- चेतगंज थाने में शिकायत सुनने वाले अधिकारी ही नहीं

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बजे सुबह से 12 बजे तक कार्यालय में रहकर पीडि़त की फरियाद सुनने का है नियम

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घंटे में दो फरियादी आए, एक ने फोन से दर्ज की शिकायत तो एक लौटा वापस

साशन ने हर रोज थाने आने वाले फरियादियों की परेशानी सुनने और उसके निस्तारण के लिए अग्रिम कार्रवाई करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है। ऐसे में प्रत्येक दिन सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक अपने कार्यालय में रहकर फरियादियों की शिकायत अधिकारियों को सुननी होती है। इसके अलावा पूरे दिन थाने पर किसी न किसी एसआई को दिवस अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाता है, जो आने वाले लोगों की समस्याओं को सुनता है। लेकिन जिले के चेतगंज थाने में अधिकारी नहीं, वहां खाली पड़ी कुर्सियां आने वाले लोगों की फरियाद सुनती हैं। लोग अपनी परेशानी लेकर थाने पहुंचते हैं तो खाली पड़ी कुर्सियां उनका स्वागत करती हैं। पड़ताल के क्रम में शुक्रवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम चेतगंज थाने पर पहुंची तो ऐसा ही नजारा देखने को मिला।

पड़ताल के क्रम में आईनेक्स्ट की टीम चेतगंज थाने पर शुक्रवार की सुबह 11:40 बजे पहुंची। इस दौरान थाना प्रभारी कक्ष पूरी तरह से खाली था। खाली कुर्सियां आने वालों की राह देख रही थीं। वहीं बगल के बरामदे में भी चार कुर्सियां लगी हुई थीं, वह भी खाली थीं। हालांकि संतरी पहरे पर थे। लेकिन मौके पर ना तो थाना प्रभारी का पता और ना ही दिवस अधिकारी का।

केस 1

सुबह 11:42 बजे चेतगंज का ही एक पीडि़त थाने पहुंचा और उसने बताया कि बीती रात को मुझे कुछ लोगों ने काफी मारा है, उसकी शिकायत दे दी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। इसी दौरान संतरी ने कार्यालय की तरफ इशारा किया और बोला आप वहां पता कर लीजिए। इसके बाद पीडि़त और उनके साथ आए दो अन्य लोगों ने टेलीफोन पर वार्ता कर मुकदमा दर्ज न होने की बात कही। बाद में कार्यालय में उनका एनसीआर दर्ज हुआ और पीडि़त को मेडिकल चेकअप के लिए भेजा गया।

केस 2

दोपहर के 12 बजने ही वाले थे, कि एक और व्यक्ति अपनी फरियाद लेकर थाने पहुंचा। थाना अध्यक्ष का कार्यालय खाली देखकर वह कुछ देर के लिए वहां रुका, फिर बाहर आ गया। करीब 15 मिनट रुकने के बाद वह फिर अंदर गया और संतरी से बात की। वहीं रिपोर्टर ने जब उससे उसकी समस्या पूछी तो वह बोला की अधिकारी को ही बताएंगे। आज का दिन तो बर्बाद हो गया। कोई सूनने वाला ही नहीं है।

धूल से पटा महिला हेल्प डेस्क कक्ष

थाने में योगी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और उनकी शिकायतों को प्राथमिकता देने के लिए अगल से महिला हेल्प डेस्क का शुभारंभ किया था। लेकिन आज वे दुर्दशा की भेंट चढ़ चुके हैं। चेतगंज थाने पर महिला हेल्प डेस्क केबिन किसी तरह बनाया तो गया है, लेकिन केबिन में धूल और गंदगी प्रवेश कर रहा है। पूरा कमरा धूल से पट रहा है। ऐसे में सवाल है कि वहां कितनी शिकायतें आती होगीं, और उस हेल्प डेस्क पर न जाने कौन बैठता होगा।

आधी सड़क पुलिस के कब्जे में

बनारस शहर में आए दिन लोग जाम की समस्याओं से जूझते रहते हैं, इसके समाधान में ट्रैफिक के साथ पुलिस प्रशासन लगा रहता है। लेकिन अगर पुलिस ही आम जनता से ज्यादा नियमों को रौंद दे तो उसे क्या कहेंगे। बता दें कि सबसे व्यस्तम चेतगंज थाने के सामने फरियादियों की गाडि़यां एकाध खड़ी रहती हैं, लेकिन पुलिस कर्मियों की बाइकें सड़क पर उस तरह से खड़ी रहती हैं कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।

::: कोट :::

सुबह 10 बजे से 12 बजे तक जनता की समस्या सुनने के लिए समय निर्धारित किया गया है। इसके अलावा किसी न किसी को थाने पर दिवस अधिकारी के रूप में नामित किया जाता है, जो आने वाले फरियादियों की शिकायत सुनते हैं। शुक्रवार का मामला देखता हूं।

नितेश प्रताप सिंह, सीओ चेतगंज

Posted By: Inextlive