-मंगलवार दोपहर तक गंगा पार कर सकती है खतरे का निशान। दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तर

-शीतला, दशाश्वमेध समेत दर्जनों घाटों की सीढि़यां हुई जलमग्न

70.78

मीटर है गंगा का जलस्तर

71.26

मीटर है खतरे का निशान

73.90

मीटर है हाईएस्ट प्वाइंट गंगा का

02

सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा पानी

05

दर्जन से अधिक इलाके

10

हजार लोगों ने छोड़ा बाढ़ की वजह से अपना घर

03

दर्जन से अधिक कॉलोनियां व मोहल्ले हुए जलमग्न

नदियों का पानी डराने लगा है। गंगा खतरे के निशान के महज कुछ नीचे है तो वरुणा ने हजारों को बेघर कर दिया है। जिनके घरों तक पानी पहुंच गया है उसमें रहने वाले अपने गृहस्थी समेटकर सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं। चेतावनी बिंदु को पार कर खतरे के निशान तक पहुंचने को आतुर गंगा के जलस्तर को लेकर जिला प्रशासन ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में एलर्ट जारी कर दिया है। दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही गंगा के जलस्तर को लेकर केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट कहती है कि मंगलवार की दोपहर बाद खतरे का निशान 1978 के मुताबिक 71.26 प्वाइंट को गंगा लांघ जाएंगी।

रोड पर पहुंच रहा पानी

प्राचीन शीतला घाट की सभी सीढि़यां डूब गई है। अब पानी सड़क तक पहुंचने लगा है। रात भर में पानी सड़क में आगे तक जाने की आशंका है। दशाश्वमेध घाट की सात-आठ सीढि़यां डूबने से बची हैं। राजेंद्र प्रसाद घाट की तरफ से ही पानी भोर तक रोड पर अजाएगा। अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस मंच तो पहले ही डूब चुका है। आरती और सांस्कृतिक बंद हो चुके हैं। गंगा का पानी अब रोड से पुराने अस्सी घाट की मोड़ तक पहुंच चुका है। इसलिए इधर बैरिकेडिंग करते हुए आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। एहतियातन पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। स्थानीय राधे झा बताते है कि जिस तरह से जलस्तर बढ़ रहा है दोपहर तक पानी मेन सड़क तक आ जाएगा। घाट किनारे जितने होटल्स व रेस्टूरेंट्स हैं, सभी अपना सामान समेट लिए है।

डूबीं दर्जनों कालोनियां

गंगा का जलस्तर इतने रफ्तार से बढ़ रहा है कि सामनेघाट की दर्जनों कालोनियां जलमग्न हो गई हैं। गायत्री नगर कालोनी, मारुती नगर कालोनी, लौटूबीर, सीर गोवर्धनपुर आदि एरिया में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। जिस तरह जलस्तर बढ़ रहा है उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि सुबह बाद वैष्णों नगर कालोनी, रत्‍‌ना विहार, तारानगर, हरिओम नगर, शिवराज कालोनी, शिवा एक्सटेंशन, महेश नगर आदि दर्जनों कालोनियों में पानी पहुंच जाएगा। ऐसे भी रविदास मंदिर के पीछे करीब 15 से 20 कालोनियों में पानी पहुंच गया है। नगवां, रमना, मदरवा आदि कई एरिया जलमग्न हो चुके है।

छतों पर लिया शरण

सामनेघाट इलाके के कई कालोनियों में मकानों का ग्राउंड फ्लोर पानी से डूबा तो छतों को लोगों ने अपना ठिकाना बनाया। छतों को ही किचन व रूम बना लिया गया है। ऐसी स्थिति हो गई है कि लोग पलायन करने को विवश हो गये हैं। कुछ तो अपने घर, मकान में चोरी होने के भय से ही निगरानी कर रहे हैं। सबसे ज्यादा नरकीय स्थिति यह हो गई है कि साफ पानी पीने को नहीं मिल रहा है। कुछ इलाकों में बिजली भी सुरक्षा को देखते हुए काट दी गई है।

वरुणा के पानी से ठहरी जिंदगानी

वरुणा नदी में बाढ़ से किनारे रहने वालों में हाहाकार मचा हुआ है। सलारपुर, पुरानापुल, पुलकोहना, सरैया, कोनिया सहित रजा कॉलोनी समेत अन्य इलाकों में वरुणा का पानी बढ़ता जा रहा हैं। किनारे बसे लोग सलामती के लिए दुआख्वानी कर रहे हैं। उनका रोजी-रोजगार सब छिन गया है। कारोबार ठप पड़ गया है। फिर से चालू होने में काफी वक्त लगेगा। बाढ़ उतरने के बाद साफ-सफाई और फिर से कारोबार जमाने में एक महीने से ज्यादा वक्त लगेगा। तब तक बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट रहेगा।

Posted By: Inextlive