समर वेकेशन में मिला होमवर्क बच्चों के साथ पेरेंट्स को भी करना पड़ रहा टीचर्स ने कहा बच्चों के अच्छे एग्जाम के लिए करा रहे तैयारी


वाराणसी (ब्यूरो)स्कूल स्टूडेंट्स एग्जाम में बेहतर परफॉरमेंस के लिए हर मुमकिन प्रयास करते हैं। चाहे फिर संडे की एक्स्ट्रा क्लासेज हो या फिर समर वेकेशन का हॉलीडे होमवर्क। यह सब स्टूडेंट को एग्जाम के लिए प्रिपेयर कराने का ही हिस्सा है, लेकिन स्कूलों की तैयारी कराने के तरीके से बच्चों के पेरेंट्स नाखुश हैं। वे सोशल मीडिया प्लेटफार्म से अपनी बात शेयर कर रहे हैं। उनका कहना है कि स्कूल की तरफ से दिए जा रहे अतिरिक्त होमवर्क से पेरेंट्स भी परेशान हैं।

स्कूल्स ने बताई ज्यादा पढ़ाई कराने की वजह

सीबीएसई स्कूल से जुड़े लोगों का कहना है कि स्कूल बच्चों पर बोझ नहीं डाल रहा है बल्कि उन पर बोझ न पड़े, इसके लिए तैयारी कराता है। अप्रैल में बच्चे अपने सिलेबस की पढ़ाई करते हैं। फिर अगले महीने उनका समर वेकेेशन स्टार्ट हो जाता है, जिस कारण पढ़ा हुआ वह भूल जाते हैं। इसके बाद उन पर पढ़ाई का ज्यादा प्रेशर पड़ता है। ऐसा न हो, इसके लिए सीबीएसई उन्हें उनके सिलेबस से जुड़ा हुआ ही हॉलीडे होमवर्क करने के लिए देता है। साथ ही बच्चों को हॉलीडे में एक्टिविटी कराने के लिए स्कूल्स में समर कैंप का आयोजन भी किया गया है.

क्लासेज के हिसाब से डिवाइड होता है होमवर्क

सीबीएसई स्कूल्स की टीचर्स ने बताया कि क्लासेज के हिसाब से बच्चों को हॉलीडे होमवर्क दिया जाता है। अगर कोई स्टूडेंट यूकेजी से लेकर पांचवीं कक्षा का स्टूडेंट है तो उसे उनकी एक क्लास आगे का होमवर्क दिया जाता है, जिससे वह आगे की कक्षा की पढ़ाई को भी जानें। वहीं कोई छठवीं से लेकर बारहवीं तक का स्टूडेंट है तो उन्हें बिजनेस से जुड़ा हॉलीडे होमवर्क दिया जाता है। इससे वह बिजनेस से जुड़ी बातों को भी समझते हैं.

पेरेंट्स बोले- उन पर होमवर्क कराने का प्रेशर

सोनाली गुप्ता का बेटा सिद्धांत गुप्ता 12वीं क्लास का स्टूडेंट है। वह शहर के एक सीबीएसई स्कूल में पढ़ता है। सोनाली ने बताया कि आजकल बच्चों पर स्कूल द्वारा बहुत अधिक प्रेशर दिया जा रहा है। होमवर्क के चलते बच्चे खेलना तो भूल ही गए हैैं। साथ ही मोबाइल उनकी नई दुनिया बन गई है। स्कूल प्रशासन से अनुरोध है कि बच्चों पर पढ़ाई का बोझ कम डालेें.

मोनिका खेमका की बेटी गौरंगी यूकेजी में पढ़ती हैं। उन्होंने कहा कि जो होमवर्क बच्चों को स्कूल द्वारा दिया जा रहा है। वो केवल बच्चों के लिए नहीं बल्कि उनकी माताओं को भी करना पड़ता है। आज के समय में समर वेकेशन का मतलब स्कूल का काम पूरा करना होता है। बच्चों के लिए मस्ती, खेलना, ननिहाल या और कोई एक्टिविटी करना बहुत भारी काम हो जाता है। स्कूल अपना कर्तव्य पूरा न करके, सब बच्चों और उनके परिवार पर छोड़ देते हैं.

मायने रखती गर्मी की छुट्टी

प्रीती सिंह का बेटा मेहुल कुमार सिंह बनारस के एक सीबीएसई स्कूल में स्टूडेंट है। प्रीती ने बताया कि समर वेकेशन के समय बच्चों पर पढ़ाई का इतना प्रेशर नहीं डालना चाहिए। बच्चों के लिए गर्मी की छुट्टी बहुत मायने रखती है। बहुत बड़े पैमाने में स्कूलों के द्वारा बच्चों के ऊपर दवाब बनाया जा रहा है, जोकि गलत है। बच्चों को समर वेकेशन के दौरान इतनी पढ़ाई नहीं करानी चाहिए.

बच्चों को हॉलीडे होमवर्क देने का मकसद हैै कि वह एग्जाम में बेहतर प्रदर्शन करें। स्कूल उनकी एक्टिविटी के लिए समर कैंप का आयोजन भी तो कर रहा है.

रचना श्रीवास्तव, डायरेक्टर, सिल्वर ग्रोव स्कूल

स्कूल लगातार बच्चों का प्रेशर कम करने की कोशिश कर रहा है। बच्चों को समर वेकेशन में पढ़ाई कराने से वह अपना सिलेबस भूलते नहीं हैं.

गुरमीत कौर, कोऑर्डिनेटर, सीबीएसई

Posted By: Inextlive