वैदिक सनातन संघ के प्रमुख ने जिला जज की अदालत में दाखिल की थी पुनरीक्षण याचिका अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव व अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की थी अपील

वाराणसी (ब्यूरो)ज्ञानवापी प्रकरण में विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र ङ्क्षसह विसेन की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका को जिला जज डा। अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। उन्होंने ज्ञानवापी परिसर स्थित काशी विश्वेश्वर मंदिर के मूल स्वरूप को बदलने एवं धार्मिक प्रतीकों को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए निचली अदालत (विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) में प्रार्थना पत्र दिया था। वहां प्रार्थना पत्र खारिज होने के बाद जिला जज की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी.

आदेश में कोई अवैधानिकता नहीं

याचिका खारिज करने का निर्णय लेते हुए आदेश में जिला जज ने कहा कि निचली अदालत की ओर से 30 मई, 2022 को पारित आदेश में कोई अवैधानिकता व अनियमितता प्रतीत नहीं होती है। आवेदन तभी ग्राह्य (पोषणीय) है जब प्रार्थना पत्र में उस तथ्य का उल्लेख किया गया हो जिसके आधार पर विपक्षी द्वारा अपराध करना प्रकट होता हो। ऐसे तथ्यों का स्पष्ट उल्लेख न करने पर यह पुनरीक्षण याचिका खारिज होने योग्य है.

यह था प्रार्थना पत्र में

जितेंद्र ङ्क्षसह विसेन ने काशी विश्वेश्वर मंदिर का मूल स्वरूप बदलने, धार्मिक प्रतीकों को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव एमएस यासीन एवं अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की अपील करते हुए विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। निचली अदालत ने 30 मई को प्रार्थना पत्र को यह कहकर खारिज कर दिया कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर प्रकरण को लेकर सिविल वाद जिला न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसी स्थिति में प्रार्थना पत्र ग्राह्य नहीं है.

Posted By: Inextlive