बनारस में 515 मंदिरों से 10623 किलोग्राम निकलते हैं फूल वाराणसी में मंदिरों में चढ़ाए गए फूलों को बर्बाद नहीं किया जाएगा


वाराणसी (ब्यूरो)काशी जैसे धार्मिक स्थल में मंदिरों की कमी नहीं है। यहां रोज शहरवासी समेत सैकड़ों लोग तमाम मंदिरों में दर्शन करने के लिए आते हैं और भारी मात्रा में फल-फूल भी चढ़ाते हैं। फल तो प्रसाद के रूप में उपयोग किए जा सकते हैं लेकिन जो चढ़ाए हुए फूल होते थे उन्हें कचरे में फेक दिया जाता था। पर अब वाराणसी में मंदिरों में चढ़ाए गए फूलों को बर्बाद नहीं किया जाएगा, बल्कि इनका यूज करके इनसे अगरबत्ती और धूप बनाई जाएगी। इससे पूजा घर तो महकेगा ही साथ ही, सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। नगर निगम ने वाराणसी शहर के मंदिरों से निकलने वाले फूलों के सदुपयोग के लिए बेहतर प्लानिंग तैयार की है.

फूलों का होगा उपयोग

फूलों के सदुपयोग के लिए सबसे पहले बनारस के मंदिरों से निकलने वाले फूलों के वजन को पता लगाया है। इसकी शुरूआत सबसे पहले उन मंदिरों से होगी जहां से सबसे ज्यादा फूल माला निकलते है। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि इससे फूलों को नष्ट करने की समस्या का भी हल हो जाएगा। धार्मिक पवित्रता के कारण फूलों को कहीं भी फेका नहीं जा सकता है। ऐसे में यह उनका उपयोग करने का सबसे अच्छा तरीका है।

मंदिरों से निकलता है 10623 किलोग्राम फूल

नगर निगम के सर्वे करने के बाद आकड़ों से ये पता चला है कि वाराणसी के 515 मंदिरों से सामान्य दिनों में 3800 किलोग्राम फूल और त्योहार के सीजन में 10623 किलोग्राम फूल निकलते है। नगर निगम वाराणसी के पीआरओ संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि फूलों का सदुपयोग हो इसके लिए नगर निगम वाराणसी कुछ बड़ी कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है। जिससे इन फूल माला का डिस्पोजल वैज्ञानिक विधि से हो सके। जिसे निकालने वाले वेस्ट मटेरियल से धूप और अगरबत्ती बनाया जा सके। कुछ कंपनियों द्वारा प्रपोज किया गया है जिसपर अभी बातचीत चल रही है।

ऐसे बनेगी अगरबत्ती

नगर निगम की गाड़ी फूल मालाओं को प्लांट तक ले जाएगी। उसके बाद फूल धूप में सुखाकर उन्हें मशीन में डालकर अलग किया जायेगा। फिर जो मटेरियल निकलता है, उसी अपशिष्ट को अन्य मशीन में घोलकर डाला जाता दिया जाएगा। कुछ देर में मशीन द्वारा अगरबत्ती और धूपबत्ती स्टीक तैयार हो जाएगा। इसे धूप में सुखाने के बाद लेबल लगी थैली में पैक कर दिया मार्केट में भेजा जाएगा। सूखे, गीले व प्लास्टिक कचरे और मलबे के निस्तारण के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। अब मंदिरों में चढऩे वाले फूल और मालाओं के वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण के लिए सोलर युक्त प्लांट लगाने की योजना है। जिसके लिए विभिन्न कंपनियों ने प्रपोजल दिया हैं। कंपनी अपने खर्च से प्लांट लगाएगी। इसके लिए निगम उसे कोई रकम नहीं देगा। कंपनी अपने कारीगरों से फूल-मालाओं के कचरे से धूपबत्ती और अगरबत्ती तैयार कराएगी। उसे बेचने के लिए कंपनी ही खुद मार्केटिंग भी करेगी.

फूलों का सदुपयोग हो इसके अब इनसे अगरबत्ती और धूप बनाई जाएगी। नगर निगम वाराणसी इसके लिए कुछ बड़ी कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है.

संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ, नगर निगम

Posted By: Inextlive