार शाम छह बजे तक 67.14 मीटर तक पहुंच गया। यहां चेतावनी बिंदु 70.26 और खतरे का निशान 71.26 मीटर पर है।

ढाब क्षेत्र में घुसा पानी

गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से वाराणसी के चौबेपुर के ढाब क्षेत्र के सोते में पानी घुस गया है। इसके चलते ढाब क्षेत्र के लोगों को कटान का डर सताने लगा है। सोते में पानी घुसने से मोकलपुर गांव के संपर्क मार्ग पर पानी भर गया है और लोग नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं। इसी तरह से ढाब क्षेत्र के रमचंदीपुर, गोबरहां, छितौना, रेतापार, चांदपुर और आसपास के अन्य गांवों के लोगों की भी समस्याएं बढ़ गई हैं।

Posted By: Inextlive