रंगभरी के अगले दिन महाश्मशान घाट पर खेली गई चिता भस्म होली इसमें शिरकत करने देश-विदेश से लाखों की संख्या में पहुंचे सैलानी भूत-पिशाच बने कलाकारों ने दिखाए करतब होली देखने के लिए उमड़े हजारों की संख्या में श्रद्धालु

वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में मंगलवार महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर ब्रज और द्वारिका के पैर्टन पर होली खेली गई। मणिकर्णिका महाश्मशान घाट पर बाबा विश्वनाथ और हजारों की तादात में शिवगणों ने धधकती चिताओं के बीच चिता भस्म की होली खेली। इस दौरान शिवभक्तों की जय-जयकार से महाश्मशान घाट का माहौल शिवमय हो गया। यह अनूठी होली देखने के लिए देश-विदेश से पचास हजार से अधिक की तादात में श्रद्धालु और सैलानी यहां पहुंचे। इधर, महादेव ने काशी की जनता को रंगभरी एकादशी पर आशीर्वाद दिया। साथ ही ससुराल पहुंचे बाबा ने पार्वती का गौना लेकर काशी की गलियों का भ्रमण भी किया।

दुनिया की अनोखी होली

बनारस में पुराने समय से चली आ रही मान्यता और परंपरा के लिहाज से रंगभरी एकादशी के दिन हरिश्चंद्रा घाट पर चिता भस्म की होली खेली गई। इस होली को अपनी आंखों से निहारने के लिए हजारों की तादात में सैलानी घाट का रूख किए। नेक्स्ट डे यानी मंगलवार को महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर बाबा विश्वनाथ और शिवगणों ने चिता भस्म मेंंं शिव तांडव गीतों पर जमकर होली खेली। पचास हजार से अधिक सैलानी इस दिव्य और अविस्मरणीय पल के गवाह बने। मान्यता है कि मोक्ष की नगरी काशी में भगवान शिव स्वयं तारक मंत्र देते हैं।

हुड़दंग का आनंद

चिता भस्म की होली पर बाबा के भक्त जमकर झूमे और मशान खेलें मसाने में होली दिगंबर। के बोलों से गूंज उठा। भक्तों ने बाबा के संग जमकर मसान की होली खेली। हजारों लोगों ने हर-हर महादेव के जयघोष किया। साथ ही लोगों ने डमरू बजाकर होली का हुड़दंग का आनंद लिया। मंगलवार से शहर में होलीयारों के हुड़दंग का आगाज हो गया है।

हर-हर महादेवगूंजी दिशाएं

महाश्मशान घाट पर अड़भंगियों ने बाबा के भक्तों के साथ चिता भस्म और अबीर-गुलाल से जमकर होली खेली। मंगलवार की सुबह से ही बाबा मशान नाथ की विधि विधान पूर्वक पूजा का दौर शुरू हुआ तो चारों दिशाएं हर-हर महादेव से गूंज उठीं.

बाबा मशाननाथ का किया भव्य श्रृंगार

बाबा धाम में रंगभरी के बाद बाबा मशाननाथ की सुबह से ही भव्य ऋंगार

और पूजन अनुष्ठान का दौर चलाता रहा। होली शुरू होते ही घाट भी महादेव के भस्म से सराबोर नजर आए। फाग गीत के बीच महादेव शिव जीवन-मरण के दर्शन को अपने भक्तों को उत्सव रचाकर समझाने के लिए भक्तों के बीच आ गए। चिता भस्म होली में भगवान शिव व पार्वती के साथ नंदी, भृंगी, भूत, पिशाच, शृंगी, नाग, गंधर्व, देवता और किन्नरों की टोली शोभा ने शोभा बढ़ाया। इसके बाद बाबा को फलाहार का भोग लगाकर महाआरती की गई। राजसी ठाट में शृंगार के बाद श्रद्धालुओं के लिए झांकी दर्शन आरंभ हो गया। शाम को आरती के बाद बाबा की रजत पालकी विश्वनाथ मंदिर के लिए रवाना हुई तो अद्भुत स्वरूप को हर कोई आंखों में बसाने को आतुर नजर आया.

Posted By: Inextlive