- ऑपरेशन दस्तक के तहत चिह्नित किए जा रहे ऐसे लोग, जो जमानत पर छुटे और हो गए भूमिगत

-कमिश्नरेट पुलिस उनकी सूची अलग से कर रही तैयार

2678 लोग जो अपराध में शामिल रहे हैं उनका सत्यापन करने में पुलिस जुटी है

केस 1

एक दशक पूर्व बिहार के पुíणया निवासी फारुक पर हत्या का केस आदमपुर थाने में दर्ज है। तभी से वह फरार चल रहा है। फारूख पर ढाई हजार रुपए का इनाम भी घोषित है। पुलिस उसके सत्यापन और उसकी तलाश में पुíणया तक गई, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला।

केस 2

चंदौली निवासी जावेद आदमपुर में वर्ष 2006 में हत्या का आरोपित है। उसके ऊपर उसी समय से ढाई हजार रुपए का इनाम घोषित था। कमिश्नरेट पुलिस जब चंदौली पुलिस के साथ जावेद के गांव में पहुंची तो पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। इसकी पुष्टि वहां के ग्राम प्रधान ने भी की।

ये दो केस तो उदाहरण भर हैं। इस तरह के अपराधी हर थाना क्षेत्र में हैं, जिनकी तलाश पुलिस के लिए चुनौती बन रही है। कमिश्नरेट के सभी थानों में दो से तीन ऐसे इनामी हैं, जिनका पता नहीं चल पा रहा है। अब अपराध पर लगाम के लिए पुलिस ने इनकी सूची बना तलाश शुरू कर दी है।

वाराणसी के कमिश्नरेट बनने के बाद से ही पुलिस कमिश्नर ए। सतीश गणेश ने अपराध नियंत्रण के लिए नई-नई योजनाएं शुरू की। इसके तहत मोहल्ले में होने वाले विवाद में बीट के सिपाहियों की जवाबदेही तय करने के अलावा ऑपरेशन दस्तक के माध्यम से अपराधियों के वेरिफिकेशन का अभियान भी चलाया गया। लेकिन कमिश्नरेट के थाना क्षेत्रों में कुछ ऐसे भी अपराधी हैं, जो जमानत पर छूटे और वे भूमिगत हो गए हैं, पुलिस उनकी तलाश के लिए अलग से सूची तैयार कर रही है। यही नहीं अगर वे लापता हैं तो उनके साथ कौन सा अपराधी जेल गया उसके माध्यम से उसे तलाशने का काम पुलिस करेगी। अगर इसके बाद भी वह नहीं मिला तो ऐसे अपराधियों की जमानत लेने वाले भी पुलिस की रडार पर होंगे। पुलिस उनपर शिकंजा कसने का काम करेगी।

तैयार हो रही सूची

ऑपरेशन दस्तक के तहत सजा काटकर बाहर आ चुके अपराधियों का सत्यापन करने में कमिश्नरेट पुलिस जुटी है। अपराध में शामिल रहे कुल 2678 लोगों का सत्यापन करने में पुलिस जुटी है। सत्यापन के दौरान कई ऐसे कुख्यात, इनामी और हिस्ट्रीशीटर हैं, जिनका कोई पता ही नहीं चल रहा है। पुलिस ऐसे लोगों की अलग से सूची तैयार कर रही है।

अलग सूची तैयार होगी

लापता अपराधियों की तलाश के लिए पुलिस अलग सूची तैयार करेगी। इनकी तलाश के लिए अब नए सिरे से काम पुलिस करेगी। यही नहीं पुलिस यह देखेगी कि पिछली बार किस अपराध में वह जेल गया था और उसका साथी कौन था? उसके जरिये तलाश की जाएगी। अगर वह अकेले जेल गया था तो फिर पुलिस जमानतदार को पकड़ेगी। जमानतदार के जरिए पुलिस उस तक पहुंचने की कोशिश करेगी।

ऑपरेशन दस्तक के तहत चलाए जा रहे अभियान में पुलिस अपराधियों के घर पर जाकर उनके वेरिफिकेशन कर रही है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि उनकी वर्तमान समय में क्या आपराधिक गतिविधियां हैं? अपराधियों के घर वालों के अलावा उनके आस पास, मोहल्ले के लोगों से भी उनकी एक्टिविटी पता की जा रही है। कुछ ऐसे भी अपराधी हैं जो जमानत के बाद भूमिगत हो गए हैं। उनकी अलग से सूची तैयार कर जमानतदारों को ट्रेस किया जाएगा।

ए। सतीश गणेश

पुलिस कमिश्नर

वाराणसी कमिश्नरेट

Posted By: Inextlive