तथ्यों की सत्यता की जांच किसी ख्याति प्राप्त इतिहासकार से कराने की मांग

वाराणसी (ब्यूरो)एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान वादी के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन व सुधीर त्रिपाठी ने प्रोफेसर अल्तेकर की किताब 'हिस्ट्री आफ बनारसÓ और जेम्स ङ्क्षप्रसेप की किताब 'व्यू आफ बनारसÓ का जिक्र किया। उसमें छपे पुराने आदि विश्वेेश्वर मंदिर के ग्राउंड प्लान से पूरी तरह मिलता हुए नक्शे (जो दोनों किताबों में दर्शाया गया है) की फोटो कापी दी गई।

बहुत कुछ नक्शे के अनुरूप

बताया गया है कि मुख्य गुंबद के नीचे चारों दिशाओं में दीवारों के जिग-जैग कट बने हैं। जो उतनी ही संख्या और आकार में है, जैसा किताब के नक्शे में है। इसी तरह से दो दिशा उत्तर व दक्षिण के गुंबदों के नीचे नमाज अदा करने के स्थल की दीवारों के जिग-जैग कट की शेप व संख्या भी उस नक्शे से मिलती है। इन्हीं में कुछ मूल मंडप भी स्थित हैं। मस्जिद के मध्य नमाज हाल व उत्तर व दक्षिण के हाल के मध्य जो दरवाजानुमा आर्क बना है उसकी लंबाई-चौड़ाई भी नक्शे के अनुरूप है। मस्जिद की छत पर बाहरी गुंबदों के अंदर त्रिशंकु शिखरनुमा आकृतियां इन्ही जिग-जैग दीवारों व खंभों के ऊपर टिकी है। फोटोकापी नक्शे से दीवारों के आकार का मिलान करने पर पाया गया कि दोनों में पूरी समानता है। हालांकि इन तथ्यों की सत्यता की जांच किसी ख्यातिप्राप्त इतिहासकार द्वारा कराने की बात रिपोर्ट में कही गई है.

Posted By: Inextlive