हड्डी और जोड़ों में दर्द की शिकायत के बढ़े पेशेंट ओपीडी में आने वाले 40 प्रतिशत मरीजों में विटामिन डी की कमी इसमें 60 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं को तकलीफ


वाराणसी (ब्यूरो)अभी तक हड्डियों की कमजोरी, गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं को उम्र बढऩे के साथ होने वाली बीमारी के रूप में जाना जाता था। लेकिन लाइफस्टाइल और खानपान गड़बड़ी के कारण अब यह कम उम्र के लोगों में भी इन रोगों का खतरा काफी बढ़ गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह बन रही है विटामिन डी की कमी। बनारस में इस तरह के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। चिकित्सकों की मानें तो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन- डी की बेहद जरूरत होती है। यह शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायक होता है, लेकिन बनारस के लोगों में इसकी मात्रा कम होती जा रही है। इसके चलते वे इस तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। बीएचयू के एसएस अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में जांच कराने वाले हर 100 लोगों में 40 लोगों में विटामिन डी की कमी मिल रही है। इसमें भी महिलाएं अधिक प्रभावित हो रही है।

ब्लड जांच में पुष्टि

सिटी के अस्पतालों में हर माह करीब 1000 मरीज विटामिन डी की समस्या वाले पहुंच रहे हैं। इसमें ज्यादा संख्या महिलाओं की है। ट्रॉमा सेंटर, एसएस अस्पताल बीएचयू व मंडलीय अस्पताल में लोग जोड़ों में दर्द, चलने में परेशानी, कमजोरी की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। जांच के बाद पता चलता है कि यह समस्या विटामिन डी की वजह से होती है। यहां हर महीने खून जांच में करीब 600 से 700 मरीजों में विटामिन डी की कमी मिल रही है। इसमें 60 प्रतिशत यानी 400 से 450 की संख्या महिलाओं की है। इसके अलावा दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल, राजकीय आयुर्वेद कॉलेज और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को मिलाकर करीब हर महीने 400 से 450 मरीज विटामिन डी की कमी वाले मिल रहे हैं.

हो सकता है ऑस्टियोपोरोसिस

चिकित्सकों की मानें तो विटामिन-डी को हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक माना जाता है। बच्चों में इसकी कमी से हड्डियों की विकृति होने का जोखिम रहता है जो रिकेट्स रोग का कारण बन सकती है। वयस्कों में हड्डियों में कमजोरी और इसके घनत्व के कम होने का जोखिम देखा जाता रहा है। शोधकर्ताओं ने पाया विटामिन-डी का निम्न स्तर आम है, ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। विटामिन-डी कैल्शियम के अवशोषण के लिए आवश्यक है और कैल्शियम हड्डियों के निर्माण और कोशिकाओं को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है.

बचाव के लिए क्या करें

-हर दिन कम से कम आधा घंटा सुबह की धूप जरूर लेनी चाहिए.

-संतरे का सेवन करना चाहिए.

-दूध, दही सहित अन्य डेयरी उत्पाद ले सकते हैं.

ऑस्टियोपोरोसिस के प्रकार

ऑस्टियोपोरोसिस दो मुख्य प्रकार के होते हैं, जिसमें पहला प्राइमरी ऑस्टियोपोरोसिस, यह अचानक होता है, जबकि दूसरा सेकंडरी ऑस्टियोपोरोसिस है। यह किसी दूसरे विकार या दवाई की वजह से होता है

हड्डियों में होने वाली किसी भी तरह की समस्या शारीरिक मुद्रा और क्वालिटी ऑफ लाइफ को प्रभावित करने वाली हो सकती है। कम उम्र से ही हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए प्रयास जरूरी है। लोग धूप से बचने का प्रयास करते है, जबकि विटामिन डी के लिए यह बेहद आवश्यक है। ओपीडी में आने वाले 100 में से 40 मरीजों में यह समस्या देखी जा रही है।

डॉआनंद उपाध्याय, आर्थोपेडिक्स

Posted By: Inextlive