-वाराणसी नई दिल्ली कॉरिडोर का डीपीआर बनाने को कैंट स्टेशन पर शुरू हुआ सर्वे

-बनारस के कैंट, मंडुवाडीह व सिटी स्टेशन पर ट्रैफिक सर्वे के लिए एजेंसी को मिला परमिशन

वाराणसी से नई दिल्ली के बीच हाई स्पीड बुलेट ट्रेन चलाने के कार्य को तेज कर दिया गया है। इस कार्य के लिए कंसल्टेंट बनाए गए नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन ने हाई स्पीड कॉरिडोर के लिए डीपीआर बनाने को बनारस के स्टेशन पर सर्वे स्टार्ट कर दिया है। वाराणसी के कैंट, मंडुवाडीह व सिटी स्टेशन पर कई स्तर पर सर्वे किया जा रहा है। 24 घंटे चलने वाले में ट्रैफिक सर्वे, साइट फोटोग्राफी, ट्रैफिक डाटा, लैंड यूज उाटा, ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को शामिल किया गया है। इसके अलावा यहां से ओरिजिनेट और डेस्टिनेशन पर पहुंचने वाली ट्रेंस का भी सर्वे किया जा रहा है। वाराणसी से शुरु होने वाला हाई स्पीड कॉरिडोर लखनऊ के रास्ते नई दिल्ली तक जाएगा।

24 घंटे तक हो रहा सर्वे

हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का सर्वे तेजी से पूरा किया जाएगा। जिससे डीपीआर समय रहते बनाया जा सके। बनारस के स्टेशन पर होने वाले सर्वे में 24 घंटे तक आकलन किया जाएगा। ताकि सही आकड़ा रिपोर्ट में आ सके। इसके आधार पर ही डीपीआर बनाया जाएगा। बता दें कि डीपीआर बनने के बाद ही इस कार्य को गति मिल पाएगी। हालांकि यूपी गवर्नमेंट ने सर्वे कार्य में हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल की भी इजाजत दे दी है। हेलिकॉप्टर से होने वाले सर्वे में लीडार तकनीक का उपयोग किया जाएगा। वाराणसी से नई दिल्ली तक बुलेट ट्रेन जमीन के साथ ही सुरंग और एलिवेटेड ट्रैक से भी गुजरेगी।

अब होंगे 14 स्टेशन

वाराणसी से नई दिल्ली के बीच हाई स्पीड कॉरिडोर में 14 स्टेशन बनाए जाने का प्रस्ताव है। प्रोजेक्ट से जुड़े ऑफिसर्स के मुताबिक पहले सिर्फ 12 स्टेशन बनाए जाने थे, लेकिन कानपुर और न्यू भदोही को इसमें जोड़ा गया है। लखनऊ में यह अवध हॉस्पिटल चौराहे के पास से कांशीराम स्मारक होते हुए गुजरेगी। नई दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के एलाइनमेंट में अवध चौराहा आ रहा है, इसके लिये एनएचआरसीएल ने यूपी मेट्रो को लेटर भी लिखा है। इस चौराहे पर यूपीएमआरसी ने स्टील का लंबा स्पेशल स्पैम बनाया है। 21 दिसंबर को लिखे इस लेटर में वाराणसी-नई दिल्ली हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का डीपीआर तैयार होने की बात कही गई है। वहीं कैंट स्टेशन के डायरेक्टर ऑफिस को मिले लेटर के मुताबिक कंसल्टेंट की ओर से डाटा कलेक्शन और सर्वे का काम शुरू किया गया है।

800 किमी लंबा होगा रूट

प्रस्तावित वाराणसी-नई दिल्ली कॉरिडोर पर घनी आबादी वाले शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों, राजमार्ग, सड़क, घाट, नदियां, हरे-भरे खेत आदि हैं, जिससे यहां सर्वेक्षण करना अधिक चुनौतीपूर्ण है। एनएचएसआरसीएल (नेशनल हाईस्पीड रेल कॉपोरेशन लिमिटेड) को रेल मंत्रालय द्वारा दिल्ली-वाराणसी एचएसआर कॉरिडोर की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा गया है। कॉरिडोर की संभावित लंबाई 800 किमी है। उधर सर्वे के लिए रक्षा मंत्रालय से हेलीकॉप्टर उड़ाने की अनुमति मिल गई है।

एक नजर

- 250 की स्पीड से चलेगी ट्रेन

- वाराणसी-नई दिल्ली के बीच बनेगा हाईस्पीड रेल कॉरिडोर

- जमीनी सर्वे के लिए एरियल लिडार का इस्तेमाल किया जा रहा है

- इसके लिए प्रयागराज, कछवा रोड, भदोही-वाराणसी मार्ग तथा दिल्ली-हावड़ा रूट का सर्वे किया जाएगा।

- ट्रेन के लिए रूट का अधिक से अधिक सीधा होना जरुरी है।

- इसलिए सर्वे के दौरान इसका ध्यान रखा जाएगा।

- साल 2024 तक कॉरिडोर को पूरा करने का है लक्ष्य

- अभी तक वंदे भारत है सबसे तेज चलने वाली ट्रेन

- बनारस से दिल्ली के बीच चलती है ये ट्रेन

वाराणसी से नई दिल्ली के बीच बनने वाले हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए कैंट स्टेशन पर सर्वे करने को परमिशन दे दिया गया है। एजेंसी ने अपने लेवल से सर्वे स्टार्ट कर दिया है।

आनंद मोहन, डायरेक्टर

कैंट स्टेशन

Posted By: Inextlive