- कारबाइड से पक्के फल खाने से पेट के मरीजों की संख्या बढ़ी

- लीवर और किडनी पर ज्यादा पड़ रहा असर

केस-1

पेट में लगातार दर्द की शिकायत होने पर सुंदरपुर के रहने वाले राजेश केसरवानी ने डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने दवा दी और आम, केला समेत पीला फल खाने से मना किया। एक हफ्ते में पेट दर्द ठीक हो गया। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

केस-2

कोरोना से स्वस्थ होने के कुछ ही समय बाद हुकुलगंज के रहने वाले राम सागर सेठ के पेट में दर्द की शिकायत शुरू हो गई। चौकाघाट आयुर्वेद कॉलेज में दिखाने पर डॉक्टर ने कारबाइड से पक्के आम, केला खाने से मना किया तो एक हफ्ते में राहत मिल गई।

ये दो केस सिर्फ उदाहरण भर हैं। शहर में ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है, जो पेट दर्द समेत अन्य बीमारियों से परेशान हैं। कोरोना के मामले कम होने पर ये लोग फिजिशियन समेत स्पेशिलिस्ट के पास पहुंच रहे हैं। जब से ये लोग आम खा रहे हैं, तब से पेट में दर्द और जलन हो रही है। जैसे ही इन लोगों को आम खाने से मना किया गया तो दर्द बिना दवा के दो दिन में कम हो गया।

रहना होगा सतर्क

बहुत लम्बे समय से फल और सब्जियों को कारबाइड केमिकल डाल कर पकाया जा रहा है, जो जहर है। अंजाने में इसके सेवन से लोग पेट दर्ज, जलन, डायबिटीज, कैंसर, गठिया के शिकार हो रहे हैं। थोड़े पैसों के लालच में आकर दुकानदार इसका खूब प्रयोग कर रहे हैं। कैलशियम कारबाइड से पके फल संक्रामक रोग को फैलाने का कारण भी बन सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ की यही सलाह है। साथ ही इनसे पेट, मुंह, गले संबंधी रोग फैल रहे हैं। ऐसे में फलों की खरीदारी बड़ी सावधानी के साथ करने के साथ इन्हें खाते वक्त विशेष ध्यान रखना होगा।

वैसे तो बीमारियों के इस मौसम में चिकित्सक भी सभी को ताजे फल और सब्जियां खाने की सलाह देते हैं, परंतु इन्हें खाने और खरीदने से पहले सावधानी की जानकारी बहुत कम लोग रखते है। आम, केला, सेब, अमरूद, आलू-बुखारा जैसे फलों पर भी इन दिनों खरीदारों को सफेद रंग का पाउडर सा लगा दिख सकता है, परंतु हर कोई इस पर बिना ध्यान दिए इन्हें खरीदने की जल्दी में है। घरों में बच्चे तो इस बात से पूरी तरह से अनजान हैं, और सीधे ही फल उठाकर खाते हैं। फलों के राजा कहलाने वाले आम के साथ-साथ केला, पपीता, सेब, आलूबुखारा आदि कैलशियम कारबाइड से पकाया जा रहा है।

खतरनाक पदार्थ कैलशियम कारबाइड को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का यहां तक कहना है कि अन्य बीमारियों के साथ-साथ कैंसर जैसे भयंकर रोग इससे हो सकते हैं। प्रतिबंधित केमिकल के प्रयोग को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी निष्क्रिय बना है।

फल खरीदते समय क्या-क्या सावधानियां बरतें

- फल और सब्जी ताजे खरीदें

- फल-सब्जी केमिकल से पकाए न हों

- फलों को अच्छी तरह साफ पानी से धो-कर ही खाएं

- सब्जियों को उबालकर ही खाएं

- सब्जी अथवा फल काटते समय हाथ साफ रखें

कैसे पकाए जाते हैं केमिकल से फल

कच्चे फलों को बंद कमरे में कैलशियम कारबाइड के इस्तेमाल से पकाया जाता है, इसका प्रयोग प्रतिबंधित है, परंतु व्यवसाय से जुडे़ व्यापारियों के पास इससे बेहतर विकल्प नहीं है।

धारा-44 के अंतर्गत रोक है

घातक कैलशियम कारबाइड नमी के संपर्क में आने के साथ ही एसिटिलीन गैस बन जाती है, जिसके परिणाम स्वरूप गर्मी बनने से फलों के पकने का काम होता है। चौंकाने वाले तथ्य यह भी है कि गैस वैलडिंग के लैंप जलाने में इसका प्रयोग वैल्ड करते हुए होता है। इसका प्रयोग प्रीवेंशन ऑफ फूड एडलटेरेशन (पीएफए) की धारा 44 के अंतर्गत प्रतिबंधित है।

कोट देंगे

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Posted By: Inextlive