-चेतगंज थाने में न्याय नहीं मिलने से एसएसपी दफ्तर पहुंच रहे हैं पीडि़त

- 100 के आसपास प्रार्थना पत्र आ रहे हैं रोजाना एसएसपी कार्यालय में

एसएसपी कार्यालय में शिकायतों का बोझ लगातार बढ़ रहा है। कारण यह है कि स्थानीय थानों पर फरियादियों की सुनवाई नहीं होती। अगर मामला सुन भी लिया जाता है, तो कहीं न कहीं जिम्मेदारों द्वारा लापरवाही बरतने, राजनीतिक हस्तक्षेप और अन्य कारणों से फरियादियों को बार-बार दौड़ लगानी पड़ती है। ऐसे में जब विलंब पर विलंब होता जाता है तो, उन्हें थाने पर न्याय मिलने की उम्मीद न के बराबर रह जाती है। इसके बाद पीडि़त को मजबूरन एसएसपी के चौखट पर जाकर न्याय की गुहार लगानी पड़ती है। कुछ ऐसा ही हाल फरियादियों का चेतगंज थाने में हो रहा है, जहां से न्याय नहीं मिलने पर पीडि़त एसएसपी कार्यालय पहुंचने को विवश हो जा रहे हैं।

केस- 1

चेतगंज थाना क्षेत्र के मलदहिया की रहने वाली कुसुम देवी ने एसएसपी कार्यालय में दिए गए प्रार्थना पत्र में लिखा है कि 19 फरवरी को मैं घर से बाहर काम करने गई थी। इस दौरान दिन में ही जेठ और उनके परिवार के लोगों ने कमरे का दरवाजा तोड़ दिया था। जब पीडि़त घर पहुंची तो दरवाजा टूटा हुआ मिला। इसके बाद मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस थाने चेतगंज में दी। न्याय मिलने की आस में पूरा माह खत्म होने को आया तो दो दिन पहले एसएसपी कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई।

केसे -2

चेतगंज थाना क्षेत्र के ही तेलियाबाग निवासी गयासुद्दीन ने एसएसपी कार्यालय पर पहुंचकर शिकायती पत्र देते हुए लिखा है कि पैसे के लेन देन को लेकर कुछ लोग लगातार उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। थाने पर शिकायत करने पहुंचा तो वहां कोई सुनने वाला नहीं था। न्याय मिलने की आस में एसएसपी कार्यालय में आवेदन दिया।

जन सुनवाई को लेकर शासन है गंभीर

पीडि़त को उम्मीद रहती है कि यदि वह एसएसपी अमित पाठक से मिलेंगे तो उन्हें न्याय जरूर मिलेगी। इसी उम्मीद में पीडि़त थाने के बाद एसएसपी कार्यालय पहुंचते हैं। एसएसपी दफ्तर के जांच शिकायत प्रकोष्ठ के आंकड़ों पर यदि गौर करें तो प्रतिदिन 100 के आसपास प्रार्थना पत्र आते हैं।

अफसरों का भी नहीं है थानेदारों में खौफ

अफसर जनशिकायतों के निस्तारण को लेकर बैठकों में भी मातहत अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हैं और उनका प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करने की बात कहते हैं। यहां तक कि लापरवाही करने पर दंडित करने की बात कहने में भी कोई गुरेज नहीं करते, लेकिन जिले के थानेदारों पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है। एसएसपी अमित पाठक ने खासतौर पर सभी थाना प्रभारियों को चेतावनी दे रखी है कि पीडि़तों की शिकायतें न सुनने वाले थानेदारों पर कार्रवाई होनी तय है।

::: कोट ::

सभी थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिया गया है कि थाने पर आने वाले पीडि़तों की समस्याएं सुनें और उसका निस्तारण करें। शासन की भी यही मंशा है। थाने पर सुनवाई न होने के चलते जो भी पीडि़त न्याय की आस में मेरे पास आते हैं, उसको प्राथमिकता के आधार पर सुना जाता है। मेरे पास पीडि़त के आने से यह समझा जाएगा कि संबंधित थाने पर जनता की सुनवाई नहीं हो रही है, जो गंभीर है।

-अमित पाठक, एसएसपी, वाराणसी

थाना इंचार्ज इस वक्त छुट्टी पर हैं। मैं प्रभार पर हूं। पीडि़त को न्याय मिले यह मेरा प्रयास रहता है। इन दोनों मामलों में यही कह सकता हूं कि पुलिस अपना काम कर रही है।

-ओम प्रकाश सिंह, प्रभारी, चेतगंज थाना

Posted By: Inextlive